Saturday, April 27, 2024
Homeसोशल ट्रेंड'काफिर की रूह को नहीं मिलती शांति, जहन्नुम में जाएगा': जिनके लिए रामभक्तों पर...

‘काफिर की रूह को नहीं मिलती शांति, जहन्नुम में जाएगा’: जिनके लिए रामभक्तों पर गोली चलवा कर ‘मुल्ला’ बने मुलायम, वही मुस्लिम मना रहे निधन का जश्न

2 नवंबर, 1990 को अयोध्या में रामधुन में राम भक्तों पर फायरिंग हुई थी। अयोध्या की गलियों में रामभक्तों को दौड़ा-दौड़ा कर निशाना बनाया गया।

अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) अब इस दुनिया में नहीं रहे। मुलायम के निधन की खबर सुनकर उनके विरोधी नेता भी शोक जता रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम उनके जाने का जश्न मना रहे हैं। फेसबुक पर अली सोहराब नाम के शख्स ने लिखा, “मुलायम सिंह यादव अब इस दुनिया में नहीं रहे।” इसके साथ उसने #FNJ भी लिखा है।

अली सोहराब का फेसबुक पोस्ट

इस पोस्ट को देखते ही फेसबुक पर कट्टरपंथी मुस्लिमों की मानो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। ज्यादातर ने इस पोस्ट पर लॉफिंग इमोजी बनाया है। मोहम्मद शाहिद नाम का एक यूजर पूछता है कि ये FNJ क्या है। इस पर सलाफी नाम का यूजर कहता है कि ‘फी नारे जहन्नम’।

फोटो साभार: अली सोहराब का फेसबुक पोस्ट

इसके अलावा ये लोग उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को ‘काफिर’ बताकर उनके निधन की खबर वाली फेसबुक पोस्ट पर हाहा रिएक्शन दे रहे हैं।

फोटो साभार: अली सोहराब का फेसबुक पोस्ट
फोटो साभार: अली सोहराब का फेसबुक पोस्ट

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में सोमवार (10 अक्टूबर, 2022) को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अखिलेश यादव का बयान ट्वीट करके कहा गया- “मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे।”

बता दें कि 2 नवंबर, 1990 को अयोध्या में रामधुन में राम भक्तों पर फायरिंग हुई थी। अयोध्या की गलियों में रामभक्तों को दौड़ा-दौड़ा कर निशाना बनाया गया। 3 नवंबर 1990 को जनसत्ता में छपी एक रिपोर्ट में लिखा गया, “राजस्थान के श्रीगंगानगर का एक कारसेवक, जिसका नाम पता नहीं चल पाया है, गोली लगते ही गिर पड़ा और उसने अपने खून से सड़क पर लिखा सीताराम। पता नहीं यह उसका नाम था या भगवान का स्मरण। मगर सड़क पर गिरने के बाद भी सीआरपीएफ की टुकड़ी ने उसकी खोपड़ी पर सात गोलियाँ मारी।”

कारसेवकों द्वारा जारी की गई सूची में 40 कारसेवकों के मारे जाने की बात कही गई थी। जबकि विश्व हिन्दू परिषद ने 59 लोगों के मारे जाने की बात कही थी। राम भक्तों के इस नरसंहार के बाद मुलायम को ‘मौलाना मुलायम’ का तमगा हासिल हुआ।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जेल में रहते हुए चुनाव लड़ सकते हैं कैदी, लेकिन नहीं डाल सकते वोट: आखिर ऐसा क्यों? जानिए क्या कहता है कानून

लोगों का कहना है कि जब जेल में रहते हुए चुनाव लड़ सकता है तो जेल में रहते हुए वोट क्यों नहीं डाल सकता है। इसको लेकर अपने-अपने नियम हैं।

आईपीएल 2024 : हाई स्कोरिंग मैचों पर हंगामा क्यों? एंटरटेनमेंट के लिए ही तो बना है शॉर्ट फॉर्मेट, इंग्लैंड का हंड्रेड पसंद, IPL में...

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जेक फ्रेजर-मैक्गर्क इस मैच में 27 गेदों पर 84 रन बनाकर आठवें ओवर में ही आउट हो गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe