चुनव आयोग द्वारा शिवसेना के चुनाव चिह्न धनुष-बाण को फ्रीज करने के बाद उद्धव ठाकरे गुट ने दूसरे विकल्प खोजने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए उन्होंने त्रिशूल, सूर्य और मशाल जैसे विकल्प चुनाव आयोग को दिए हैं। बताया जा रहा है कि यह गुट आने वाले अँधेरी उपचुनाव में ठाकरे गुट या असली शिवसेना नाम से मैदान में उतारा जा सकता है। अगली रणनीति बनाने के लिए ठाकरे गुट ने आज रविवार (9 अक्टूबर 2022) को एक मीटिंग बुलाई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ठाकरे गुट अब ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’ दूसरे विकल्प के तौर पर ‘शिवसेना उद्धव बाला साहेब ठाकरे’ और तीसरे विकल्प के तौर पर ‘शिवसेना प्रबोधन ठाकरे’ नाम से चुनावी मैदान में उतर सकता है। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट से भी अपने समूह के 3 नाम और 3 ही चुनाव चिह्न देने के लिए कहा है। चुनाव आयोग अब दोनों गुटों के अलग-अलग नाम देते हुए उन्हें अलग-अलग चुनाव चिह्न बाँटेगा। इसके लिए चुनाव आयोग ने दोनों को मौजूद विकल्पों की लिस्ट भी सौंपी है।
शिवसेना का आधिकारिक ट्विटर हैंडल अभी भी उद्धव गुट के पास
गौरतलब है कि शिवसेना का आधिकारिक ट्विटर हैंडल फिलहाल उद्धव गुट ही प्रयोग कर रहा है। ‘@ShivSena’ नाम का ये हैंडल वेरिफाइड है, और इस पर लगभग 8.14 लाख फॉलोवर्स हैं। इस हैंडल की प्रोफ़ाइल फोटो में अभी भी तीर कमान का चित्र बना हुआ है और कवर पर उद्धव ठाकरे की फोटो लगी हुई है। 6 अक्टूबर 2022 को इस हैंडल से बाकायदा ट्वीट भी किया गया है जिसमें, किसी पर इशारा करते हुए आज के 50 हाथों वाला रावण बताया गया है।
परंपरेनुसार दसरा मेळाव्यानंतर रावण दहन झाले..पण यावेळचा रावण वेगळा होता. जसा काळ बदलतो तसा रावण ही बदललेला आहे. दहा डोक्याचा नाही तर 50 खोक्यांचा खोकासूर आहे, धोकासूर आहे. pic.twitter.com/LZVh9fIuGs
— ShivSena – शिवसेना (@ShivSena) October 6, 2022
गौरतलब है कि शिवसेना को तीर-कमान का सिंबल अक्टूबर 1989 में मिला था। इस स पहले शिवसेना रेल इंजन, नारियल पेड़, कप-प्लेट, ढाल-तलवार और मशाल जैसे निशानों पर चुनाव लड़ चुकी है।