Tuesday, November 26, 2024
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‘अर्बन नक्सल’ मेधा पाटकर को गुजरात में AAP का मुख्यमंत्री चेहरा बनाने की चर्चा, एक बार जॉइन कर छोड़ चुकी हैं पार्टी: कच्छ तक पानी पहुँचाने से रोका था

ये भी याद दिला दें कि मेधा पाटकर कभी AAP में शामिल होकर उसे छोड़ भी चुकी हैं। उन्होंने जनवरी 2013 में ही AAP जॉइन किया था, लेकिन इसके लगभग एक साल बाद ही मार्च 2015 में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को ‘आम आदमी पार्टी (AAP)’ गुजरात में मुख्यमंत्री का चेहरा बना सकती है। मेधा पाटकर कई विकास परियोजनाओं पर ग्रहण लगाने के लिए भी जानी जाती हैं। उनके ‘आंदोलनों’ के कारण कई इलाके विकास में पीछे रह गए और वहाँ सरकारी परियोजनाएँ ठप हो गईं। AAP इस बार गुजरात में पूरे दमखम के साथ उतर रही है और उसे वहाँ एक चेहरे की तलाश भी है।

पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने इन अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मेधा पाटकर होगी AAP की गुजरात CM कैंडिडेट! हाँ, वहीं पानी रोकने वाली, बाँध के ख़िलाफ़ साज़िश रचने वाली, गुजरात को बदनाम करने वाली, आंदोलन के नाम पर दुकान चलाने वाली मेधा पाटकर। अरविंद केजरीवाल जी, चुनाव लड़ना चाहते हो या बस गुजरात को बदनाम करने का प्लान हैं?” वहीं मुंबई भाजपा के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने मेधा पाटकर को विकास विरोधी और गुजरात विरोधी बताया है।

दिसंबर 2022 में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है कि मेधा पाटकर एक अर्बन नक्सल हैं, जिन्हें राजनीतिक समर्थन प्राप्त है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने कच्छ के हालिया दौरे में लोगों को उन लोगों की याद दिलाई, जो गुजरात का विकास रोकना चाहते थे। उन्होंने कहा कि कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि कभी टप्पर, फतेहगढ़ और सुवाई बाँधों में भी नर्मदा का पानी पहुँच सकता है और अब कच्छ के गाँव-गाँव में पानी पहुँचने से हजारों हेक्टेयर में सिंचाई की समस्या खत्म हुई, जिसका लोगों ने उत्सव मनाया।

बता दें कि मेधा पाटकर ने ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ चला कर नर्मदा पर बाँध बनाने से रोका था, जिससे लाखों लोगों को सूखे में रहना पड़ा और किसानों को घाटा हुआ। सीएम पटेल ने भी याद दिलाया कि कैसे कुछ लोगों ने कच्छ तक पानी पहुँचाने के रास्ते में 5 दशक तक अड़ंगा लगाया। उन्होंने कहा कि ये ‘अर्बन नक्सल’ कौन हैं, हमें पता है। सीएम पटेल ने कहा कि हमें पता है कि कौन सी पार्टी नक्सली विचारधारा को गुजरात में लाना चाहती है, हमें उसे हराना है।

ये भी याद दिला दें कि मेधा पाटकर कभी AAP में शामिल होकर उसे छोड़ भी चुकी हैं। उन्होंने जनवरी 2013 में ही AAP जॉइन किया था, लेकिन इसके लगभग एक साल बाद ही मार्च 2015 में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। तब AAP ने अपने कुछ वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से निकाल बाहर किया था, जिसके बाद मेधा पाटकर ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि उनकी गतिविधियों के लिए इस पार्टी में कोई जगह नहीं है, ऐसे में में वो इससे निकल रही हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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