जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के एक सरकारी अपर सेकेंडरी स्कूल से ‘जय श्री राम’ लिखने पर पिटाई का नया मामला सामने आया है। कठुआ जिले के बनी इलाके में एक प्रिंसिपल और एक शिक्षक द्वारा 10वीं कक्षा के एक हिन्दू छात्र को ब्लैक बोर्ड पर ‘जय श्री राम’ लिखने पर इस तरह से पीटा गया कि हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। आरोपितों की पहचान स्कूल के प्रिंसिपल मोहम्मद हाफिज और लेक्चरर फारूक अहमद के रूप में हुई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के बताया कि घटना शुक्रवार (25 अगस्त, 2023) की है और एफआईआर दर्ज कर ली गई है। वहीं घटना के बाद, अस्पताल में भर्ती नाबालिग छात्र का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में छात्र घटना के बारे में बताता हुआ नजर आ रहा है। अस्पताल में भर्ती होने का कारण बताते हुए छात्र ने कहा कि ब्लैकबोर्ड पर जय श्री राम लिखने पर उनके शिक्षक फारूक अहमद और स्कूल प्रिंसिपल ने उन्हें बेरहमी से पीटा। बाद में शनिवार (26 अगस्त, 2023) सुबह उनके पिता ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया।
This incident is deeply troubling.
— Mitta Vamsi Krishna (@MittaVamsiBJP) August 26, 2023
A student in a Govt school was reportedly beaten by a teacher and Principal merely for writing 'Jai Shri Ram' on the board.
This behavior is utterly shameful and unacceptable. We need a strong investigation into this matter, and those… pic.twitter.com/mSdAqahVKE
बता दें कि घटना का वीडियो सामने आने के बाद हिन्दू संगठनों ने भी विरोध प्रदर्शन किया और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की। वहीं सोशल मीडिया पर भी लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया है।
घटना की FIR दर्ज होने के बाद शनिवार को ही पुलिस ने कठुआ के उस शिक्षक फारूक अहमद को गिरफ्तार कर लिया, जिसने गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल (बनी) में जय श्री राम लिखने पर एक हिंदू छात्र की पिटाई की थी। बताया जा रहा है कि स्कूल के प्रिंसिपल मोहम्मद हाफिज अभी भी फरार है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित के पिता कुलदीप सिंह ने 25 अगस्त को फारुख अहमद और हाफिज के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने अपने बेटे की पिटाई करने का आरोप लगाया था। उनकी शिकायत के आधार पर, किशोर न्याय अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत पुलिस स्टेशन बनी में दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इस मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “प्रिंसिपल फरार है और आगे की जाँच करते हुए उसकी गिरफ्तारी के लिए तलाश की जा रही है।” वहीं कठुआ के डिप्टी कमिश्नर राकेश मिन्हास ने मामले की जाँच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। उप मंडल मजिस्ट्रेट (बनी), उप मुख्य शिक्षा अधिकारी (कठुआ) और सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय (खरोटे) के प्रधानाचार्य समिति के सदस्य हैं।
गौरतलब है कि इस मामले में दोनों आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुँचाना), 342 (गलत तरीके से कैद करना), 504 (जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी), और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम की धारा 75 (बच्चे के प्रति क्रूरता) के तहत मामला दर्ज किया गया है।