Sunday, December 22, 2024
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राजस्थान में अपनी ही सरकार के खिलाफ सचिन पायलट का अनशन, कॉन्ग्रेस ने ‘पार्टी विरोधी’ कदम बता चेताया

"सचिन पायलट का अनशन पार्टी हितों के खिलाफ है। पार्टी विरोधी गतिविधि है। अगर अपनी ही सरकार के साथ उनकी कोई समस्या है तो मीडिया और जनता के बजाय पार्टी के प्लेटफॉर्म पर चर्चा की जा सकती है।"

राजस्थान में अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व में काॅन्ग्रेस की सरकार है। इसी सरकार के खिलाफ आज (11 अप्रैल 2023) काॅन्ग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) अनशन करने वाले हैं। उससे पहले पार्टी ने उन्हें इस कदम पर चेताया है। अनशन को पार्टी हितों के खिलाफ और पार्टी विरोधी गतिविधि बताया है। राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। गहलोत और कभी उनकी सरकार में डिप्टी सीएम रहे पायलट के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है।

पायलट का कहना है कि गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार के उन मुद्दों पर कोई कार्रवाई नहीं की जिनको उठाकर काॅन्ग्रेस प्रदेश की सत्ता में आई थी। इसको लेकर वे जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठेंगे। इसमें शामिल होने के लिए उन्होंने औपचारिक तौर पर काॅन्ग्रेस नेताओं को न्योता नहीं भेजा है। लेकिन माना जा रहा है कि उनके समर्थक इसमें शिरकत करेंगे। लिहाजा काॅन्ग्रेस डैमेज कंट्रोल की कोशिशों में लगी है।

इसी कड़ी में कॉन्ग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने सोमवार (10 अप्रैल 2023) रात एक बयान जारी किया। इस बयान में उन्होंने कहा है कि सचिन पायलट को इस मुद्दे पर पार्टी में बात करनी चाहिए थी। उनका इस तरह से अनशन करना पार्टी हितों के खिलाफ है।

रंधावा ने कहा है, “सचिन पायलट कल (मंगलवार) दिन भर का अनशन करने वाले हैं। उनका यह अनशन पार्टी हितों के खिलाफ है। पार्टी विरोधी गतिविधि है। अगर अपनी ही सरकार के साथ उनकी कोई समस्या है तो मीडिया और जनता के बजाय पार्टी के प्लेटफॉर्म पर चर्चा की जा सकती है। मैं 5 महीने से राजस्थान कॉन्ग्रेस का प्रभारी हूँ। लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर मुझसे कभी चर्चा नहीं की। मैं उनके संपर्क में हूँ और अभी भी उनसे बातचीत की अपील करता हूँ। वह निर्विवाद रूप से कॉन्ग्रेस पार्टी के एक मजबूत स्तंभ हैं।”

वहीं एक अन्य बयान में रंधावा ने कहा है कि उन्होंने पायलट से फोन पर बात की है। साथ ही इस तरह के सार्वजनिक प्रदर्शन करने की जगह पार्टी के मंचों पर मामलों को उठाने के लिए कहा है। वसुंधरा राजे सरकार में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की माँग को लेकर सचिन पायलट जिन दो पत्रों की बात कर रहे हैं, उनके बारे में कभी जिक्र ही नहीं किया गया।

दरअसल, सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि भ्रष्टाचार के जिन मुद्दों के बल पर अशोक गहलोत सरकार बनी थी, उनके खिलाफ बीते साढ़े चार सालों में कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही नहीं उन्होंने वसुंधरा राजे सरकार के समय सामने आए घोटालों को लेकर भी गहलोत सरकार की नीयत पर सवाल उठाए थे। उल्लेखनीय है कि 2018 के विधानसभा चुनावों में काॅन्ग्रेस की जीत के समय पायलट प्रदेश अध्यक्ष थे। उन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी माना जा रहा था, लेकिन काॅन्ग्रेस आलाकमान ने उनकी जगह गहलोत को वरीयता दी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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