2019 लोकसभा चुनाव कॉन्ग्रेस के टिकट पर लड़ कर हार चुके सिन्हा इस बात से भी गदगद दिखे कि पीएम ने प्लास्टिक को 'गुड बाय' कह कर प्रदूषण नियंत्रण में योगदान देने की अपील की। साथ ही सिन्हा ने पीएम द्वारा भारतीय पर्यटन को एक नया आयाम देने के लिए भी धन्यवाद किया।
“पाकिस्तान के सिंध का एक डाकू कश्मीर में लड़ाई लड़ना चाहता है। जैसे कि अब तक जो लोग कश्मीर में लड़ने के लिए आए थे, वे कमजोर डाकू थे। पाकिस्तानी सेना हमेशा से ही अपना काम ऐसे डाकुओं को आउट सोर्स कर करती रही है।"
जिस कार से टक्कर मारी गई थी, वो कोलकाता में एक प्रसिद्ध बिरयानी रेस्तरां चेन अर्सलान के मालिक के बेटे परवेज का है। परवेज टक्कर मारकर भाग गया था, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। वह लंदन से पढ़ाई करके आया है।
पटनायक लिखते हैं कि गांधारी ने अपने बच्चे को शरीर से बाहर निकालने के लिए अपनी दासियों को अपने पेट पर लोहे की छड़ से वार करने को कहा लेकिन महाभारत में ऐसा कोई प्रसंग नहीं है। असल में गांधारी ने ख़ुद से अपने पेट पर मारा और क्षणिक गुस्से में 'Self-Abortion' किया।
तुसी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की इच्छा जताते हुए कहा कि हमारा परिवार उसकी पहली ईंट रखेगा और हम मंदिर की नींव के लिए सोने की शिला दान करेंगे। तुसी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर खुद को अयोध्या मामले में पक्षकार बनाने की भी अपील की थी।
‘‘टेलीफोन टैपिंग के मुद्दे पर कॉन्ग्रेस विधायक दल के नेता सिद्दरमैया समेत कई नेताओं ने कहा कि इसकी जाँच होनी चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए, इसलिए मैंने सीबीआई जाँच का आदेश देने का फैसला किया है।”
"पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने ‘फॉरवर्ड पॉलिसी’ अपनाई जिसमें कहा गया कि हमें एक-एक इंच चीन की ओर बढ़ना चाहिए। कार्यान्वयन के दौरान यह ‘बैकवर्ड पॉलिसी’ बन गई। यही वजह है कि अक्साई चीन पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में है। उसके जवान डेमचोक ‘नाला’ तक पहुँच गए।"
दहशतगर्दी के शुरुआती दिनों में आतंकियों को हीरो समझा जाता था। उन्हें मुजाहिद कहकर सम्मान भी दिया जाता था। लोग अपनी बेटियों की शादी इनसे करवाते थे लेकिन जल्दी ही कश्मीरियों को यह एहसास हुआ कि आज़ादी की बंदूक थामे ये लड़ाके असल में जिस्म को नोचने वाले भेड़िये हैं।
पवार ने कहा, "राणे ने कॉन्ग्रेस में शामिल होने का फैसला इसलिए किया क्योंकि पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था। राणे को लगा कि कॉन्ग्रेस वादा पूरा करेगी। मेरे जैसे नेताओं को पता है कि ऐसे वादे केवल फायदे के लिए होते हैं। मैंने कॉन्ग्रेस में लंबा वक्त बिताया है।"
जेएनयू का नाम बदलने का सुझाव पहली बार नहीं आया है। इससे पहले 2016 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि जेएनयू ऐसे लोगों का अड्डा बनती जा रही है जो देश के खिलाफ साजिश में शामिल है। उन्होंने इसका नाम बदल कर सुभाष चन्द्र बोस यूनिवर्सिटी रखने की मॉंग की थी।