“अगर झूठे वादे करने की देश में कोई प्रतियोगिता होती, तो केजरीवाल को निश्चित रूप से पहला पुरस्कार मिलेगा। मैं केजरीवाल को याद दिलाने के लिए आया हूँ कि आप तो अपने किए गए वादों को भूल गए, लेकिन न तो दिल्ली की जनता और न ही भाजपा कार्यकर्ता भूले हैं। आपके पास शायद इसकी सूची नहीं है, लेकिन मेरे पास है।”
किसी वजह से किसी स्वास्तिक में बिंदु न हों तो इसका मतलब ये कतई नहीं है कि वो हिन्दुओं का प्रतीक चिन्ह नहीं है। यह एक बड़ी विडंबना है कि जो लोग हिन्दुओं के लिए अपने मन में घृणा रखते हैं वो बताते हैं कि कौन-सा प्रतीक हिन्दुओं का है और कौन-सा नहीं।
इंडिया टुडे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा कि केंद्र ने केरल में बाढ़ पीड़ितों को राहत फंड देने में उन्हें राजनीतिक कारणों से नजरअंदाज किया है। इंडिया टुडे ने इस खबर को राजनीतिक रंग देते हुए केंद्र की दक्षिणपंथी भाजपा सरकार पर केरल की 'लेफ्ट' सरकार से बदले की भावना का इस्तेमाल करने के आरोप भी लगाए।
राहुल कंवल के फ़र्ज़ी दावे वाली फ़ोटो का संबंध दूर-दूर तक ABVP या 'ABVP की रैली' से नहीं था। उनके खोखले दावे का सच ख़ुद राहुल कंवल द्वारा शेयर किए गए जनसत्ता के लेख से भी हो गया। इसमें विरोध-प्रदर्शन के लिए स्पष्ट तौर पर आइशी घोष और JNUSU का उल्लेख किया गया था, न कि ABVP का।
सआदत छात्रावास के नाबालिग लड़कों ने ख़ुद दावा किया कि उनके गुदा से ख़ून बहने की ख़बरें झूठी हैं। सीतापुर के रहने वाले 21 साल के इरफ़ान हैदर ने बताया कि 'कुछ मदरसा छात्रों को पुलिस यातना का दंश झेलना पड़ा' जैसी सारी ख़बरें झूठी थीं, इनका कोई आधार नहीं था।
इस समय सोशल मीडिया पर कई सौ या शायद हजारों की तादाद में ऐसे सबूत वायरल हो रहे हैं जो राणा अयूब की फर्जी दावों को झूठा साबित करते हैं। बताते हैं कि सड़कों पर उतरी कट्टरपंथियों की भीड़ न शांतिपूर्ण है और न ही उसका मकसद पाक है।
IIT, फैज, CAA, मोदी-शाह विरोध... मतलब गिरोह विशेष के लिए फेक न्यूज फैलाने का भरपूर मसाला। ऐसे में सिर्फ BBC ही इसमें क्यों आगे रहे! मीडिया के तमाम बड़े नामों ने 'फैज की नज्म हिंदू विरोधी' के टाइटल से खबर चलाई। किसी ने भी सच जानने की कोशिश नहीं की।
NDTV ने ट्वीट के पूरे अर्थ को ही अपने मन-मुताबिक बदल दिया। जहाँ All the rioters are shocked (to see police action) होना चाहिए, वहाँ लिखा - 'SHOCKED EVERY PROTESTER' जिसका मतलब है कि ‘हर प्रदर्शनकारी को (पुलिस ने/सरकार ने) हैरान कर दिया।
"एक्ट्रेस को ट्वीट करने पर एंबेसडर की भूमिका से नहीं हटाया गया है। हमने एक्ट्रेस से एक साल का एग्रीमेंट साइन किया था, जो अप्रैल 2017 में खत्म हो गया था, जिसे बाद में रिन्यू भी नहीं किया गया था।"