अमेरिका ने भारत को 307 पुरावशेष वापस लौटा दिए हैं। इसकी कीमत 4 मिलियन डॉलर यानी 33 करोड़ रुपए के करीब बताई जा रही है। अमेरिकी अधिकारियों द्वारा सोमवार (17 अक्टूबर 2022) को लौटाए गए पुरावशेष में से अधिकांश मूर्ति तस्कर सुभाष कपूर द्वारा चोरी की गई मूर्तियाँ हैं और बाकी निजी संग्राहकों की हैं। जया मेनन की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से कम से कम 10 भगवान की मूर्तियों को तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मंदिरों से चुराया गया था।
कपूर को इंटरपोल ने 2011 में जर्मनी में गिरफ्तार किया था। वह 2012 से तमिलनाडु के त्रिची की एक जेल में बंद है। मैनहट्टन के अभियोजकों ने उस पर करोड़ों रुपए की मूतियाँ चुराने और उसकी तस्करी करने का आरोप लगाया था। बताया जाता है कि मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी साइरस वांसे के कार्यालय ने कपूर और कई अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कपूर पर चोरी की मूर्तियों को रखने, इनकी चोरी करने से लेकर धोखाधड़ी आदि का आरोप लगाया था। जाँच में 307 पुरावशेषों में से 235 सुभाष कपूर द्वारा चोरी की गई मूर्तियाँ पाई गई, जिसे जब्त कर लिया गया।
इस संबंध में मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी साइरस वांसे के कार्यालय ने एक विज्ञप्ति जारी की। इसमें उन्होंने कहा, “एक शातिर लुटेरा, जिसने अफगानिस्तान, कंबोडिया, भारत, इंडोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड और अन्य देशों से मूर्तियों की तस्करी के लिए मदद ली।”
उन्होंने आगे कहा, “पाँच पुरावशेषों को नैन्सी वीनर (Nancy Wiener) और एक को नायेफ होम्सी (Nayef Homsi) की जाँच के बाद जब्त कर लिया गया। शेष 66 पुरावशेष कई छोटे तस्करी नेटवर्कों द्वारा भारत से चुराए गए थे।”
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभी 307 पुरावशेष न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में एक प्रत्यावर्तन समारोह के दौरान लौटा दिए गए हैं, जिसमें भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल और यूएस होमलैंड सिक्योरिटी इंवेस्टिगेशन (एचएसआई) के कार्यवाहक डिप्टी स्पेशल एजेंट-इन-चार्ज टॉम लाउ शामिल थे। डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एल्विन एल ब्रैग जूनियर ने कहा, “हमें सैकड़ों कलाकृतियाँ भारत को वापस लौटाने पर गर्व है।”