Friday, November 15, 2024
Homeराजनीति'परमेश्वर येशु' से लेकर आंदोलनजीवियों की हिस्सेदारी तक... 'भारत जोड़ो' नहीं, ये है राहुल...

‘परमेश्वर येशु’ से लेकर आंदोलनजीवियों की हिस्सेदारी तक… ‘भारत जोड़ो’ नहीं, ये है राहुल गाँधी की ‘भारत तोड़ो यात्रा’: पुजारियों के खिलाफ भी फैलाई नफरत – 11 काले अध्याय

तमिलनाडु में राहुल की यात्मुरा के दौरान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पहले दिन मौजूद थे। उन्होंने राहुल गाँधी को खादी का तिरंगा भेंट किया।

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (BJY) सोमवार (30 जनवरी, 2023) को जम्मू-कश्मीर में समाप्त हो गई। उन्होंने हालाँकि BJY के माध्यम से ‘प्रेम’, ‘शांति’ और ‘सद्भाव’ फैलाने का दावा किया था, लेकिन यात्रा शुरू होने के बाद से ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जिसने इस यात्रा के नकारात्मक पक्ष को दर्शाया है। 

कॉन्ग्रेस नेता ने अपनी यात्रा 7 सितंबर 2022 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू की थी और 30 जनवरी, 2023 को जम्मू-कश्मीर में समाप्त की। 29 जनवरी 2023 को उनके साथ पीडीपी नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं। मुफ़्ती अक्सर भारतीय प्रतिष्ठान के खिलाफ अपने बयानों के लिए चर्चा में रहती हैं। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र की भाजपा सरकार के प्रति उनका गुस्सा जगजाहिर है।

राहुल की 3500 किलोमीटर की  ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान ऐसे कई उदाहरण मिले हैं जिसने कॉन्ग्रेस नेता और पार्टी की मंशा पर सवाल उठाए हैं। यहाँ हम ऐसे 11 उदाहरण बताने जा रहे हैं, जिससे यात्रा के दौरान कॉन्ग्रेस का स्याह पक्ष उजागर होता है।

भाषा और क्षेत्रीय विभाजन फ़ैलाने वाले यात्रा में शामिल

तमिलनाडु में राहुल की यात्मुरा के दौरान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पहले दिन मौजूद थे। उन्होंने राहुल गाँधी को खादी का तिरंगा भेंट किया। दिलचस्प बात यह है कि भारतीयों को जोड़ने वाली यात्रा के पहले ही दिन गाँधी के साथ एक ऐसी पार्टी के नेता शामिल हो गए, जिसने हमेशा भाषाई विभाजन और क्षेत्रवाद को बढ़ाने में योगदान दिया है।

किसी राजनीतिक दल के बजाय भारतीय व्यवस्था के खिलाफ लड़ने की बात 

राहुल गाँधी ने 9 सितंबर 2022 को एक चौंकाने वाला बयान दिया और कहा कि वह किसी राजनीतिक दल के बजाय भारतीय व्यवस्था के खिलाफ लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम अब किसी राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहे हैं। यह अब भारतीय राज्य और विपक्ष की संरचना के बीच की लड़ाई है।” वायनाड के सांसद ने कहा था कि केंद्र ने देश के सभी लोकतांत्रिक संस्थानों पर नियंत्रण कर लिया है।

हिंदू-विरोधी ईसाई  पादरी से राहुल की मुलाकात 

राहुल ने 9 सितंबर, 2022 को एक हिंदू-विरोधी पादरी जॉर्ज पूनैया से मुलाकात की। वह हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने के लिए जाने जाते हैं। गाँधी को पादरी से ईसा मसीह के बारे में जानकारी लेते हुए देखा गया। उन्हें यह कहते हुए सुना गया, “लेकिन, क्या वह भगवान नहीं है? या वह भगवान है? यीशु भी क्या परमेश्वर हैं?” वहाँ मौजूद एक व्यक्ति राहुल गाँधी को पानी की विभिन्न अवस्थाओं के बारे में बताते  हुए यीशु मसीह और परमेश्वर के बीच संबंध के बारे में समझाने लगा। इस बीच राहुल गाँधी पूछते हैं कि क्या यीशु मसीह ईश्वर का एक रूप हैं।

उसी समय, फादर जॉर्ज पूनैया दावा किया कि यीशु ‘शक्ति’ और अन्य हिंदू देवताओं के विपरीत ‘वास्तविक भगवान’ हैं,। कट्टर हिंदू विरोधी पादरी ने कहा, “वह (यीशु मसीह) एक वास्तविक ईश्वर हैं, जो एक मानव के रूप में प्रकट हुए थे। शक्ति वगैरह की तरह नहीं।” जनेऊधारी ब्राह्मण होने का दावा करने वाले गाँधी को इस बातों से कोई समस्या नहीं हुई और वे मूक दर्शक बने रहे।

सार्वजनिक रूप से गाय की हत्या करने वाले कॉन्ग्रसी नेता यात्रा में शामिल हुआ

यात्रा की सबसे विकृत रूप तब सामने आया, जब सार्वजनिक रूप से गाय की हत्या करने वाला एक कॉन्ग्रेसी नेता राहुल के साथ यात्रा में शामिल हो गया। राहुल ने 26 सितंबर, 2022 को भारतीय युवा कॉन्ग्रेस (IYC) के नेता रिजिल चंद्रम मकुट्टी से मुलाकात की, जिसने हिंदू भावनाओं का मजाक उड़ाने के लिए 2017 में दिन के उजाले में एक गाय की हत्या की थी। मकुट्टी ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर राहुल के साथ अपनी मुलाकात के बारे में पोस्ट किया। उसने राहुल गाँधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत केरल के पलक्कड़ जिले के पट्टांबी शहर में गांधी से मुलाकात की थी।

राहुल ने महाराष्ट्र और गुजरात के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की

राहुल ने 9 नवंबर 2022 को, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के बीच यह झूठा दावा करके मतभेद पैदा करने की कोशिश की कि महाराष्ट्र के लिए बनाई गई परियोजनाओं को गुजरात के पक्ष में स्थानांतरित किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि टाटा-एयरबस सैन्य विमान साझेदारी (Tata-Airbus Military Aircraft Partnership )और वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट (Vendanta-Foxconn Semiconductor Plant) सहित परियोजनाओं को महाराष्ट्र से ‘चोरी’ किया गया था और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों में बढ़त हासिल करने के लिए गुजरात को सौंप दिया गया था।

यात्रा में आंदोलनजीवी योगेंद्र यादव की भागीदारी

दिलचस्प बात यह है कि ‘आंदोलनजीवी’ योगेंद्र यादव भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए और अंत तक यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा बने रहे। उन्हें 26 जनवरी 2023 को जम्मू-कश्मीर के लाल चौक पर भी देखा गया था। उन्हें अराजकतावादी ‘विरोध’ और चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बयानों के लिए जाना जाता है।

विवादास्पद अधिवक्ता प्रशांत भूषण यात्रा में हुए शामिल 

अधिवक्ता प्रशांत भूषण 9 नवंबर 2022 को यात्रा में शामिल हुए। वह आतंकवादियों और अवैध रोहिंग्या अप्रवासियों सहित राष्ट्र-विरोधी तत्वों को कानूनी संरक्षण दिलाने के लिए प्रसिद्ध हैं। एक वीडियो में, राहुल को भूषण से अरबपति गौतम अडानी की संपत्ति के बारे में पूछते हुए देखा गया था। भूषण ने दावा किया कि यह सरकार के संरक्षण के कारण है। भूषण ने 2017 में आतंकवादी याकूब मेनन को दी गई मृत्युदंड के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उसकी फाँसी के खिलाफ देर रात सुनवाई हुई।

‘भारत जोड़ो यात्रा’ में विवादास्पद ‘एक्टिविस्ट’ मेधा पाटकर

कुख्यात ‘कार्यकर्ता’  मेधा पाटकर भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं। उन्होंने सरदार सरोवर बाँध सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित कर सुर्खियाँ बटोरी हैं। पाटकर की वजह से परियोजना में दशकों की देरी हुई और गुजरात और आसपास के राज्यों के दूरदराज के इलाकों के लोगों को पानी की कमी में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। पाटकर के खिलाफ पिछले साल जुलाई में धोखाधड़ी के एक मामले में मामला दर्ज किया गया था।

उन पर और उनके सहयोगियों पर आदिवासी बच्चों को पढ़ाने की आड़ में एकत्रित धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था। प्राथमिकी के अनुसार, मेधा पाटकर ने ‘नर्मदा नवनिर्माण अभियान’ फाउंडेशन के माध्यम से 13 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए। उन पर शिक्षा के लिए चंदा मांगकर सरकार विरोधी भावना भड़काने का आरोप है।

यात्रा में सिख विरोधी दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर

इसके अलावा, 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपितों में से एक जगदीश टाइटलर को भी यात्रा में देखा गया।

पुजारियों के खिलाफ नफरत

राहुल ने 8 जनवरी 2023 को  खुद को ‘तपस्वी’ के रूप में प्रचारित करने की कोशिश की और ‘पूजा’ के खिलाफ बात की। राहुल गाँधी ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के हरियाणा चरण के दौरान विवादित टिप्पणी की। कुरुक्षेत्र के पास समाना में मीडिया से बात करते हुए राहुल गाँधी ने दावा किया कि भाजपा ‘पूजा’ की पार्टी है जबकि कॉन्ग्रेस ‘तपस्या’ की पार्टी है।

आतंकवादियों द्वारा गैर-स्थानीय लोगों पर घातक हमलों के बीच राहुल ने जम्मू-कश्मीर में “बाहरी” का मुद्दा उठाया

जम्मू और कश्मीर में अपनी यात्रा के अंतिम चरण के दौरान बोलते हुए, राहुल ने घाटी में ‘गैर-स्थानीय लोगों’ पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा था, “पहले जम्मू के स्थानीय लोग यहाँ कारोबार करते थे। जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोग जम्मू-कश्मीर चलाते थे। आज इसे ‘बाहरी’ चला रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “जम्मू-कश्मीर में सारा व्यापार बाहरी लोगों द्वारा किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के लोग बस उन्हें देख रहे हैं। दूसरे, बेरोजगारी पूरे भारत में जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक है। इसका मतलब यह है कि जब नौकरी और व्यापार की बात आती है तो स्थानीय लोग बाहरी लोगों से हार रहे हैं।”

इन घटनाओं के अलावा यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने वीर सावरकर पर भी हमला बोला। उन्होंने 17 नवंबर 2022 को  दोहराया कि वीर सावरकर ने ब्रिटिश सरकार की मदद की और ‘डर से’ दया करने के लिए चिट्ठी लिखीं। राहुल गाँधी ने महाराष्ट्र के अकोला जिले में भारतीय स्वतंत्रता सेनानी पर जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और महात्मा गाँधी जैसे लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Anurag
Anuraghttps://lekhakanurag.com
B.Sc. Multimedia, a journalist by profession.

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

थीसिस पेश करने से लेकर, डिग्री पूरी होने तक… जानें जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ होता है कैसा बर्ताव, सामने आई रिपोर्ट

'कॉल फॉर जस्टिस' की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चलता है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ न केवल भेदभाव हुआ बल्कि उन्हें धर्मांतरण के लिए उकसाया भी गया।

बांग्लादेश में संविधान का ‘खतना’: सेक्युलर, समाजवादी जैसे शब्द हटाओ, मुजीब से राष्ट्रपिता का दर्जा भी छीनो – सबसे बड़े सरकारी वकील ने दिया...

युनुस सरकार बांग्लादेश के संविधान से 'सेक्युलर' शब्द निकालने की तैयारी कर रही है। इसे इस्लामीकरण की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -