हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) की अतीत को लेकर सोशल मीडिया पर अक्सर लोग सवाल उठाते रहे हैं। अब यह बात सामने आई है कि वह कई वर्षों तक सऊदी अरब (Saudi Arab) में रहा है।
यह आरोप अभियोजन पक्ष के वकील अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट में लगाया है। वकील का कहना है कि उसके टेलीफोन नंबर से पता चलता है कि वह कई वर्षों तक सऊदी अरब रहा है। हनीमून-हनुमान वाला ट्वीट उसके प्लान का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि जुबैर को पाकिस्तान, सऊदी अरब, सीरिया जैसे देशों से चंदा मिल रहा है।
Prosecution: As per telephone number #MohammadZubair has been staying in Saudi Arabia for many years. That tweet was PLANNED, and was not a ‘mere joke’ as mentioned by the the counsel of Zubair
— LawBeat (@LawBeatInd) July 14, 2022
वहीं, जुबैर के वकील वृंदा ग्रोवर ने किसी भी विदेशी चंदे से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि ना ही व्यक्तिगत रूप से मोहम्मद जुबैर ने और ना ही प्रवदा मीडिया ने विदेश से कोई चंदा लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ भारतीय दानदाताओं से चंदा लिया है और वह भी भारतीय बैंक के खाते में।
इस पर अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा, जुबैर ने बहुत ही चतुराई से ‘गुमनाम’ नाम से कई चंदे लिए हैं। कोई दे रहा है और इसे लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जुबैर ने FCRA का उल्लंघन करते हुए 56,00,000 रुपए लिए हैं। चंदे लेने के दौरान कई तरह की फॉरजरी की गई है।
अर्णव गोस्वामी केस का उदाहरण देते हुए वृंदा ग्रोवर ने कहा, “मैं (जुबैर) एक पत्रकार हूँ। मैं एक फैक्ट चेकर हूँ। मेरे द्वारा कही गई बातें अप्रसन्नता वाली हो सकती हैं। मेरी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को कम करना मेरे अधिकार का उल्लंघन होगा।
बता दें कि मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने पाया था कि मोहम्मद जुबैर के खिलाफ जाँच अभी शुरुआती चरण में है और उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं। इस मामले में जुबैर की जमानत की याचिका पर अगली सुनवाई शुक्रवार (15 जुलाई 2022) को सुनवाई होगी।
उधर, जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर उत्तर पुलिस द्वारा दर्ज की गई 6 FIR को रद्द करने की माँग की है। याचिका में सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और हाथरस की दो FIR का जिक्र है। याचिका में यह भी कहा गया है कि दिल्ली से बाहर की सी FIR को दिल्ली वाली FIR के साथ क्लब कर दी जाए।
इसके साथ ही याचिका में इन सभी मामलों में सुप्रीम कोर्ट से जमानत की माँग की गई है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है कि इन मामलों की जाँच के लिए यूपी सरकार द्वारा SIT गठन को भी चुनौती दी गई है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी के बेंच ने ज़ुबैर को यूपी के सीतापुर मामले में कुछ निश्चित शर्तों के साथ पाँच दिन की अंतरिम बेल दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि इस दौरान ज़ुबैर ट्वीट नहीं करेगा। इसके साथ ही वह दिल्ली छोड़कर कहीं नहीं जाएगा। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट से पाँच दिन की अंतरिम जमानत के बाद भी वह अन्य मामलों में पुलिस हिरासत में है।