Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीतिकोहिनूर मामले में ED ने राज ठाकरे को भेजा समन, ₹135 करोड़ का लगा...

कोहिनूर मामले में ED ने राज ठाकरे को भेजा समन, ₹135 करोड़ का लगा है चूना

IL&FS से जुड़े अरबों रुपए के जिन कर्ज और निवेश मामलों की जाँच ED कर रही है, उनमें से एक कोहिनूर सीटीएनएल का भी है। राज ठाकरे का नाम कोहिनूर के दादर स्थित बिल्डिंग प्रोजेक्ट की तफ्तीश के दौरान निकल कर सामने आया।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के सुप्रीमो राज ठाकरे को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इंफ्रास्ट्रक्चर लीज़िंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज़ (IL&FS) के फँसे कर्ज से जुड़े एक मामले में समन भेजा है। आर्थिक अपराधों की शीर्ष जाँच एजेंसी ने ठाकरे को 22 अगस्त को पूछताछ के लिए आने को कहा है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक IL&FS से जुड़े अरबों रुपए के जिन कर्ज और निवेश मामलों की जाँच ED कर रही है, उनमें से एक कोहिनूर सीटीएनएल का भी है। राज ठाकरे का नाम कोहिनूर के दादर स्थित बिल्डिंग प्रोजेक्ट की तफ्तीश के दौरान निकल कर सामने आया।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ठाकरे के अलावा शिवसेना नेता और 1995-99 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष जोशी को भी ED का समन मिला है। जानकारी के मुताबिक उन्मेष से पूछताछ आज ही (19 अगस्त को) जारी है।

उन्मेष जोशी कोहिनूर सीटीएनएल के संस्थापक हैं। 2005 में राज ठाकरे की मातोश्री कंस्ट्रक्शंस और उन्मेष जोशी ने तब NTPC के मालिकाना हक़ वाली कोहिनूर मिल को खरीदने में कुल ₹421 करोड़ का निवेश किया था। कोहिनूर मिल की कुल अचल सम्पत्ति (ज़मीन) 4.8 एकड़ की थी। बाद में राज ठाकरे कोहिनूर प्रोजेक्ट से बाहर निकल गए।

IL&FS के घोटाले की जाँच के समय कोहिनूर मामला भी प्रकाश में आया था। IL&FS ने कथित तौर पर कोहिनूर सीटीएनएल को ₹225 करोड़ का कर्ज दिया, लेकिन उसमें IL&FS को ₹135 करोड़ का घाटा झेलना पड़ा। रिपोर्टों के मुताबिक कोहिनूर सीटीएनएल में IL&FS के निवेश की कुल कीमत ₹860 करोड़ की है।

ED के इस समन पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। जहाँ ED भवन में जाने के पहले उन्मेष जोशी ने ED के साथ पूरा सहयोग करने की बात कही है, वहीं मनसे के प्रतिनिधि संदीप पाण्डे ने इंडिया टुडे से बात करते हुए मोदी सरकार पर हिटलरशाही का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल पूछा कि पिछले 5-6 साल में किसी भाजपा नेता को मामले में जाँच का सामना क्यों नहीं करना पड़ा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -