सामाजिक मुद्दे
चलती से दौड़ती हिंदी, 1965 वाली बिंदी नहीं रही अब हिंदी: एक-दूसरे से जुड़े हिंदुस्तान, हिंदी भाषा और हिंदी का बाजार
संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इसी स्मृति में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
धर्म और संस्कृति
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्… का ही पर्याय रहा है श्रीकृष्ण का संपूर्ण जीवन
श्रीकृष्ण ने केवल शब्दों से ही नहीं, अपितु अपने चरित्र और आचरण से क्लीवता एवं कायरता के स्थान पर पौरुष और पराक्रम का संदेश दिया।
धर्म और संस्कृति
हनन कर शत्रु का सदधर्म है यह: रूढ़ियों को तोड़ती है श्रीकृष्ण की धर्मनीति, लोकमंगल ही है धुरी
श्रीकृष्ण ने अपने युग में धर्म के नाम पर पल्लवित रूढ़ियों से संरक्षित शोषक-शक्तियों का विनाश कर मानवीय-गौरव को प्रतिष्ठित किया।
राजनैतिक मुद्दे
UP में सपा-बसपा बेचैन क्यों: कोरोना प्रबंधन पर WHO की तारीफ या मुजफ्फरनगर दंगे और कैराना पलायन को भूल आगे बढ़ने का डर?
उत्तर प्रदेश में दंगाइयों पर जिस तरह से नकेल कसा गया, कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया गया, यह सिर्फ एक कुशल मुख्यमंत्री के द्वारा ही संभव था।
सामाजिक मुद्दे
बाड़ी के पटुआ तीत: मात्र एक दिन में पूरे इजरायल की आबादी से ज्यादा टीका, ‘बुद्धिजीवी’ खोज रहे विदेशी मीडिया की रिपोर्ट
दूसरे शब्दों में कहें तो भारत ने एक दिन में लगभग पूरे इजरायल का टीकाकरण कर दिया। मगर इसे विदेशी मीडिया प्रतिशत में बताएगी और...
भारत की बात
मोगा हत्याकांड: RSS के 25 स्वयंसेवकों ने बलिदान देकर खालिस्तानी आतंकियों की तोड़ी थी ‘कमर’
25 जून की सुबह मोगा में RSS की शाखा, सामने खालिस्तानी आतंकी... बावजूद कोई भागा नहीं। ध्वज उतारने से इनकार करने पर गोलियाँ खाईं लेकिन...
भारत की बात
जिसकी नींव पर बुलंद हुआ संघ का वट वृक्ष, जिसने गुरु की जगह भगवा ध्वज को किया स्थापित
केशव बलिराम हेडगेवार ने सरसंघचालक रहते जो आदर्श स्थापित किए उसके कारण ही RSS अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रहा है। अपने कर्मपथ पर अडिग़ है।
राजनैतिक मुद्दे
भारत के सदानंद मास्टर हों या चीन का थियानमेन चौक: वामपंथी छल-बल ने मानवता को दिए हैं बेहिसाब घाव
4 जून 1989 वामपंथी पाखंड का एक नमूना है। उसका इतिहास से लेकर वर्तमान तक, हिंसा और रक्त से ही सना है।