जम्मू-कश्मीर मामले में पाकिस्तान फ्रस्ट्रेशन का शिकार हो रहा है। न ही उसका मुस्लिम ब्रदरहुड ‘उम्मा’ मदद के लिए आ रहा है, न ही अमेरिका या और कोई पश्चिमी देश- यहाँ तक कि चीन ने भी गच्चा दे दिया है। हिंदुस्तान से सीधी लड़ाई तो उसके औकात से ही बाहर की चीज़ है। इसीलिए अब पाकिस्तान फेक न्यूज़ फैला कर हिंदुस्तान के भीतर ही अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहा है।
इसी कोशिश में पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों के पूर्व मंत्री रहमान मलिक ने एक पुराने वीडियो के ज़रिए भारतीय सेना के खिलाफ प्रोपेगंडाबाज़ी करने की कोशिश की।
Indian Army have used Gunship helicopters to attack villages in IOK #Kashmir
— Senator Rehman Malik (@SenRehmanMalik) August 13, 2019
With complete blackout, brave Kashmiris r managing to send the videos .
This attack left dozens of men, women & children killed.where is the mediation of President @realDonaldTrump & action by @UN https://t.co/3ezyqIHorm
इस वीडियो में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और संयुक्त राष्ट्र को टैग कर रहमान दावा कर रहे हैं कि भारतीय सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर के गाँवों पर हमला करने के लिए गनशिप हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कथित ‘बहादुर कश्मीरियों’ की संचार ब्लैकआउट के दौरान भी वीडियो बना-बना कर भेजने के लिए तारीफ़ की है।
राज्य पुलिस: ‘फेक न्यूज़; हमने ट्विटर को कर दिया है इत्तला’
जम्मू-कश्मीर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने रहमान मलिक के प्रोपेगंडा गुब्बारे में पिन चुभोते हुए खुलासा किया कि जो वीडियो वह बाँट रहे हैं, वह एक बम धमाके का पुराना वीडियो है, जिसे रहमान अभी का बता रहे हैं। साथ ही राज्य पुलिस ने ट्विटर को भी रहमान मलिक के उनके प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से फेक न्यूज़ फ़ैलाने की इत्तला दे दी है।
This malicious content is strongly rebutted.We have taken up matter with @TwitterSupport . https://t.co/oq6alFS3nT
— J&K Police (@JmuKmrPolice) August 13, 2019
जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक यह वीडियो 2018 का है, जब सुरक्षा बलों और जिहादियों के बीच चल रही फायरिंग की चपेट में आकर एक घर में आग लग गई थी, और 6 सिविलियन्स की जान चली गई थी। कुलगाम के उपर्युक्त घर में पड़े ज़िंदा बम में आग लगने से विस्फ़ोट हो गया था।
जब यह घटना हुई थी, उसी समय पुलिस ने लोगों को सर्च ऑपरेशन खत्म होने तक उस जगह से दूर रहने की हिदायत दी थी। लेकिन सिविलियन्स ने उनकी बात नहीं सुनी थी, और इलाके में घुस आए थे। लिहाजा जब आग से बम में धमाका हुआ तो कुछ लोग उसकी चपेट में आ गए थे।
Civilians visited encounter site immediately after operation inspite of request not to visit as thorough search wason for explosives.They didn’t listened and thus visited the spot.Some explosive substance went off resulting in injuries to https://t.co/GSCo1Micl7 civilian died.
— J&K Police (@JmuKmrPolice) October 21, 2018
कल भी झूठ फैलाने की हुई थी कोशिश
कल भी पाकिस्तानी पत्रकार-कम-प्रोपेगंडाबाज़ वजाहत एस खान ने ट्विटर पर झूठा प्रोपेगंडा फैलाने की कोशिश की थी कि कश्मीर पुलिस के मुस्लिम कर्मी ने CRPF जवानों की गोली मारकर हत्या कर दी है। इस प्रोपेगंडा के खिलाफ न केवल कश्मीर के पूर्व डीजीपी ने मीडिया से बात करते हुए इसे झूठा बताया, बल्कि CRPF के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी इसका खंडन किया गया है।
The malicious content of this tweet is absolutely baseless and untrue. As always, all the security forces of India are working with coordination and bonhomie. Patriotism and our tricolour lie at the core of our hearts and existence, even when the color of our uniforms may differ. pic.twitter.com/1Rhrm09dPN
— ??CRPF?? (@crpfindia) August 12, 2019
यह पाकिस्तान और उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI की साइबर युद्धनीति का हिस्सा है, जिससे हिंदुस्तान में, और खासकर सुरक्षा बलों में, तनाव भड़का कर शांति भंग किया जा सके।