रवीश जी ने बताया कि भाजपा की रैली में आमरस और गठबंधन की रैली में रूहअफजा की माँग रहती है। उसके बाद से वे केवल रूहअफजा की सप्लाई ही करते हैं, क्योंकि उसका रंग लाल होता है, और जब हर ग्लास में रूहअफजा भरते हुए लाल सलाम कहते हैं तो उनकी आत्मा को ठंडक मिलती है।
तथाकथित लौह-महिला इंदिरा ने वामपंथी शिक्षा नीति के उस विष-बेल को बाकायदा सींचकर इतना जड़ीभूत कर दिया कि आज हम जो रोमिला, चंद्रा, हबीब आदि की विषैली शिक्षाएँ देख रहे हैं, वही मुख्यधारा बन चुकी है, यहाँ तक कि आर्य-आक्रमण का सिद्धांत, सभी तरह से खारिज होने के बाद भी पढ़ाया जा रहा है।
मैं जेएनयू की खदान का ही उत्पाद हूँ। कन्हैया तो कुछ भी नहीं, इसके बौद्धिक पितृ-पुरुषों और माताओं से मैं उलझा हूँ, उनकी सोच किस हद तक भारत और हिंदू-विरोधी है, यह मुझे बेहतर पता है।
धातु गलाने के लिए सर्राफ़ा व्यापारी क्या करेंगे यह वही लोग जानें। स्कूलों की लैब में अगर एसिड नहीं उपलब्ध रहेगा तो हमें यह परिस्थितियाँ भी स्वीकार्य हैं। लेकिन हम धातु गलाने के एवज में अपनी बच्चियों की देह नहीं गला सकते! नहीं मतलब नहीं।
आज बिहार औरतों की मुक्ति की प्रस्तावना लिखने जा रहा है। यह 'मौन-क्रांति' ही है, जो अब किसी भी बिहार की बेटी को दहेज और घरेलू -हिंसा के खातिर आत्महत्या के दहलीज तक नहीं पहुँचने देगी।
माँ भारती के अमर सपूतों वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हैं। इसके साथ ही अद्वितीय विचारक, क्रांतिकारी तथा अप्रतिम देशभक्त डॉ. राम मनोहर लोहिया को उनकी जयंती पर सादर नमन।
"कांग्रेस के काम करने का तरीका एकदम साफ है - पहले नकारो, फिर अपमानित करो और इसके बाद धमकाओ। उनकी सोच यही है कि सब गलत हैं, और सिर्फ कांग्रेस सही है। यानि ‘खाता न बही, जो कांग्रेस कहे, वही सही’।"