मृतक: श्रीकांत पासवान
ग्राम: धर्मपुर
थाना: कमतौल
पंचायत: हरिहरपुर
प्रखंड: सिंहवाड़ा
जिला: दरभंगा
राज्य: बिहार
देश: भारत
62 साल के श्रीकांत पासवान कैंसर से पीड़ित थे। मौत हो गई तो परिजन अंतिम संस्कार के लिए 23 जुलाई 2023 को शव श्मशान में ले गए। दूसरे ‘समुदाय’ के लोगों ने श्मशान की जमीन अपनी बताकर अंतिम संस्कार का विरोध किया। पत्थरबाजी से लेकर घरों पर हमले तक हुए। मीडिया रिपोर्टों में शव के साथ अमानवीयता के दावे भी किए गए हैं। लेकिन बिहार पुलिस ने इन दावों को नकार दिया है। अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद कबूली है। पर दूसरे पक्ष की पहचान आधिकारिक तौर पर नहीं बताई है।
मीडिया रिपोर्ट में शव के साथ अमानवीयता का दावा
दैनिक भास्कर के दरभंगा संस्करण में 25 जुलाई 2023 को इस घटना पर एक रिपोर्ट विस्तार से प्रकाशित हुई है। इस खबर की हेडलाइन है- कमतौल में शव को पीटा ही नहीं, फेंका भी: विरोध किया तो पुलिस के सामने घरों में लगाई आग-तोड़फोड़
@BJP4Bihar @ajeetbharti @BJPITCellTS @AmanChopra_ #जय_भीम_जय_मीम बिहार के दरभंगा जिले के कमतौल गांव की घटना दलित के शव को लाठी से पीटा है शव पर पेशाब किया शव को जलने नहीं दिया पुलिस गाडी,घरों को जलाया कहाँ हो @Profdilipmandal @ajitanjum pic.twitter.com/VM18Q9Ujdw
— संतोष कुमार झा (@JhaSrajha310) July 25, 2023
इसी खबर को दैनिक भास्कर ने ऑनलाइन जिस हेडलाइन से प्रकाशित किया है, वो है- दरभंगा में जलती चिता से शव को फेंका… लोगों को पीटा: श्मशान की जमीन को लेकर हुआ बवाल, पुलिस पर पथराव; घर में आगजनी, गाड़ियां फूंकीं
इन दोनों रिपोर्टों में जो विवरण दिए गए हैं, उसके मुताबिक ‘समुदाय विशेष’ के लोगों ने शव के साथ अमानवीय व्यवहार किया। शव को पीटा। चिता से शव उठाकर नीचे फेंक दिया। शव पर पेशाब की। मृतक के घर में आगजनी की। तोड़फोड़ और लूटपाट की गई। पत्थरबाजी हुई। पुलिस और स्थानीय मुखिया के वाहनों को निशाना बनाया। पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। दैनिक जागरण की रिपोर्ट में भी रोड़ेबाजी की बात कही गई है। लेकिन किसी भी रिपोर्ट में ‘समुदाय’ की पहचान उजागर नहीं की गई है।
दरभंगा के कमतौल में श्मशान की जमीन पर अंतिम संस्कार को लेकर आपस में भिड़े दो समुदाय के लोग। मारपीट में दस लोग घायल। pic.twitter.com/H4GtKzTRcz
— News18 Bihar (@News18Bihar) July 24, 2023
शव के साथ अमानवीयता को पुलिस ने किया खारिज
दरभंगा पुलिस ने इस घटना को लेकर एक ट्वीट किया है। ट्वीट में 8 लोगों की गिरफ्तारी, कानून-व्यवस्था नियंत्रण में होने, हालात पर कड़ी निगरानी रखने, अफवाह से बचने जैसी बातें कही गई है। बताया है कि धर्मपुर गाँव के श्रीकांत पासवान के अंतिम संस्कार का मालपट्टी गाँव के ‘अन्य समुदाय’ के लोगों द्वारा विरोध किया गया। अंतिम संस्कार नहीं करने देने पर दोनों पक्षों के बीच रोड़ेबाजी और एक-दूसरे के घरों में तोड़फोड़ करने की घटना हुई है।
दरभंगा पुलिस द्वारा कमतौल थाना क्षेत्र के ग्राम- हरिहरपुर टोला मालपट्टी स्थित शमशान घाट पर दो समुदायों के बीच उत्पन्न विवाद से संबंधित कार्रवाई ……..#biharpolice pic.twitter.com/Ux5mUrLenR
— Darbhanga Police (@DarbhangaPolice) July 24, 2023
ऑपइंडिया को कमतौल के थाना प्रभारी ने बताया है कि शव के साथ अमानवीयता के जो दावे किए जा रहे हैं, वे झूठे हैं। विवाद की सूचना मिलने के बाद जब पुलिस मौके पर पहुँची तो शव गड्ढा खोदकर चिता पर रखा हुआ था। प्रशासन की मौजूदगी में अंतिम संस्कार करवाया गया। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार ने भी अपनी शिकायत में शव के साथ किसी तरह की अभद्रता का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने उपद्रव के दौरान तीन पुलिसकर्मियों के चोटिल होने की बात कही है। कहा है कि फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। हमने उनसे पूछा कि अंतिम संस्कार का विरोध करने वाले लोग कौन हैं? पासवान के परिवार ने क्या किसी के खिलाफ नामजद शिकायत की है? लेकिन हमारे इन सवालों का थाना प्रभारी ने जवाब देने से इनकार कर दिया।
अंतिम संस्कार का विरोध करने वाला ‘समुदाय’ कौन
आधिकारिक तौर पर अंतिम संस्कार का विरोध करने वाले ‘समुदाय’ की पहचान नहीं बताई गई है। दरअसल, जिस श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए श्रीकांत पासवान का शव ले जाया गया था, वह मालपट्टी गाँव की सीमा से लगा है। स्थानीय लोगों के अनुसार मालपट्टी गाँव के मुस्लिम इस जमीन पर अपना दावा जता रहे हैं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट कहती है कि इस भूमि को लेकर दो साल से विवाद चल रहा है। यह जमीन ग्राम पंचायत की है। पहली बार अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हुआ है। अंतिम संस्कार का विरोध करने वाले लोगों के मालपट्टी के मुस्लिम होने की पुष्टि ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के एक पत्र से भी होती है। यह पत्र 24 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखा गया है। इसमें स्थानीय मुखिया अजय कुमार झा पर साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि मालपट्टी के दो दर्जन से अधिक मुस्लिमों के घरों में मुखिया के आदमी और पुलिस ने घुसकर मारपीट की है। इस पत्र की कॉपी ऑपइंडिया के पास है। दरभंगा पुलिस के ट्वीट से भी पता चलता है कि अंतिम संस्कार का विरोध करने वाले मालपट्टी के ही हैं।
लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार अजय झा अंतिम संस्कार को लेकर विवाद होने की सूचना मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन के साथ मौके पर पहुँचे थे। उपद्रवियों ने इस दौरान उनकी बाइक भी जला दी। दावा किया जा रहा है कि मुस्लिमों की शिकायत के बाद उपद्रव के अगले दिन बहाने से अजय झा को बुलाकर हिरासत में ले लिया गया। ऑपइंडिया से बात करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के सदस्य नज़रे आलम ने बताया है कि अजय कुमार झा को हिरासत में लेकर थाने में रखे जाने की जानकारी उन्हें भी है। ऑपइंडिया से बातचीत में कमतौल थाना प्रभारी ने भी उनके पुलिस हिरासत में होने की पुष्टि की है।
दलित समाज अब लाश भी नहीं जला सकता: बीजेपी
बिहार बीजेपी ने अपने आधिकारिक हैंडल से इस घटना को लेकर ट्वीट किया है। इसमें कहा गया है, महागठबंधन सरकार में दलित समाज अब लाश भी नहीं जला सकता। दरभंगा में श्मशान में जलती हुई लाश को एक विशेष समुदाय ने निकालकर फेंका। फिर लाश जलाने आए लोगों का घर भी फूँक दिया। पासवान समाज के लोगों का सिर भी फोड़ा।”
महागठबंधन सरकार में दलित समाज अब लाश भी नहीं जला सकता।
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) July 24, 2023
दरभंगा में श्मशान में जलती हुई लाश को एक विशेष समुदाय ने निकालकर फेंका। फिर लाश जलाने आए लोगों का घर भी फूंक दिया।पासवान समाज के लोगों का सिर भी फोड़ा।
क्या ठगबंधन वालों की ओर एक शब्द भी सुना?#ThagbandhanAppeasement pic.twitter.com/UMxawQCgIN
ट्ववीट के साथ एक वीडियो भी संलग्न है। जो इस घटना की मीडिया रिपोर्टिंग से जुड़ा है। साथ ही इस घटना पर सरकार की चुप्पी को लेकर भी बीजेपी ने सवाल उठाए हैं।