पाकिस्तान से बलूचों की आजादी की संघर्ष काफी पुराना है। पाकिस्तानी फौजें इस इलाके में किस तरह मानवाधिकारों का दमन करती है, यह भी छिपी नहीं है। पाकिस्तनी फौज के अत्याचारों का जिक्र करते हुए डॉ. नायला कादरी (Dr. Naela Quadri Baloch) ने कहा है कि जो हालात हैं उसमें बलूचों के लिए जीना कठिन, जबकि मौत आसान लगती है।
नायला कादरी विश्व बलोच महिला संघ की अध्यक्ष और बलोच निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री हैं। 2012 में निर्वासित होने के बाद से उन्होंने कनाडा में शरण ले रखी है। इस समय वे बलूचिस्तान की आजादी के लिए समर्थन जुटाने को भारत दौरे पर हैं। इसी क्रम में वे शुक्रवार (15 जुलाई 2022) को राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुँचीं।
दैनिक भास्कर को पाकिस्तानी फौज की प्रताड़नाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “इस वक्त पाकिस्तान बलोच के साथ जो कर रहा है, उससे किसी की भी रूह काँप जाएगी। वहाँ लड़कियों की बॉडी को मशीन से ड्रिल किया जा रहा है।” नायला कादरी ने बताया कि पाकिस्तानी फौज ने रेप हाउस बना रखे हैं। जहाँ बलूचों की छोटी-छोटी बच्चियों को नंगा कर टॉर्चर किया जाता है।
उन्होंने बताया, “मुझे बलूचिस्तान की आजादी सबसे प्यारी है। आजादी की जंग में हमारे 2 लाख से ज्यादा बलूच युवा और महिलाएँ, बच्चे, बूढ़े शहीद हो चुके हैं। पिछले 15 सालों में पाकिस्तान और चीन की सेना ने बलूचिस्तान में लगभग 55 हजार से ज्यादा लोगों को गायब कर दिया है। इनमें 90 साल के बूढ़े से लेकर 7 दिन की बच्ची तक शामिल हैं। महिलाओं की हालत बद से बदतर है। वहाँ ना तो जिंदगी है और ना ही इज्जत। महिलाओं, बच्चियों को घरों से उठाकर ले जाते हैं। कोई पूछने वाला नहीं है। हम चाहते हैं हिन्दुस्तान की जनता बलूच के साथ जुड़कर आजादी के संघर्ष में हर लेवल पर हमारा साथ दे।”
बता दें कि इससे पहले डॉ. नायला कादरी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा पहुँची थीं। वहाँ उन्होंने मीडिया से कहा था, “अगर भारत, बांग्लादेश, भूटान को अमन, चैन, शांति चाहिए तो बलूचिस्तान को आतंकवाद से आजाद कराना होगा। आतंकवाद की फैक्ट्री पाकिस्तान को खत्म करना होगा।”