पाकिस्तान जम्मू कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मसला बनाने के लिए हाथ-पाँव रगड़ तो रहा है लेकिन इसमें उसे कोई ख़ास सफलता मिलती दिख नहीं रही है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से लेकर अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों तक, पाकिस्तान को हर जगह निराशा ही हाथ लगी है। यहाँ तक कि इस्लामिक देशों ने भी भारत का समर्थन किया है, जिसका जिक्र ख़ुद इमरान ख़ान ने अपने देश को सम्बोधित करते समय किया था। उन्होंने अपने लोगों को भरोसा दिलाया था कि समय आने पर इस्लामिक राष्ट्र पाकिस्तान के समर्थन में आ जाएँगे।
अब अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पाकिस्तान के वकील खावर कुरैशी ने भी स्वीकार किया है कि वे बैकफुट पर हैं। खावर कुरैशी ने कहा कि ‘जम्मू कश्मीर में हो रहे नरसंहार’ के ख़िलाफ़ उनके देश के पास किसी भी प्रकार का सबूत नहीं है। पाकिस्तान के आईसीजे वकील ने कहा कि बिना सबूतों के पाकिस्तान के केस में कोई दम नहीं होगा, अगर वह इंटरनेशनल कोर्ट में जाने का फ़ैसला लेता है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जम्मू कश्मीर को भारत से अलग नहीं किया जा सकता।
पाकिस्तान ने पहले भी धमकी दे रखी है कि वह कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ले जाएगा। अब उसके ही वकील के बयान के बाद इमरान ख़ान के दावों की पोल खुल गई है। पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मध्यस्थता की दरख्वास्त की थी लेकिन फ्रांस में हुए जी-7 समिट के इतर ट्रम्प से मुलाक़ात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने साफ़ कर दिया कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है और इसमें किसी भी प्रकार की मध्यस्तथा की ज़रूरत नहीं है।
Pak’s #ICJ lawyer Khawar Qureshi says, “it’s very difficult to produce high evidencial threshold of genocide in Kashmir, in absence of which it’s extremely difficult for Pakistan to take this case to the ICJ” pic.twitter.com/oqDkQkRV0G
— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) September 3, 2019
हाल ही में पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने को मजबूर हुआ है। इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उसकी किरकिरी हो चुकी है। अब जब उसका वकील ही कह रहा है कि पाकिस्तान का केस आईसीजे में लेकर जाना काफ़ी मुश्किल है, इमरान ख़ान की कश्मीर के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिशों को तगड़ा धक्का लगना तय है।