Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजहर 6 गर्भवती में 1 टीनेजर, विवाहित किशोर लड़कियों की संख्या 4 लाख: पश्चिम...

हर 6 गर्भवती में 1 टीनेजर, विवाहित किशोर लड़कियों की संख्या 4 लाख: पश्चिम बंगाल के चिंताजनक आँकड़े

पश्चिम बंगाल में कुल विवाहित महिलाओं में से टीनेजर लड़कियों की संख्या 4 लाख। इससे ज्यादा चौंकाने वाला आँकड़ा यह है कि बंगाल में कुल गर्भवती महिलाओं में 17% टीनेज लड़कियाँ हैं, जबकि शादीशुदा महिलाओं में टीनेज लड़कियों का प्रतिशत सिर्फ 4% ही है।

पश्चिम बंगाल में गर्भवती महिलाओं के आँकड़ों में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि राज्य में हर 6 गर्भवती महिलाओं में 1 टीनेज (13 से 19 साल की लड़की) है। ये आँकड़े राज्य स्वास्थ्य विभाग के ही हैं। विभाग ने इन आँकड़ों पर चिंता प्रकट की है।

पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के तहत गर्भवती महिलाओं, जच्चे-बच्चे से संबंधित एक वेब-पोर्टल है। ‘मातृमा (MatriMa)’ नाम है उसका। इसके आँकड़ों के अनुसार सितंबर 2022 में बंगाल में किशोर (टीन एजर्स) जोड़ों की तादाद लगभग 4 लाख थी। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों ने उन्हें गर्भ निरोधक चीजों के इस्तेमाल की सलाह दी थी।

गर्भ निरोधकों के इस्तेमाल को लेकर ‘मातृमा (MatriMa)’ की पहल पश्चिम बंगाल में बहुत असरदायक नहीं रही। तुलनात्मक तौर पर देखें तो पिछले वर्ष की तुलना में गर्भ निरोधक चीजों का प्रयोग करने वाले जोड़ों की संख्या में महज 5% का इजाफा हुआ है। जनवरी 2022 में जहाँ गर्भ निरोधकों का प्रयोग करने वाले जोड़ों की सँख्या 50% थी, वहीं 1 साल बाद जनवरी 2023 में यह सँख्या 55% ही हो पाई।

‘मातृमा (MatriMa)’ के आँकड़ों के अनुसार सितंबर 2022 में पश्चिम बंगाल में कुल विवाहित महिलाओं में से टीनेजर लड़कियों की संख्या 4 लाख थी। इससे ज्यादा चौंकाने वाला आँकड़ा यह है कि बंगाल में कुल गर्भवती महिलाओं में 17% टीनेज लड़कियाँ हैं, जबकि शादीशुदा महिलाओं में टीनेज लड़कियों का प्रतिशत सिर्फ 4% ही है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण ने पश्चिम बंगाल में गर्भवती महिलाओं की स्थिति, कम-उम्र वाले विवाहित जोड़ों आदि पर 2019-2020 में आँकड़े जारी किए थे। उन आँकड़ों के अनुसार तब राज्य में गर्भवती कुल महिलाओं में 17% टीनएजर्स बताई गई थीं। उस समय जारी आँकड़े के अनुसार 15 से 19 वर्ष की उम्र के बीच गर्भवती हुई लड़कियों का प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में 8.5% था, जबकि ग्रामीण इलाकों में इसी का प्रतिशत 19.6 था।

स्वास्थ्य मंत्रालय जहाँ लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल से ऊपर मानता है तो वहीं बच्चे पैदा करने के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल बताई गई है। मंत्रालय का मानना है कि इस उम्र से कम होने पर न सिर्फ बच्चे बल्कि माँ को भी तमाम संक्रमण और खतरों का डर होता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -