इस बार जिस दृढ़निश्चय के साथ राहुल गाँधी अपने इस्तीफे के फैसले पर अड़े हुए हैं, उससे भाजपा और तमाम गाँधी परिवारविरोधी शक्तियों में निराशा की लहर छाई हुई है।
बात शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन की थी हालाँकि, जिन लोगों ने वहाँ भाषण दिया, उनमें से कई के भाषण उत्तेजक थे तो कई ने शांति बनाए रखने की अपील की। मौलवियों ने कहा कि अगर समुदाय वालों की तरह किसी और को निशाना बनाया गया होता तो वे अभी तक पलटवार कर चुके होते।
कॉन्ग्रेस ने सरकार बनने पर तीन तलाक विरोधी बिल समाप्त करने का वादा किया था। लिहाजा, सिंघवी का यह रुख चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा है कि इसी आधार पर यदि देश का हर मुसलमान फैसला करने लगे तो फिर क्या होगा!
"अगर वित्तीय संसाधनों पर किसी पार्टी विशेष का एकछत्र कब्ज़ा हो तो कोई चुनाव निष्पक्ष हो ही नहीं सकता। अब भारत में सभी सरकारी संगठन न्यूट्रल नहीं रहे हैं और हमारी लड़ाई सबके ख़िलाफ़ थी। RSS सभी संगठनों पर कब्ज़ा करने में सफल हो गया है।"
निवासियों ने यह भी दावा किया कि इस्लामी भीड़ ने न केवल दुर्गा मंदिर की मूर्तियों को तोड़ा, बल्कि दुर्गा मंदिर में पेशाब भी किया। उन्होंने बताया कि गली के मुहाने पर कई सौ लोगों की भीड़ जमा थी और अगर वे शटर को नीचे नहीं खींचते तो इलाके के हिंदू जरूर मारे जाते।
बेहद भावुक कर देने वाले इस वीडियो में देखा जा सकता है कि नन्हा गैंडा जमीन पर मृत पड़ी माँ को जगाने की लगातार कोशिश कर रहा है। उसे समझ में नहीं आ रहा कि उसकी माँ के शरीर में कोई हरकत हो क्यों नहीं रही है। वह माँ का दूध पीने की कोशिश करता भी नजर आता है।
"मेरे पास नौकरी नहीं है, शायद मिलेगी भी नहीं। कोई भी किसी लूजर को नौकरी नहीं देता। अपनी ग्रेड शीट देखकर हैरान हूँ। हर किसी की तरह मेरे भी सपने थे। लेकिन अब सब खत्म है। ये सारी पॉजिटिव बातें, हमेशा मुस्कुराना, लोगों से कहना कि मैं ठीक हूँ, जबकि मैं ठीक नहीं हूँ।"
जब नबी ने शोएब को गले लगाने की कोशिश की, तो शोएब ने नबी की बुरी साँसों के कारण उसे धक्का दे दिया। यह बात नबी के दिल पर लग गई। फिर क्या था, नबी ने शोएब को गाली देना शुरू कर दिया जिसके कारण दोनों के बीच झगड़ा होने लगा जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। टकराव बढ़ने पर नबी ने चाकू निकाला और सीधा शोएब के पेट में घोंप दिया।
अभिनेता शिवाजी और TV9 के तत्कालीन सीईओ रवि प्रकाश धोखाधड़ी के इस मामले में मुख्य साज़िशकर्ता हैं और उन पर आरोप है कि दोनों ने फ़र्ज़ी काग़ज़ातों के आधार पर TV9 के 40,000 शेयर्स पर कब्ज़ा कर लिया।
इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों पर कार्रवाई करने के बावजूद अभी 100 से भी अधिक ऐसे अधिकारी हैं, जिन पर सरकार की नज़र है। इन सुस्त अधिकारियों को सरकार ने अभी अपने रडार पर रखा है और इन पर कार्रवाई की गाज कभी भी गिर सकती है।