Friday, November 22, 2024
135 कुल लेख

मृणाल प्रेम स्वरूप श्रीवास्तव

जातिवाद और साम्प्रदायिकता ही कम्युनिस्टों का ‘बाज़ार’ है, वो इसे भला खत्म क्यों होने देंगे?

जातिवाद खत्म करने वाली आर्थिक ताकत मुक्त बाज़ार के कम्युनिस्ट दुश्मन हैं। सड़कें न बनने देने वाले, स्कूलों में बम लगा देने वाले माओवादियों के पैरोकार हैं।

1984 से चल रही थी कारगिल की तैयारी, हवा में मुशर्रफ़ को बर्खास्त कर कुर्सी गँवा बैठे नवाज़ शरीफ़

अंत में चेते नवाज़ शरीफ ने मूर्खतापूर्ण कदम उठाते हुए मुशर्रफ़ को उस समय बर्खास्त कर दिया जब मुशर्रफ़ श्री लंका दौरे लौटते हुए एक हवाई जहाज में थे।

पवन वर्मा जी, टीवी सीरियल से धर्म सीखने वाले आपकी तरह मूर्खतापूर्ण बातें ही करते हैं

पवन वर्मा जैसे पढ़े-लिखों ने राम को 'कैलेंडर-आर्ट' में तब्दील किया, और फिर टीवी पर डालडा की तरह नीरस किरदार के रूप में विकृत छवि का जमकर प्रचार किया।

मोदी जी, एक हिन्दू को आपकी बजाय ट्रम्प से मदद की गुहार क्यों करनी पड़ रही है?

हम 'हिन्दू होमलैंड' इज़राइल की तर्ज पर बना सकते हैं, जहाँ हर नागरिक के अधिकार समान होंगे, लेकिन प्रताड़ित हिन्दुओं के लिए हिंदुस्तान 'होमलैंड' दे सकता है।

The Print वालों, रोना बंद करो- हिन्दुओं की हालत ‘शांतिप्रियों’ से बदतर है तुम्हारे ‘सेक्युलर’ राज में

फातिमा सरकारी मशीनरी की बात करना चाहतीं हैं? जिस सरकारी मशीनरी को वह महज़ दो घटनाओं के चलते अपनी पूरी कौम के खिलाफ खड़ा मान रहीं हैं, वही मशीनरी सबरीमाला, तिरुपति बालाजी समेत हिन्दुओं के हज़ारों मंदिरों को निगल चुकी है। RTE का बोझ केवल हिन्दू शैक्षिक संस्थान उठा रहे हैं- मुस्लिमों के मदरसे इससे आज़ाद हैं।

प्रियंका चोपड़ा का अस्थमा सिगरेट से नहीं, केवल दिवाली से उभरता है?

पिछले साल दिवाली के पहले प्रियंका चोपड़ा का वीडियो आया था- जिसमें वह जानवरों, प्रदूषण, और अपने दमे का हवाला देकर लोगों से दिवाली नहीं मनाने की अपील की थी। लेकिन इस 'मार्मिक' अपील के एक महीने के भीतर उनकी शादी में पटाखों का इस्तेमाल जमकर हुआ।

‘द वायर’ वालो, इतिहास पढ़ो, संदर्भ देखो और तब ज्ञान छाँटो कि जर्मन राजदूत के संघ जाने का क्या अर्थ है

हिटलर को 'मेरे मित्र हिटलर' तो गाँधी ने भी कहा था। उन्होंने तो हिटलर को 'वीर', 'अपनी पितृभूमि से प्रेम करने वाला' भी कहा था, और कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि हिटलर वह दैत्य है जो उसके दुश्मन उसे बताते हैं।

‘हिन्दू’ और ‘इनटॉलेरेंस’ का रोना रोने वालों, पहले दलितों को बाल कटाने का अधिकार तो दिला दो

छुआछूत हिन्दू समाज को उसी पायदान पर खड़ा करता है जिस पर समुदाय विशेष पर्दा, हलाला, बुरका और तीन तलाक के चलते खड़े हैं- इंसान से उसकी गरिमा का हक छीनने वाला चाहे तीन तलाक हो, हलाला हो, या छुआछूत, वह बराबर निंद्य है।