रूढ़िवादी मीडिया संगठन प्रोजेक्ट वेरिटास के एक स्टिंग ऑपरेशन के प्रकाशित होने के बाद अमेरिकी सीनेटर (फ्लोरिडा) मार्को रुबियो ने फाइजर (Pfizer) के सीईओ अल्बर्ट बोरला (Pfizer CEO Albert Bourla) को एक पत्र लिखा। इस स्टिंग ऑपरेशन में फाइजर के निदेशक जॉर्डन वॉकर ने दावा किया है कि दवा कंपनी कोविड-19 वायरस के प्रकोप को और बढ़ाने पर काम कर रही है।
गुरुवार (26 जनवरी 2023) को लिखे पत्र में रुबियो ने कहा, “एक इंवेस्टिगेटिव रिपोर्ट बताती है कि फाइजर गेन ऑफ फंक्शन रिसर्च कर रहा है। वह SARS-CoV-2 वायरस को म्यूटेट कर भविष्य में नए वैरिएंट को खत्म करने के लिए उससे अधिक शक्तिशाली वैरिएंट व टीके बनाने वाला एक शोध बताता है।” उन्होंने कहा, “इस प्रकार का शोध, गेन-ऑफ-फंक्शन रिसर्च के समान है। यह लंबे समय से विवादास्पद रहा है और इसके कारण ही COVID-19 महामारी होने का संदेह है।”
Senator Rubio sends letter to @pfizer demanding answers on gain-of-function researchhttps://t.co/DvcgsYMEFw
— Senator Rubio Press (@SenRubioPress) January 26, 2023
सीनेटर मार्को रुबियो ने कहा, “चाहे यह कार्य किसी शोध का हिस्सा हो या फिर वायरस के खतरे को कम करने के लिए कोई नई खोज। जैसा कि वॉकर ने दावा किया वायरस को अधिक प्रभावशाली और बेजोड़ बनाने का कोई भी प्रयास लापरवाह और खतरनाक है।”
उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा, “वॉकर ने कहा है कि फाइजर इस खतरनाक शोध में शामिल होने के लिए तैयार है, क्योंकि कोविड-19 और इसके वैरिएंट कंपनी के लिए दूध देने वाली एक गाय की तरह है। सरकारी अधिकारियों का एक समूह भी फाइजर के लिए काम करना चाहता है।”
अमेरिकी सीनेटर ने फाइजर के सीईओ से की पूछताछ
फाइजर को अपने कार्यों के प्रति जवाबदेही समझाने और इसकी पारदर्शिता की बढ़ावा के लिए रुबियो ने दवा कंपनी से 6 अहम सवाल पूछे हैं। ये सवाल इस प्रकार हैं-
1. SARS-CoV-2 वायरस को म्यूटेट करने के लिए फाइजर वर्तमान में क्या प्रयास कर रहा है या फिर आगे क्या करने की योजना बना रहा है?
2. क्या फाइजर का इरादा गेन-ऑफ-फंक्शन या निर्देशित विकास अनुसंधान के माध्यम से SARS-CoV-2 वायरस को म्यूटेट करना जारी रखना है, जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक आबादी में वैरिएंट के फैलने से पहले नए टीके बना लेना है?
3. क्या फाइजर ने इस शोध की देखरेख करने की अपनी योजनाओं के संबंध में संघीय अधिकारियों के साथ बातचीत की है? कृपया उन व्यक्तियों के नाम और एजेंसियों की जानकारी दें।
4. फाइजर ने यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए हैं कि म्यूटेट वायरस प्रयोगशाला से लीक न हो और बड़ी आबादी को संक्रमित न करे?
5. क्या फाइजर ने इस शोध में सहयोग करने के लिए अन्य बायोफार्मास्यूटिकल कंपनियों के साथ काम किया है? कृपया उन संस्थाओं को सूचीबद्ध करें, जिनके साथ आप संपर्क में रहे हैं।
6. क्या आप भविष्य में SARS-CoV-2 वैक्सीन को म्यूटेट करने वाले किसी भी शोध को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि पर्याप्त साक्ष्य ने संकेत दिया है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में इसी तरह के खतरनाक शोध से वायरस के शुरुआत में बढ़ने और दुनिया भर में फैलने की आशंका है?
जॉर्डन वॉकर और ‘प्रोजेक्ट वेरिटास’ स्टिंग ऑपरेशन
स्टिंग ऑपरेशन करने के लिए जाने जाने वाले रूढ़िवादी मीडिया संगठन समूह ‘प्रोजेक्ट वेरिटास’ ने फाइजर के निदेशक जॉर्डन वॉकर के साथ एक मुलाकात तय की थी। इस दौरान उनसे दवा कंपनी द्वारा विकसित वैक्सीन के बारे में पूछताछ की। इसका वीडियो 26 जनवरी 2023 को जारी किया गया था।
इस दौरान वॉकर ने फाइजर द्वारा किए जा रहे कार्यों और कंपनी के भीतर चल रही शोध एवं संतुलन की कमी के बारे में खुलासे किए। उन्होंने बिना कोई परवाह किए कहा कि फाइजर टीकों का एक नया वैरिएंट विकसित करने के लिए कोविड-19 वायरस को शक्तिशाली बनाने पर विचार कर रही है।
BREAKING: @Pfizer Exploring “Mutating” COVID-19 Virus For New Vaccines
— Project Veritas (@Project_Veritas) January 26, 2023
“Don’t tell anyone this…There is a risk…have to be very controlled to make sure this virus you mutate doesn’t create something…the way that the virus started in Wuhan, to be honest.”#DirectedEvolution pic.twitter.com/xaRvlD5qTo
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि महामारी फाइजर के लिए दूध देने वाली गाय की तरह रही है और आने वाले दिनों में भी ऐसे ही बनी रहेगी। वॉकर ने फार्मा कंपनी के नए कोविड-19 टीकों से पैसा बनाने के विचार पर कहा, “हाँ, यह एकदम सही होगा।”
जॉर्डन वॉकर ने यह भी कहा कि फाइजर सरकारी कर्मचारियों के लिए भी बेहद फायदेमंद रहा है। उन्होंने इसे पिछला दरवाजा कहा और बताया कि जो अधिकारी आज दवाओं की जाँच एवं समीक्षा करते हैं, वे बाद में उसी फार्मा कंपनी में शामिल हो जाते हैं। इसलिए वे कंपनी के प्रति कठोर नहीं होते।
कोरोना वायरस कैसे फैला
गौरलतब है कि चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से कोरोना वायरस लीक हुआ था। यह दावा यहाँ काम कर चुके एक वैज्ञानिक ने किया था। वैज्ञानिक एंड्रयू हफ का दावा था कि कोविड-19 एक मानव निर्मित वायरस है, जो WIV से लीक हो गया था।
हफ वायरस का अध्ययन करने वाले न्यूयॉर्क स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था के लिए भी काम कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि कोविड को ढाई साल से पहले चीन में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक किया गया। हफ ने इसे 9/11 के बाद की सबसे बड़ी अमेरिकी खुफिया विफलता बताया और इसके लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया था।