Sunday, November 17, 2024
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‘सबको मार दो, किसी को मत छोड़ना’; जिस पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर को चीन ने बचाया, उसका 26/11 वाला ऑडियो भारत ने UN में सुनाया

दरअसल, कुछ समय पहले पाकिस्तान ने दावा किया था कि साजिद मीर मर चुका है। कई देशों ने इसका सबूत माँगा, लेकिन पाकिस्तान नहीं दे सका। आतंकवाद रोधी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। जब उसकी झूठ का खुलासा हो गया तो चीन के जरिए उसे बचाने की कोशिश की जा रही है।

चीन ने 26/11 आतंकी हमले में शामिल पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मीर (Sajid Mir) को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर फिर अड़ंगा लगा दिया है। भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में यह प्रस्ताव रखा था। अब भारत ने चीन और पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में नंगा कर दिया है।

चीन के इस अड़ंगा पर भारत ने दोनों पड़ोसियों को जमकर सुनाया। इस दौरान भारत ने आतंकी साजिद मीर की एक ऑडियो क्लिप भी चलाई। इसमें मीर आतंकियों निर्देश दे रहा है कि ताज होटल में बैठे सभी विदेशियों को मार दिया जाए। उसने किसी को नहीं छोड़ने का निर्देश दिया था।

भारत में वांछित साजिद मीर साल 2008 में मुंबई में ताज होटल पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। वह आतंकियों को निर्देश दे रहा था कि वे लोगों की हत्या करें। इस आतंकी हमले में 166 लोगों की जान गई थी, जिनमें विदेशी भी शामिल थे। अमेरिका ने मीर पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम भी रखा है।

भारत की ओर से संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्चस्तरीय महासभा में साजिद मीर की रिकॉर्डिंग सुनाते हुए कहा कि यह साजिद मीर है और आतंकी घटना के 15 साल बाद भी खुला घूम रहा है। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि उसे एक देश में पूरी सुविधा दी जा रही है।

भारत की ओर से गुप्ता ने कहा कि आतंकवाद को लेकर दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद स लड़ने में वैश्विक स्तर पर कुछ गड़बड़ी चल रही है। UNSC में एक आतंकी को आतंकी नहीं घोषित किया जा रहा है और कई देश उसका समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुड टेररिज्म और बैड टेररिज्म का कॉन्सेप्ट खतरनाक है।

उन्होंने कहा कि चीन की इस हरकत से 26/11 के पीड़ितों को अभी भी न्याय नहीं मिला है। निजी हितों के चलते भारत के प्रयासों को रोका गया है। इससे साफ होता है कि आतंकवाद की चुनौती के खिलाफ ईमानदारी से लड़ने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है। व्यक्तिगत फायदे के लिए आतंकवाद की परिभाषा बदली जा रही है।

दरअसल, कुछ समय पहले पाकिस्तान ने दावा किया था कि साजिद मीर मर चुका है। कई देशों ने इसका सबूत माँगा, लेकिन पाकिस्तान नहीं दे सका। आतंकवाद रोधी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। जब उसकी झूठ का खुलासा हो गया तो चीन के जरिए उसे बचाने की कोशिश की जा रही है।

इससे पहले सितंबर 2022 में साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए एक प्रस्ताव लाया गया था। हालाँकि, तब भी चीन ने इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। जून 2022 में पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में साजिद मीर को 15 साल से अधिक की सजा सुनाई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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