Monday, July 7, 2025
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केशव मालान

sub-editor

‘हमें ज़िंदा रहना है, ‘उन पर’ FIR कराने के बाद यह परिवार ज़िंदा बचेगा?’ – हिंदुओं के डर के 5 खौफनाक सबूत

हिंदुओं के डर के 5 खौफनाक सबूत - 1) हिंदू विरोधी हिंसा में मारे गए राहुल ठाकुर का सुनसान बृजपुरी इलाका 2) शिव विहार में मारे गए आलोक तिवारी के परिवार की FIR से मनाही 3) गायब हुए धर्मेन्द्र की गली में लटके ताले 4) जोहरीपुर में माथे में ड्रिल घुसे विवेक की माँ का बात करने से इंकार 5) जाफराबाद से किराएदारों का पलायन!

स्कूल से पहले चले गए थे दूसरे मजहब के बच्चे, हिन्दू बच्चों को बनाया बंधक: दंगाइयों ने मुआवजे के लिए ख़ुद की दुकानें तोड़ीं

जहाँ भी उन्हें लगा कि बीमा और सरकारी मुआवजे का लाभ मिल सकता है, वहाँ दुकान से दो फर्नीचर बाहर निकाले और खुद ही लगा दी आग। उनकी तैयारी इतनी तगड़ी थी कि दूसरे मजहब के लोग अपने बच्चों को काफ़ी पहले ही स्कूल से ले गए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया था।

‘मारो सालों को’: मेरी आँखों के सामने मेरे दोस्त की गर्दन में गोली मार दी, दुकान लूट कर फूँक डाला

"दंगाइयों ने फिर से दुकान पर धावा बोल दिया। पहले तो दुकान में जमकर लूटपाट की ओर फिर देखते ही देखते उसे आग के हवाले कर दिया। इसी बीच पता चला कि गोदाम में रहने वाले हमारे कर्मचारी दिलबर नेगी के हाथ पैर काट कर उसे मार दिया गया।"

खुद के शोरूम से हटा ली सभी बाइक… फिर लगाई अपनी ही दुकान में आग: दंगों से पहले Vs बाद की ग्राउंड रिपोर्ट

"इन सबको पता था कि आगे क्या होने वाले वाला है। हमारे बराबर में एक मात्र मुस्लिम व्यक्ति का बाइक का शोरूम है। इलाके में हिंसा फैलने से पहले ही 26 फरवरी को सुबह 5 बजे ही उसने सभी बाइकों को शोरूम से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दिया। फिर खुद को पीड़ित दिखाने के लिए पहले तो शोरूम में तोड़फोड़ की और फिर...

‘भाईजान’ की लाश को 24 घंटे घर में रखा, मुआवजे की घोषणा होते ही कराया पोस्टमॉर्टम: ग्राउंड रिपोर्ट

"हज़ारों दंगाइयों की चपेट में आकर एक मजहबी दंगाई की भी मौत हो गई। लेकिन दंगाई उसे उठाकर अस्पताल नहीं ले गए बल्कि अपने घर ले गए। 24 घंटे तक घर में दंगाई युवक का शव रखा रहा। जैसे ही केजरीवाल सरकार ने दंगों में मारे गए लोगों को मुआवजा देने की घोषणा की, वैसे ही..."

गायब धर्मेन्द्र की खोज में 7 दिन से भटकता पिता और रोती माँ: दिल्ली हिंदू विरोधी दंगा, बृजपुरी से ग्राउंड रिपोर्ट

धर्मेंद्र की माँ और छोटे भाई का रो-रोकर बुरा हाल है। देखकर ऐसा लगा कि जैसे वह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। धर्मेंद्र के पिता वीरसहाय हर रोज सुबह बिना कुछ खाए-पिए अपने बेटे को खोजने निकलते हैं, लेकिन देर रात हताश होकर खाली हाथ घर लौट आते हैं।

खाना खा घर से निकले आलोक तिवारी फिर लौटे नहीं, चंदा इकट्ठा कर हुआ अंतिम संस्कार: ग्राउंड रिपोर्ट

"उनके नंबर से मेरे पास फोन आया। उधर से कोई और बोला और पूछा कि यह किसका नंबर है? मैंने कहा मेरे पति का... मैं कुछ लोगों को लेकर घटनास्थल की ओर दौड़ी तो देखा कि एक दुकान के सामने वह घायल पड़े हुए हैं मैं देखते ही बेहोश हो गई।"

ग्राउंड रिपोर्ट: बृजपुरी मस्जिद की तरफ से आए दंगाई और राहुल को मार दी गोली…

"कमरे के अंदर आओ तो मेरे बेटे राहुल को लेकर ही आना, नहीं तो वापस चले जाना।" एक मॉं के इस सवाल का जवाब मेरे पास नहीं था। आपके पास भी नहीं होगा। इसलिए इस दंगाई भीड़ की पहचान जरूरी है ताकि कल कोई राहुल फिर बेमौत मारा न जाए।