Tuesday, April 30, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिइस गाँव में 7 साल से चल रहा रामचरितमानस का अखंड पाठ, 24 घंटे...

इस गाँव में 7 साल से चल रहा रामचरितमानस का अखंड पाठ, 24 घंटे गूँजती हैं तुलसीदास की चौपाइयाँ: ‘भारत के दिल’ में स्वामी जैसे जातिवादियों की नहीं गलती दाल

गाँव वालों ने 130 लोगों का एक समूह बनाया। इस समूह को 4-4 सदस्यों में बाँटा गया। साथ ही सभी को एक-एक घण्टे रामचरितमानस का पाठ करने का काम सौंपा गया।

देशभर में रामचरितमानस को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। एक ओर जहाँ राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के लिए नेता बेतुके बयान दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के एक छोटे से गाँव में बीते 7 साल से 24 घण्टे रामचरितमानस का पाठ किया जा रहा है। इसके लिए 130 लोगों का समूह शिफ्ट बनाकर पाठ करता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रतलाम जिले के पंचेड़ गाँव में रामचरितमानस के पाठ की परंपरा साल 1985 से चली आ रही है। लेकिन साल 2016 में इस परंपरा में बड़ा बदलाव हुआ। दरअसल, 2016 में महाकाल की नगरी उज्जैन में सिहंस्थ कुंभ मेले का आयोजन हुआ था। यहाँ स्वामी प्रसाद मौर्या जैसे जातिवादियों की दाल नहीं गलती, क्योंकि सभी वर्ग के लोग साथ-साथ अपनी साझा आस्था और विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, उस पर गर्व कर रहे हैं।

इस आयोजन का पंचेड़ गाँव के लोगों में ऐसा प्रभाव हुआ कि ग्रामीणों ने रामचरितमानस का सालभर पाठ करने का निर्णय किया लिया। हालाँकि, गाँव वालों के लिए यह निर्णय चुनौती भरा था। सबसे बड़ा सवाल यह था कि साल के 365 दिन और 24 घण्टे अखण्ड रामचरितमानस का पाठ कैसे होगा?

हालाँकि, इसके बाद गाँव वालों ने 130 लोगों का एक समूह बनाया। इस समूह को 4-4 सदस्यों में बाँटा गया। साथ ही सभी को एक-एक घण्टे रामचरितमानस का पाठ करने का काम सौंपा गया। लोगों ने पुण्य के इस कार्य को प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार किया। इसके बाद से ही बीते 7 साल से पंचेड़ गाँव में स्थित भगवान शिव और हनुमान जी के मंदिर में हर रोज 24 घण्टे रामचरितमानस की चौपाइयाँ गूँज रहीं हैं।

गाँव मे बीते 7 सालों से किए जा रहे अखंड रामचरितमानस के पाठ का प्रभाव यहाँ के युवाओं पर भी पड़ रहा है। गाँव के ऐसे कई युवा हैं जिन्हें रामचरितमानस की दोहे और चौपाइयाँ कंठस्थ हो गईं हैं। साथ ही, भगवान श्रीराम के चरित्र का गुणगान सुन गाँव के लोगों का धार्मिक और सांस्कृतिक विकास भी हो रहा है।

रामचरितमानस के पाठ को लेकर पंचेड़ गाँव के सरपंच का कहना है कि गाँव के लोग पिछले 7 साल से इस परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं। गाँव के लोगों की टीम बनी है। यह टीम अपने-अपने समय पर आकर रामचरितमानस का पाठ करती है। ऐसे में लगातार पाठ भी चलता रहता है और किसी एक व्यक्ति पर भार नहीं पड़ता। सरपंच ने यह भी कहा है कि रामचरितमानस के प्रभाव से गाँव में जातिवाद नहीं है। सभी जातिवर्ग के लोग रामचरितमानस के पाठ में अपना योगदान देते हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘राम का मुकाबला करने के लिए शिव’: हिन्दुओं को बाँटने के लिए नया हथियार लेकर आई कॉन्ग्रेस, खड़गे को अपने प्रत्याशी का नाम याद...

श्रीराम की प्रशंसा परशुराम जी ने 'जय महेस मन मानस हंसा' कह कर की है, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे राम और शिव को लड़ाना चाहते हैं। हिन्दुओं को बाँटने की ये कौन सी नई चाल है? शिव तो राम को पुष्कराक्ष, महाबाहो, महावक्षः और परन्तप कहते हैं, दोनों में कैसा भेद, कैसी लड़ाई?

प्रज्वल रेवन्ना मामले में घिरी कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार, दावा- महीनों पहले मिले थे सेक्स स्कैंडल के Videos, पर हाथ पर हाथ धरे बैठी...

जेडीएस हासन सांसद प्रज्वल रेवन्ना के कथित सेक्स वीडियो मामले में अमित शाह ने पूछा है कि कॉन्ग्रेस सरकार ने इस पर पहले एक्शन क्यों नहीं लिया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -