मात्र 10 साल की उम्र में शादी होने के बाद जब वो अपने ससुराल पहुँचीं तो उन्हें सिर पर मैला ढोने के काम में लगा दिया गया। इस काम से बचने का कोई रास्ता भी नहीं था। तभी उनकी मुलाकात सुलभ इंटरनेशनल के डॉ बिन्देश्वर पाठक से हुई। और उन्होंने लिख दी सफलता की कहानी... स्वर्णिम कहानी!
पूतना और होलिका को खलनायिका से नायिका बनाने की कोशिश बाल-हत्या के महिमामंडन की कोशिश है। उसे ब्राह्मणवाद के विरोध के नाम पर ढका नहीं जा सकता। ब्राह्मण तो वे दधीचि थे, जिन्होंने वृत्रासुर को मारने के लिए अपनी अस्थियाँ दे दीं, वज्र का निर्माण करने वास्ते।
हौजरानी में इस्लामिक जुलूस, जाफराबाद, चाँद बाग, खुरेजी, इंद्रलोक, निज़ामुद्दीन, शाहीन बाग में सड़के बंद। तीस हजारी, फिल्मिस्तान के आसपास लगभग 50,000 मुस्लिम घूम रहे थे। भीड़ थी, हथियार थे और घेराव था। सब तैयार था लेकिन एक गड़बड़ हो गई। एक दिन पहले कपिल मिश्रा ने मौजपुर आने की घोषणा कर दी। इसके बाद...
वो चाहते हैं कि आप हिंसा की बात करें, वो चाहते हैं कि आप कानून को हाथ में ले जिस से उनके किए गए कामों को एक कारण मिल सके। क्यों करना है आपको राणा अयूब की ट्वीट को कोट और जवाब देना है? क्यों आपको स्वरा को गद्दार कहना है? राजदीप को क्यों गाली देना है आपको?
चोपड़ा ही बताएँगे कि कश्मीर के गुनाहों और गुनहगारों से ऐसा परदा क्यों किया? न तो कश्मीरी हिन्दुओं की पीड़ा कहीं भी है, न ही नरसंहार का ख़ौफ़नाक मंजर... लगता है ‘कश्मीर की कली’ पार्ट 2 बनाना चाह रहे थे।
दरभंगा मॉड्यूल! शुरुआत इंडियन मुजाहिदीन के फाउंडर यासीन भटकल ने की। NIA ने दरभंगा मॉड्यूल में जाकिर नाइक का भी कनेक्शन बताया था। चुपके-चुपके इसका विस्तार पूरे मिथिलांचल में हो रहा है।
अब जो लोग खुद को मोहम्मद साहब का अनुयायी कहते हैं और उनके किरदार में इतना छिछोरापन नजर आए कि देश के दो पत्रकार आपके दरवाजे पर खड़े हों और आप दरवाजा बंद कर दें। ऐसे में दरवाजा बंद करने वाले किस मुँह से खुद को मुसलमान कहलाने का दावा पेश करेंगे?
देश के ख़िलाफ़ बयानबाजी करने वालों को अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में छिपाया जाता रहा है। उनके प्रति संवेदना दिखाई जाती रही है। एक तय क्रम के साथ उनके विवादों में आने के बाद उन्हें हीरो बनाने की कोशिश हुई। उससे पहले से मालूम चल चुका है कि शर्जील इमाम के मामले में अब आगे क्या होगा?