कॉन्ग्रेस नेता गौरव गोगोई के नेतृत्व में पार्टी ने संसद के मॉनसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत की, जिसका जवाब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें लगा था कि राहुल गाँधी पहले बोलेंगे, लेकिन उन्होंने नहीं बोला। इस दौरान विपक्ष ने भारी नारेबाजी की, जिस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने पूछा कि आखिर निशिकांत दुबे के भाषण से विपक्ष इतना डर क्यों रहा है?
अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करने उठे दुबे ने कहा कि सत्ता पक्ष ने विपक्षी नेताओं को ध्यान सुना, अब वो भी हमें ध्यान से सुनें। गौरव गोगोई ने इस दौरान मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाने हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुप रहने का आरोप लगाया। उन्होंने पूछा कि जब गुजरात, त्रिपुरा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बदले गए, फिर मणिपुर के CM को क्यों नहीं हटाया गया? उन्होंने दावा किया कि मणिपुर के दोनों समुदायों (मैतेई और कुकी) में उन्होंने कभी कोई भेदभाव नहीं देखा, ये भाजपा की राजनीति से शुरू हुआ है।
वहीं प्रह्लाद जोशी ने पूछा कि हम राहुल गाँधी को सुनना चाहते थे, लेकिन आखिरी 5 मिनट में ऐसा क्या हुआ कि गौरव गोगोई को बोलने के लिए लाया गया? नो-कॉन्फिडेंस मोशन पर राहुल गाँधी ने बहस की शुरुआत नहीं की, इस पर भाजपा ने सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर वो भाग क्यों रहे हैं? जबकि कॉन्ग्रेस पार्टी ने राहुल गाँधी की तस्वीर ट्वीट कर लिखा था, “आज सदन में बोलेंगे जननायक।” भाजपा की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी बोलेंगी।
निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गाँधी बड़े आदमी हैं, मोदी जैसी छोटी OBC जाति से माफी नहीं माँगेंगे। उन्होंने कहा कि गौरव गोगोई ने पूरी संसद और पूरे देश को चुनौती दी कि वो मणिपुर नहीं गए। इस पर दुबे ने जवाब दिया कि उनके मामा मणिपुर में सीआरपीएफ के डीआईजी हुआ करते थे और उन्होंने अपना एक पाँव हिंसक हमले में गँवा दिया। उन्होंने बताया कि इसी कॉन्ग्रेस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि यही कॉन्ग्रेस पार्टी आज मणिपुर और राष्ट्रवाद की बात करती है।
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— Zee News (@ZeeNews) August 8, 2023
निशिकांत दुबे ने इस दौरान असम में भी कॉन्ग्रेस पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मिजोरम में केवल 7% वोट के आधार पर कॉन्ग्रेस ने सरकार बना ली थी। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी बजट सेशन में भी थे और मॉनसून सेशन में भी हैं, ऐसे में वो गए कहाँ हैं? उन्होंने याद दिलाया कि जिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वो आए हैं, उसमें सिर्फ फैसले पर स्टे लगा है बल्कि जजमेंट नहीं आया है।
उन्होंने राहुल गाँधी के बयान “मैं सावरकर नहीं हूँ” पर निशाना साधते हुए कहा कि वो सावरकर हो भी नहीं सकते क्योंकि वीर सावरकर ने अपने जीवन के 28 वर्ष जेल में गुजारे। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष के नेताओं से रैंडमली पूछ लेंगे कि I.N.D.I.A का फुल फॉर्म क्या है तो बता नहीं पाएँगे। दुबे ने कहा कि वो मणिपुर का शुक्रगुजार हैं कि इसी बहाने इतना इंडिया-इंडिया हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि ये अविश्वास प्रस्ताव नहीं है, ये विपक्ष का विश्वास प्रस्ताव है कि कौन उनके साथ है और कौन नहीं।