तेलंगाना हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस बल को आदेश दिया है कि वो तम्बाकू से बने उत्पाद और गुटखा कंपनियों के कारखानों, स्टोरों आदि पर छापेमारी न करें। न्यायमूर्ति कन्नेगंती ललिता ने इस बावत मंगलवार (20 सितम्बर 2022) को तेलंगाना पुलिस महानिदेशक (DGP) को एक पत्र भी जारी किया है।
तेलंगाना हाईकोर्ट के इस आदेश में यह भी कहा गया है कि राज्य की पुलिस तम्बाकू उत्पादों के ट्रांसपोर्ट में न तो अवरोध पैदा करें और न ही उन्हें ज़ब्त करे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक न्यायमूर्ति ललिता ने यह भी कहा कि पुलिस को इस आदेश का सर्कुलर जारी करके उसे अगले दिन बुधवार तक हाईकोर्ट में पेश भी किया जाए।
हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना होने पर राज्य के DGP को कोर्ट में पेश होकर जवाब देना होगा। इससे पहले तेलंगाना राज्य सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए प्रदेश में पैकेट और पाऊच में गुटखा और अन्य तम्बाकू उत्पाद की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया था।
राज्य सरकार के इस आदेश के खिलाफ कुछ गुटखा व्यापारी सुप्रीम कोर्ट गए थे। वहाँ से उन्हें बड़ी राहत मिली थी और उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार के इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
कुछ गुटखा व्यापारियों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी पुलिस उनके कारखानों और गोदामों पर न सिर्फ छापेमारी कर रही है बल्कि उनके उत्पादों को ज़ब्त भी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने की शिकायत लेकर वही गुटखा व्यापारी हाईकोर्ट गए थे।
हाईकोर्ट में दायर याचिका में गुटखा व्यापारियों का यह भी आरोप है कि पुलिस उनके स्टॉक को ज़ब्त कर के संबंधित कोर्ट के आगे पेश भी नहीं करती है। व्यापारियों ने हाईकोर्ट की एक खंडपीठ द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का भी जिक्र किया, जिसमें यह कहा गया था कि तेलंगाना पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करेगी।
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। इस याचिका पर फैसला देते हुए न्यायमूर्ति ललिता ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को आधार बनाया। पुलिस द्वारा ज़ब्त किए स्टॉक की जानकारी भी माँगी और उन दस्तावेजों को कोर्ट के आगे पेश करने के लिए कहा। कोर्ट ने तेलंगाना पुलिस पर सुप्रीम कोर्ट का सम्मान न करने की भी टिप्पणी की।