Friday, March 29, 2024
104 कुल लेख

ओम द्विवेदी

Writer. Part time poet and photographer.

जब मार डाले गए 10000 हिंदू, पहचान के लिए उनकी संपत्तियों पर लिखा गया ‘H’: मजहबी पहचान बता ‘सेफ’ थे मुस्लिम और ईसाई

मुस्लिम और ईसाई अपने मजहबी प्रतीकों का उपयोग रक्षा के लिए कर रहे थे। जबकि हिंदुओं की पहचान के लिए अभियान चला। पीले रंग से बड़े अक्षरों में उनकी संपत्तियों पर ‘H’ लिखा गया।

हैदराबाद का करमनघाट मंदिर: मंगल नहीं… रविवार को होती है हनुमान पूजा, मंदिर तोड़ने आया औरंगजेब काँपा था डर से

प्रतिमा के भीतर से भगवान राम के जाप की आवाज सुनाई दे रही थी। इसके बाद राजा राजधानी लौट आए और हनुमान जी के इस अद्भुत मंदिर की स्थापना की।

बाबा बासुकीनाथ जो करते हैं भक्तों के फौजदारी मामलों की सुनवाई, बैजनाथ धाम की यात्रा इनके बिना है अधूरी

झारखंड स्थित बाबा बैजनाथ के बाद अधिकांश श्रद्धालु बासुकीनाथ मंदिर ही पहुँचते हैं। मान्यता भी है कि जब तक बासुकीनाथ के दर्शन न किए जाएँ तब तक बाबा बैजनाथ की यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी।

सनातन और जनजातीय संस्कृति का अनूठा संगम: शक्तिपीठों में से एक दंतेश्वरी माता मंदिर, जिसके नाम से प्रसिद्ध हुआ एक जिला

होली से पहले दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी माता मंदिर में नौ दिवसीय फाल्गुन मड़ई नामक त्यौहार का आयोजन होता है। इस त्यौहार के दौरान हर दिन माता दंतेश्वरी की डोली लगभग 250 देवी-देवताओं के साथ नगर भ्रमण पर निकलती हैं।

पलनि का मुरुगन स्वामी मंदिर: 9 बेहद जहरीले पदार्थों से बनी मूर्ति, जहाँ पूजे जाते हैं भगवान के साथ आयुर्वेद के ज्ञाता भी

अरुल्मिगु दंडायुधपाणी मंदिर भगवान शिव के पुत्र भगवान मुरुगन अथवा कार्तिकेय को समर्पित है, यह उनका सबसे प्रसिद्ध एवं सबसे विशाल मंदिर।

विष्णुपद मंदिर: जहाँ हैं भगवान के पदचिह्नों वाली धर्मशिला, जाने क्यों गया में पिंडदान से पितरों को मिलती है मुक्ति

गया में पिंडदान करने से पूर्वजों को मुक्ति मिलती है। यहीं स्थित है अतिप्राचीन विष्णुपद मंदिर।

उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर: जहाँ कुंडली के मंगल दोष निवारण के लिए आते हैं श्रद्धालु, होता है भात श्रृंगार

उज्जैन में कई ऐसे मंदिर स्थित हैं जिनका इतिहास सहस्त्राब्दियों पुराना है। जो पौराणिक महत्व के हैं। इनमें से ही एक है, मंगलनाथ मंदिर।

मुरुदेश्वर मंदिर: विश्व का सबसे ऊँचा गोपुरम, 123 फुट ऊँची भगवान शिव की प्रतिमा… टीपू सुल्तान के अब्बा ने जिसे लूटा था

मुरुदेश्वर मंदिर कंडुका पहाड़ी पर स्थित है, 3 ओर से अरब सागर से घिरा हुआ है। मंदिर परिसर में स्थित ‘राज गोपुरा’ विश्व का सबसे ऊँचा गोपुरा है।

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