पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं और मंदिरों पर हमले की घटना होती रहतीं हैं। अब कट्टरपंथी मुस्लिमों ने अहमदिया समुदाय की मस्जिद को निशाना बनाया है। मस्जिद में तोड़फोड़ करने वाले लोग इस्लामी पार्टी ‘तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP)’ के सदस्य बताए जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अहमदिया समुदाय की यह मस्जिद कराची में है। इसे कादियानी मस्जिद कहा जाता है।जहाँ कुछ कट्टरपंथी हमलावरों ने मस्जिद में चढ़कर मीनारों और छज्जे में तोड़फोड़ की है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में 4 हमलावर हथौड़े से तोड़फोड़ करते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा कई स्थानीय लोग भी नजर आ रहे हैं।
Islamist mob desecrated an Ahmadi mosque in Karachi Pakistan.
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) February 3, 2023
According to them, Ahmadis aren’t Muslims. And according to Ahmadis, others aren’t Muslims.pic.twitter.com/4HnMDqnVKE
रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि अहमदिया मस्जिद में हुई तोड़फोड़ के समय पुलिसकर्मी भी मौके पर मौजूद थे। हालाँकि, किसी ने भी इन इस्लामिक कट्टरपंथियों को रोकने की कोशिश नहीं की। मस्जिद में हमला करने वाले लोगों को पाकिस्तान की कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी ‘तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP)’ का सदस्य बताया जा रहा है। हमलवार फिलहाल फरार हैं। पुलिस मामले की जाँच करने की बात कह रही है।
बीते एक महीने में अहमदिया मुस्लिमों से जुड़े मजहबी स्थल पर यह दूसरा हमला है। इससे पहले, कराची के ही जमशेद रोड में स्थित अहमदी जमात खाने पर हमला हुआ था। इस हमले में जमात खाने की मीनारें टूट गई थीं। बता दें कि साल 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने संविधान में संशोधन कर अहमदिया मुस्लिमों को गैर मुस्लिम घोषित करार दिया था। इसके बाद से अहमदिया मुस्लिमों को भेदभाव, उत्पीड़न और हमलों का सामना कर रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान के पेशावर शहर में सोमवार (30 जनवरी, 2023) को एक मस्जिद में आत्मघाती बम धमाका हुआ था। इस फिदायीन हमले में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। वहीं करीब 200 लोग घायल हुए थे। बम धमाके के वक्त नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में करीब 400 लोग मौजूद थे। ‘तहरीक-ए-तालिबान (TTP)’ ने हमले की जिम्मेदारी ली।