राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के तहत ली जाने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद इसे रद्द कर दिया गया है। इस मामले में अब तक 46 से परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, पाँच मामले का मास्टरमाइंड भी गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं, विपक्षी दल इस मुद्दे पर कॉन्ग्रेस (Congress) सरकार को लगातार घेर रही है।
दरअसल, शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए 24 दिसंबर 2022 को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक परीक्षा का आयोजन किया गया था। परीक्षा शुरू होने के पहले ही सामान्य ज्ञान का पेपर आउट हो गया। उदयपुर में पुलिस ने एक निजी बस में सवार पेपर सॉल्व करते हुए लोगों को देखा। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने बरामद पेपर का मिलान किया तो यह असली पेपर का नकल था। इसके बाद मामले की जानकारी राजस्थान लोक सेवा आयोग को दी गई और आयोग ने परीक्षा को निरस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस पेपर लीक माफियाओं को पकड़ने में लग गई है।
पेपर लीक के कई माफिया बताए जा रहे हैं। इनके स्थानीय नेताओं से भी संपर्क की बात कही जा रही है। इन्हीं माफियाओं में से एक सुरेश ढाका को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह भी कई नेताओं का नजदीकी बताया जा रहा है। जयपुर में गुर्जर की थड़ी पर कोचिंग चलाने वाला ढाका दो बार पहले भी जेल जा चुका है। इसमें से एक मामला मनी लॉन्ड्रिंग का है।
सुरेश ढाका उमंग नाम का एक कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाता है। इसके साथ ही वह सोशल मीडिया पर भी खूब एक्टिव रहता है। सोशल मीडिया पर उसके 15 लाख फॉलोवर हैं। सुरेश ढाका की पहुँच राज्य के कई मंत्रियों तक है। ढाका लक्जरी लाइफ जीने का शौकीन है और इसकी तस्वीरें वह सोशल मीडिया पर डालते रहता है।
सामान्य ज्ञान (GK) और मनोविज्ञान विषय के पेपर लीक मामले में चार लोग मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं। इनमें से जोधपुर निवासी सुरेश विश्नोई और उसके जीजा सुरेश ढाका समेत पीराराम साहू तथा भूपेंद्र सारण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा, डॉ. भजनलाल को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इस मामले का मुख्य मास्टरमाइंड सुरेश विश्नोई है। विश्नोई जोधपुर का रहने वाला है और जालौर के सरकारी स्कूल में शिक्षक है। शनिवार (24 दिसंबर 2022) की सुबह बेकरिया पुलिस ने एक बस को रोका तो उसमें सुरेश सहित 44 लोग सवार थे। सुरेश बस में बैठे अभ्यर्थियों को पर्चा हल करवा रहा था।
सुरेश ने पर्चा देने के बदले अभ्यर्थियों से 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए तक वसूल किए थे। बता दें कि राजस्थान में ऐसी शायद ही कोई परीक्षा बची हो, जिसका पेपर आउट नहीं हुआ हो। इन माफियाओं पर नेताओं के हाथ होते हैं, इसलिए असली माफिया बच जाते हैं और उनके छोटे गुर्गे को पकड़ कर पुलिस वाहवाही लूट लेती है।
बता दें कि यूपी के कुलपति विनय पाठक पर घोटाले, भर्ती में अनियमितता, रिश्वतखोरी और पेपर लीक जैसे कई सबूत सामने आ चुके हैं, लेकिन पुलिस उनका बाल भी बाँका नहीं कर पा रही है। ऐसा ही हाल देश के अधिकांश माफियाओं के साथ है। ये पूरे मामले में बच निकलते हैं। बिहार का हाल भी इससे अलग नहीं है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए कहा कि कई राज्यों में पेपर लीक हुए हैं, राजस्थान देश का इकलौता स्टेट नहीं है। पेपर लीक होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राजस्थान तो आरोपितों को पकड़कर जेल में भी डाला है, वहीं अन्य राज्यों में तो ऐसे मामलों में कार्रवाई तक नहीं होती।
गौरतलब है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग 21 दिसंबर 2022 से इस परीक्षा का आयोजन कर रहा है। इस परीक्षा के लिए 12 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने अपना पंजीकरण कराया है। परीक्षा रद्द होने के बाद आयोग अब नए तारीख की घोषणा करेगा।