दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने मोहम्मद अकरम, शाहिद और रफत अली उर्फ मंजूर अली को मौत की सजा सुनाई है। तीनों को आठ साल पुराने गैंगरेप और तिहरे हत्याकांड का दोषी पाए जाने की सजा सुनाई गई है। यह मामला 2015 में पश्चिमी दिल्ली के ख्याला में एक महिला से गैंगरेप और दो बच्चों सहित उसकी हत्या से जुड़ा है।
गैंगरेप के बाद जिस महिला की पेचकस से गोदकर हत्या की गई थी, उसे मोहम्मद अकरम ‘बहन’ कहता था। महिला की हत्या के बाद उसके 6 और 7 साल के बच्चों को गला दबाकर मार डाला गया था। तीस हजारी कोर्ट की विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज आंचल ने धारा 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत शाहिद, अकरम और रफत अली को मौत की सजा सुनाई है।
इन्हें सामूहिक बलात्कार और डकैती के अपराध में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है। कोर्ट ने प्रत्येक दोषी पर 35000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में अदालत ने 22 अगस्त को आरोपितों को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने कहा कि दोषियों को पता था कि महिला का पति जयपुर गया है और उसके विश्वास को तोड़ते हुए इस घिनौनी साजिश को अंजाम दिया गया।
मृतका के पति ने की शिकायत पर 2015 में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें एक नाबालिग (किशोर) सहित चार लोग शामिल थे।
क्या है मामला ?
पश्चिमी दिल्ली के ख्याला में सितंबर 2015 को इस वारदात के दिन 27 साल की महिला अपने पाँच बच्चों के साथ घर में अकेली थी। मृतका के पति के बयान पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक घर लौटने पर उसे पत्नी और दो बच्चे मृत मिले थे।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कासगंज का रहने वाला शिकायतकर्ता जींस पैंट बेचने का काम करता था। वह हर शनिवार को जयपुर जाता था। दिल्ली में वह ख्याला के रघुबीर नगर में किराए के घर में पत्नी, दो बेटों और तीन बेटियों के साथ रहता था। घटना के समय उसके बेटों की उम्र एक और सात साल तथा बेटियों की उम्र दो, तीन और 6 साल थी।
महिला का पति हमेशा की तरह 19 सितंबर 2015 को भी जयपुर गया था। जब वह जयपुर लौटा तो घर का दरवाजा बाहर से बंद था। दरवाजा खोलते ही उसने अपनी पत्नी और एक बेटे और एक बेटी को मरा हुआ पाया। तीन अन्य बच्चे फर्श पर सो रहे थे। उसकी पत्नी की गर्दन और नाक पर खून लगा हुआ था और उसकी गर्दन दुपट्टे से बँधी हुई थी। वहीं बेटी की गर्दन रूमाल से बँधी हुई थी।
पुलिस पूछताछ में उसने मकान मालिक फहीम पर शक जताया था। वारदात के बाद घर से कुछ आभूषण और पैसे भी गायब मिले थे। वहीं पहली मंजिल पर रहने वाले किरायेदार के बेटे शब्बू ने 20 सितबंर की रात करीब 09.45 बजे अकरम और कुछ लोगों को ऊपर की मंजिल पर जाते देखने की बात कही थी। इसके बाद मृतका के पति ने अकरम और उसके साथ दिखे नाबालिग को जानने की जानकारी पुलिस को दी थी।
पोस्टमार्टम से बलात्कार का पता चला
महिला से रेप का खुलासा पोस्टमार्टम के बाद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) जोड़ी गई थी। शाहिद और मोहम्मद अकरम को 4 अक्टूबर 2015 को रघुवीर नगर के पास एक पार्क से गिरफ्तार किया गया।
मृतका से पहले से जान-पहचान होने के कारण वे आसानी से घर में घुस गए थे। पूछताछ में दोनों ने रफत अली के साथ मिलकर हत्या, डकैती और सामूहिक बलात्कार का खुलासा किया था। इसके बाद केस में आईपीसी की धारा 376 (डी) जोड़ी गई थी। बाद में घटना में शामिल नाबालिग को दिल्ली के खजूरी चौक से और रफत अली को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया गया था।