बांग्लादेश में एक बार फिर मुस्लिम भीड़ ने उत्पात मचाया है। नरैल के लोहागारा के सहपारा इलाके में कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने हिन्दुओं के एक मंदिर, किराने की दुकान और कई घरों को तोड़ दिया। पुलिस का कहना है कि 18 साल के हिन्दू लड़के की फेसबुक पोस्ट ने मुस्लिमों को हिंसा के लिए उकसाया, जिसके बाद जुम्मे (15 जुलाई 2022) की नमाज के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया।
हिन्दू लड़के की फेसबुक पोस्ट से नाराज उन्मादी भीड़ ने पहले तो हिन्दुओं के घरों पर पत्थरबाजी की। इसके बाद वे सहपारा मंदिर में घुस गए और अंदर रखे फर्नीचर को तोड़ दिया। इसके बाद मुस्लिमों ने फेसबुक पोस्ट करने वाले किशोर के पिता की किराने की दुकान में तोड़फोड़ की। मुस्लिमों का आरोप था कि फेसबुक पोस्ट से उनकी भावनाएँ आहत हुई हैं। हालाँकि, इतने पर भी इन लोगों का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ। उन्मादी भीड़ ने हिन्दू किशोर के घर और आसपास के कई अन्य लोगों के घरों में तोड़फोड़ की।
मौके पर पहुँची पुलिस ने उन्मादी भीड़ को काबू करने के लिए आँसू गैस के गोले दागे। आखिरकार स्थिति को काबू करने में देर रात तक का समय लगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक पुलिस ने हमला करने वाले मुस्लिमों में से किसी को भी नहीं पकड़ा है और न ही इस्लामवादियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है। जबकि, दूसरी ओर पीड़त हिन्दू युवक पिता को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान सहपारा के अशोक साहा के रूप में हुई है। वहीं कथित तौर पर फेसबुक पोस्ट लिखने वाला उनका बेटा आकाश वहाँ से भाग निकला।
हालात को देखते हुए उपजिला निर्बाही अधिकारी अजगर अली और लोहागरा पुलिस स्टेशन के प्रभारी हरन चंद्र पॉल ने गाँव का दौरा कर हालात का जायजा लिया। अधिकारियों ने कहा कि हिंसा को रोकने के लिए गाँव में अतिरिक्त पुलिसबलों को तैनात किया गया है। इस घटना को लेकर नरैल के एसपी प्रबीर कुमार रॉय ने कहा, “हम घटना की जाँच कर रहे हैं। हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी। फिलहाल स्थिति सामान्य है।”
बांग्लादेशी हिन्दू खतरे में रहने को मजबूर
ये कोई पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले हुए। इसी साल अप्रैल में कथित तौर पर पैगंबर मुहम्मद के अपमान के मामले में मुंशीगंज में एक हिन्दू शिक्षक हृदय चंद्र मंडल को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्होंने मुस्लिमों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। पिछले साल कथित तौर पर कुरान के अपमान का आरोप लगाकर कट्टरपंथी मुस्लिमों ने कई हिन्दू घरों को जला दिया था।