Saturday, May 4, 2024
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नौकरी के बदले जमीन घोटाला: दिल्ली की कोर्ट ने लालू, राबड़ी और मीसा भारती को दी जमानत, पहली बार पत्नी और बेटी के साथ पेश हुए थे राजद सुप्रीमो

सीबीआई ने चार्जशीट में बताया है कि रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से जमीन रिश्वत के रूप में ली गई थी। इन जमीनों का अधिग्रहण सर्किल और मार्केट रेट से काफी कम कीमत पर किया गया था। ये जमीन राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती एवं हेमा यादव के नाम पर ट्रांसफर किया गया था।

नौकरी के बदले जमीन घोटाले (Land For Job Scam) में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी है। उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) और सांसद बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) सहित मामले के अन्य आरोपितों को भी जमानत मिल गई है। कोर्ट ने 50 हजार रुपए के मुचलके पर लालू और उनके परिवार के सदस्यों को जमानत दी है।

15 मार्च को पहली बार इस मामले में लालू यादव अपनी पत्नी और बेटी के साथ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने पेश हुए। अदालत ने 27 फरवरी 2023 को को मामले के सभी 16 आरोपितों को पेश होने के लिए समन जारी किया था। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने लालू और उनके परिवार के सदस्यों को जमानत का विरोध नहीं किया। व्हीलचेयर पर लालू यादव पेशी के लिए आए थे।

पेशी से पहले इस मामले में सीबीआई ने लालू और राबड़ी देवी से पूछताछ भी की थी। लालू से उनकी बेटी मीसा भारती के आवास पर दिल्ली में तो राबड़ी देवी से पटना में पूछताछ हुई थी। पूछताछ के बाद लालू की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को परेशान करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली की कुर्सी हिला देने की धमकी दी थी। इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव के बेटे और बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव को भी 4 मार्च और 11 मई को पूछताछ के लिए बुलाया था। हालाँकि वे पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए थे।

पिछले दिनों सीबीआई ने इस केस में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में बताया था कि रेलवे के चतुर्थ श्रेणी में हुई भर्ती के लिए भारतीय रेलवे द्वारा बनाई गई नियमावली का उललंघन किया गया था। ईडी ने भी इस मामले में पिछले दिनों दिल्ली, नोएडा, पटना और मुंबई में 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। एजेंसी की रडार पर लालू यादव के बच्चे और करीबी थे।

क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला

यह मामला करीब 14 साल पुराना है। तब लालू यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री हुआ करते थे। आरोप है कि कई लोगों को रेलवे में नौकरी के बदले उनकी जमीन लिखवा ली गई थी। इस घोटाले में 18 मई 2022 को CBI ने FIR दर्ज की थी। राबड़ी, मीसा भारती सहित कुल 16 लोगों को आरोपित किया है। अन्य आरोपितों के नाम राज कुमार सिंह, मिथलेश कुमार, अजय कुमार, संजय कुमार, धर्मेंद्र कुमार, विजय कुमार, अभिषेक कुमार, रविंद्र राय, किरण देवी, अखिलेश्वर सिंह, रामाशीष सिंह, कमल दीप मनरई और सौम्या राघवन हैं। सौम्या सेंट्रल रेलवे की तत्कालीन जीएम और कमल दीप सेंट्रल रेलवे के तत्कालीन सीपीओ थे। सीबीआई ने आरोप पत्र में बताया है कि रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से जमीन रिश्वत के रूप में ली गई थी। इन जमीनों का अधिग्रहण सर्किल और मार्केट रेट से काफी कम कीमत पर किया गया था। ये जमीन राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती एवं हेमा यादव के नाम पर ट्रांसफर किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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