Sunday, September 15, 2024
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‘हमारी दोस्ती गहरी और ऐतिहासिक’: चीन के कर्ज में फँसे मालदीव ने हिंदी में की भारत की प्रशंसा, ₹816 करोड़ की मदद पाकर कहा ‘थैंक यू’

इस समय चीन के तीन सबसे बड़े कर्जदार देशों में श्रीलंका, पाकिस्तान और मालदीव शामिल हैं। बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स के मुताबिक, चीन का पाकिस्तान पर 77.3 अरब डॉलर का बाहरी कर्ज बकाया है। वहीं, मालदीव का कुल कर्ज उसकी राष्ट्रीय आय (GNI) का 31 प्रतिशत है।  

भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित मालदीव (Maldives) को 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 816 करोड़ रुपए) की आर्थिक मदद दी है। इस पर मालदीव ने कहा कि भारत के साथ उसकी ‘दोस्ती गहरी और ऐतिहासिक है’। बता दें कि हिंद महासागर क्षेत्र में वर्चस्व को बढ़ाने के लिए चीन ने एक फोरम का आयोजन किया था, जिसका मालदीव को भी बुलाया गया था, लेकिन मालदीव ने शामिल होने से इनकार कर दिया था।

मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने हिंदी में बोलते हुए कहा, “दोस्ती हमारी अच्छी है इसलिए रंग लाई है, दोस्ती हमारी गहरी है इसलिए सबको भाती है। दोस्ती समय की तरह चलती भी जाती है। अगर दोस्ती अपने जैसों से है तो इतिहास बनाती है।”

भारत द्वारा मालदीव को दिए गए आर्थिक सहायता पर अब्दुल्ला ने कहा, “समय पर 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की उदार वित्तीय सहायता के लिए भारत का धन्यवाद। यह वास्तव में हमारे संबंधों की ताकत है, जो मालदीव-भारत की साझेदारी और विकास को और मजबूत बनाती है।”

समारोह में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर ने अब्दुल्ला शाहिद को एक प्रतीकात्मक चेक सौंपा। इस आयोजन में अब्दुल्ला के भारतीय समकक्ष और विदेश मंत्री एस जयशंकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “एक-दूसरे के कल्याण और हितों की वास्तविक चिंता से चिह्नित हमारी विशेष साझेदारी हर बार और विशेष रूप से जरूरत के समय काम आती है।”

बता दें कि मालदीव के विदेश मंत्रालय ने ‘चीन-हिंद महासागर फोरम ऑन डेवलपमेंट कोऑपरेशन’ में भाग लेने से इनकार किया है। इस फोरम का आयोजन चीन (China) की ओर से 21 नवंबर को चीन के युन्नान प्रांत के कुनमिंग में किया गया था। इसमें भारत को छोड़कर हिंद महासागर के सभी देशों को आमंत्रित किया गया था।

इस बैठक में मालदीव के अलावा ऑस्ट्रेलिया भी शामिल नहीं हुआ था। हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित छोटा देश मालदीव चीन का कर्जदार देश है। हालाँकि, श्रीलंका की तरह वह चीन के झाँसे में नहीं आया। वहीं, पड़ोसी होने के नाते भारत ने भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए उसे आर्थिक सहायता मुहैया कराई है।

इस समय चीन के तीन सबसे बड़े कर्जदार देशों में श्रीलंका, पाकिस्तान और मालदीव शामिल हैं। बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स के मुताबिक, चीन का पाकिस्तान पर 77.3 अरब डॉलर का बाहरी कर्ज बकाया है। वहीं, मालदीव का कुल कर्ज उसकी राष्ट्रीय आय (GNI) का 31 प्रतिशत है।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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