Thursday, April 25, 2024
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रवि अग्रहरि

अपने बारे में का बताएँ गुरु, बस बनारसी हूँ, इसी में महादेव की कृपा है! बाकी राजनीति, कला, इतिहास, संस्कृति, फ़िल्म, मनोविज्ञान से लेकर ज्ञान-विज्ञान की किसी भी नामचीन परम्परा का विशेषज्ञ नहीं हूँ!

SVDV के प्रोफेसरों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र: कहा- ‘फिरोज की नियुक्ति BHU एक्ट के खिलाफ’, कार्यकारिणी करेगी पुनर्विचार

वाइसचांसलर राकेश भटनागर ने कार्यकारिणी परिषद से 20 नवंबर तक की पूर्व सहमति ले ली थी ये डर दिखाकर कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो मानवसंधान मंत्रालय और UGC इन पदों को कभी भी लैप्स कर देगा इसलिए औपचारिकताओं को निभाए बगैर उन्हें नियुक्ति का अधिकार दें। उन्होंने दावा किया कि ऐसा JNU में भी होता आया है।

प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ ख़ान ने आयुर्वेद विभाग में किया आवेदन, 29 नवंबर को होगा इंटरव्यू

कला संकाय में वैकेंसी नहीं है, केवल एक पद आयुर्वेद विभाग में खाली है। संभवतः वहाँ उन्हें चुन लिया जाएगा। इसके बाद फ़िरोज़ ख़ान SVDV से त्यागपत्र दे देंगे, क्योंकि उनकी जॉइनिंग वाइस चांसलर ऑफ़िस में हो चुकी है।

फिरोज को चुनने के लिए 26 OBC अयोग्य, भ्रष्टाचार की जाँच होनी चाहिए: BHU के शोध छात्र का दावा

सौरभ द्विवेदी के गाइड वहीं हैं जो इस मामले में अभी फोकस में है साहित्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर उमाकांत चतुर्वेदी। सौरभ जी से ऑपइंडिया संपादक अजीत भारती ने उनसे फिरोज काण्ड पर विस्तृत चर्चा की। पेश है उसी इंटरव्यू के मुख्य अंश जो इस पूरे मामले में आपकी ऑंखें खोलने के लिए ज़रूरी है।

PMO के दखल पर BHU के छात्रों ने धरना को दिया विराम, क्लास और परीक्षाओं का बहिष्कार जारी रहेगा

इस विरोध प्रदर्शन के विराम की कहानी पीएमओ के दखल के बाद लिखी गई। आज ही इस मामले की गूँज प्रधानमंत्री तक पहुँची थी। और प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की है। पीएमओ ने इस पूरे बवाल को लेकर BHU प्रशासन से रिपोर्ट भी माँगी।

BHU में विरोध जारी: मीडिया ने फैलाई झूठी खबर, प्रशासन ने नेतृत्व कर रहे छात्रों को हटने को कहा

छात्रों ने कल प्रशासन को अपना माँग पत्र सौंपते हुए कई सवालों का विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब माँगा है। जिसे लेकर देर रात SVDV के संकाय प्रमुख, अन्य विभागाध्यक्षों और VC के बीच मीटिंग चली लेकिन किसी भी नतीजे पर नहीं पहुँचा गया।

चाँद से सब कुछ देखने वाले, मूर्तिपूजा को हराम कहने वाले सूर्य सिद्धांत पढ़ाएँगे: BHU के प्रोफ़ेसरों का प्रश्न

"हिन्दू धर्मशास्त्र कौन पढ़ाएगा? उस धर्म का व्यक्ति जो बुतपरस्ती कहकर मूर्ति और मन्दिर के प्रति उपहासात्मक दृष्टि रखता हो और वो ये सिखाएगा कि पूजन का विधान क्या होगा? क्या जिस धर्म के हर गणना का आधार चन्द्रमा हो वो सूर्य सिद्धान्त पढ़ाएगा?"

जब वामपंथियों और कॉन्ग्रेसियों ने महामना के BHU संविधान को मोलेस्ट कर ‘सेक्युलर’ बनाया

जब मुस्लिम और ईसाई एक तरफ अल्पसंख्यक होने के नाम पर अपना मजहब और उसकी शुद्धता बनाए रखेंगे और दूसरी तरफ भजन, गीत, संगीत के आभूषणों के साथ संस्कृत भाषा सीखकर आपके हिन्दू धर्म, सनातन मूल्यों, वैदिक साहित्य और अनुष्ठानों की अपने तरह की व्याख्या करेंगे। तब आप सर्वधर्म समभाव का झुनझुना बजाते रहिएगा।

SVDV में फिरोज क्यों: हम नहीं चाहते कि सनातन धर्म की इस्लामी और ईसाई चश्मे से व्याख्या हो

वेद, व्याकरण, ज्योतिष, वैदिक दर्शन, धर्मागम, धर्मशास्त्र मीमांसा, जैन-बौद्ध दर्शन के साथ-साथ इन सबसे जुड़ा साहित्य। क्या ये विषय महज साहित्य हैं? क्या आप चाहेंगें कि इन विषयों को वो लोग पढ़ाएँ जिनका इनके मर्म और मूल्यों से कोई वास्ता ही न हो? क्या आप चाहेंगे कि इनकी इस्लामी और ईसाइयत मिश्रित व्याख्या हो......

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