हॉस्पिटल का नाम, बीमारी का नाम, जगह का नाम, किसकी गलती है आदि बेकार की बातें हैं, क्योंकि सौ से ज़्यादा बच्चे मर चुके हैं। इतने बच्चे मर कैसे जाते हैं? क्योंकि भारत में जान की क़ीमत नहीं है। हमने कभी किसी सरकारी कर्मचारी या नेता को इन कारणों से हत्या का मुकदमा झेलते नहीं देखा।
जिन्हें अपने देश भारत के कानून इतने दमनकारी लगते हैं कि लैला जैसी डिस्टोपिया बनाकर वह मुस्लिमों की प्रताड़ना दिखाना चाहते हैं, उन्हें केवल एक हफ़्ते पाकिस्तान में बिता कर आना चाहिए। आपके हिन्दूफ़ोबिक यूटोपिया जितना तो अच्छा नहीं है, लेकिन वैसे हिंदुस्तान का लोकतंत्र काफी अच्छा है...
हिमाचल प्रदेश से आने वाले जगत प्रकाश नड्डा को भारतीय जनता पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। पिछली मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे नड्डा को जब हालिया गठित मंत्रिमंडल में कोई जगह नहीं दी गई थी, तभी से यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि उन्हें कोई बड़ी ज़िम्मेदारी मिलने वाली है।
"अगर आज़ादी का कोई भी अर्थ है, तो वह लोगों को वह सुनाने का अधिकार है जो वह नहीं सुनना चाहते।" हम निश्चित तौर पर आपकी मुवक्किल स्वाति चतुर्वेदी और कई अन्य पत्रकारों को वह सुनाने के दोषी हैं जो वह नहीं सुनना चाहते। जैसा कि आपकी मुवक्किल के द्वारा प्रदर्शित किया गया, यह मानहानि नहीं आज़ादी है।
मुहम्मद बिलाल को पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई की आलोचना करने के लिए जाना जाता था। पुलिस ने बताया कि मोहम्मद बिलाल खान अपने एक दोस्त के साथ थे। तभी उन्हें एक फोन आया, जिसके बाद एक व्यक्ति रात में उन्हें पास के जंगल में लेकर गया। जहाँ पर उनकी हत्या कर दी गई।
वीडियो में दिख रहा है कि टेम्पो चालक तलवार निकाल कर पुलिस वालों को धमकी भरे अंदाज में कुछ कह रहा है और फिर एक पुलिस वाले पर तलवार से वार भी करता है। वीडियो में सभी पुलिस वाले उसके तलवार से बचते दिख रहे हैं और उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
इनके हर झूठ को बेनकाब कीजिए, इन्हें पढ़िए, तर्कों से घेरिए, इनसे सवाल पर सवाल कीजिए, इनके हर नैरेटिव की लंका लगा दीजिए। इनसे पूछिए कि क्यों ऐसे स्टोरी-टेलर और पूँजीपति हलाला, तलाक या आतंकवाद या समुदाय विशेष पर खुलकर कुछ नहीं कह पा रहे, कुछ बना नहीं पा रहे?
ममता बनर्जी ने सरकारी अस्पतालों में शिकायत निवारण सेल का निर्माण करने के डॉक्टरों के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। ममता ने पश्चिम बंगाल के हर अस्पताल में नोडल पुलिस ऑफिसर तैनात करने का निर्देश दिया है।
जब पुलिस अधिकारी ने कॉन्ग्रेसी नेता सनी राजपाल को रोक कर कुछ पूछना चाहा तो उन्होंने भड़कते हुए कहा कि वो पार्टी के स्पोक पर्सन (प्रवक्ता) हैं। इतना कहते-कहते वो पुलिस से हाथापाई करने लगे और ज़बरदस्ती अंदर चले गए।
जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण हुई मौतों में एक वर्ष के भीतर दो तिहाई की कमी आई। जहाँ 2017 में इस बीमारी से 557 जानें गई थीं, 2018 में यह आँकड़ा 187 रहा। इस वर्ष फ़रवरी में जापानी इंसेफेलाइटिस की वजह से 1 भी बच्चे की जान जाने की बात सामने नहीं आई है।