Friday, March 29, 2024
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NDTV का नया कारनामा: दंगाइयों को बताया ‘प्रदर्शनकारी’, रिपोर्ट में बदला CM योगी का बयान

गौर करने वाली बात है कि जब ट्वीट में 'उपद्रवी' और 'दंगाई' शब्द लिखा है, तो उसका अनुवाद अंग्रेजी में rioter, trouble maker, rowdy आदि होता है। लेकिन एनडीटीवी ने अपने प्रोपगेंडा के लिए इन शब्दों की जगह 'protester' शब्द का प्रयोग किया।

बीते दिनों देश भर में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सड़कों पर दंगा करने उतरे उपद्रवियों को मीडिया गिरोह के लोगों ने खूब समर्थन दिया। रवीश कुमार, बरखा दत्त, राजदीप सरदेसाई जैसे चेहरों ने इन दंगाइयों को इस पूरे अंतराल में नायक/नायिका बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। द वायर, द प्रिंट, ऑल्ट न्यूज़, बीबीसी जैसे कई मीडिया संस्थानों ने अपने एजेंडे के तहत पुलिस पर हुई हिंसा का पक्ष न दिखाकर, दंगाइयों पर हो रहे पुलिस एक्शन को अत्याचार की तरह दिखाया। लेकिन इसी बीच एनडीटीवी इन सबसे दो कदम ज्यादा आगे निकल गया। NDTV ने अपनी रिपोर्टिंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बयान को ही अपने प्रोपेगेंडा के अनुरूप बदलकर न्यूज तैयार कर दी।

दरअसल, यूपी में पिछले दिनों भड़की हिंसा पर कानून प्रशासन की सख्ती को लेकर कल (27 दिसंबर 2019) योगी आदित्यनाथ ऑफिस के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट आया। इसमें उन्होंने संदेश देना चाहा कि योगी सरकार की सख्ती देख कर अब राज्य में हिंसा भड़काने वालों के मनसूबे शांत हैं। हर दंगाई हतप्रभ है। हर उपद्रवी हैरान है। अपने ट्वीट में उन्होंने दंगाइयों को चेतावनी भी दी कि हिंसक गतिविधि करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जिन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया है, उनकी संपत्ति से ही उस क्षति की क्षतिपूर्ति की जाएगी।

अब हालाँकि किसी के बोले शब्दों को अपने वाक्यों में गढ़कर खबर बना देना एक आम बात है, लेकिन उसमें समाहित संदेश के साथ छेड़छाड़ करना न केवल नैतिक रूप से गलत है बल्कि अपराध भी है। NDTV इंग्लिश वाली वेबसाइट ने योगी आदित्यनाथ ऑफिस के द्वारा ट्वीट की गई कविता का जो अनुवाद किया, उसमें दरअसल संदेश के साथ छेड़छाड़ का ही मामला है। जबकि उसका अंग्रेजी में ट्रांस्लेशन कुछ इस प्रकार होना चाहिए था।

Every rioter is stunned.
Every rowdy/troublemaker is shocked.
Watching Yogi govt’s strict ways everyone is sitting calm.
Do whatever you wish, rioters will pay for the damage, this is Yogi ji’s announcement.
Every violent act will now cry (of fear) because now UP has Yogi govt.

गौर देने वाली बात है चूँकि ट्वीट में ‘उपद्रवी’ और ‘दंगाई’ शब्द लिखा है, तो उसका अनुवाद अंग्रेजी में rioter, trouble maker, rowdy आदि होता है। लेकिन एनडीटीवी ने अपने प्रोपगेंडा फैलाने के लिए इन शब्दों की जगह ‘protester’ शब्द का प्रयोग किया। जैसा ऊपर बताया कि इन दंगाइयों को कुछ मीडिया गिरोह के लोगों ने पूरी हिंसा के बीच नायक/नायिका बनाने की कोशिश की, शायद ये उसी कड़ी का अगला भाग है – दंगाइयों को Hero/Shero बनाओ और मुख्यमंत्री चूँकि BJP का है, इसलिए उन्हें खलनायक।

सब जानते हैं कि protester शब्द सकात्मक रूप में प्रदर्शन पर बैठे लोगों के लिए इस्तेमाल होता है। लेकिन दंगाइयों के लिए इसे इस्तेमाल करने का क्या मतलब? वो भी तब जब आप अपनी खबर में किसी ऐसे व्यक्ति के बयान को आधार बना खबर लिख रहे हैं, जो भारत के सबसे बड़े प्रदेश का मुख्यमंत्री है। तब इस तरह की गलती का तो सवाल ही नहीं उठता। लेकिन आप तो ठहरे NDTV, आप खबर कम प्रोपेगेंडा में ज्यादा विश्वास रखते हैं इसलिए…

खैर, एनडीटीवी ने यहाँ केवल सिर्फ़ शब्दों के अनुवाद में फेरबदल की गलती नहीं की, बल्कि उसने पूरे ट्वीट के अर्थ को ही अपने मनमुताबिक बदल दिया। क्योंकि ट्वीट की जिस पंक्ति का एनडीटीवी ने मतलब बदला, उसका असलियत में अंग्रेजी अनुवाद All the rioters are shocked (to see police action) होगा। लेकिन, अपनी रिपोर्ट में NDTV जानबूझकर उल्टा लिखा। NDTV ने लिखा, ‘SHOCKED EVERY PROTESTER’ जिसका मतलब है कि ‘हर प्रदर्शनकारी को (पुलिस ने/सरकार ने) हैरान कर दिया है।’

हालाँकि, साल 2014 के बाद से ये बात सब जान चुके हैं, कि एनडीटीवी शब्दों में उलट-फेर करके, दर्शकों को मुद्दे से भटकाकर अपना नैरेटिव तैयार करने में माहिर है। लेकिन, इस बार उन्होंने अपनी कुंठा निकालने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री के बयान के साथ जो छेड़छाड़ की है, वो न केवल निंदनीय है बल्कि शर्मनाक भी। इस हरकत के लिए सोशल मीडिया पर यूजर्स न केवल उनकी थू-थू कर रहे हैं, बल्कि एनडीटीवी के ‘मीडिया संस्थान’ होने के तमगे पर भी सवाल उठा रहे हैं।

लोगों का कहना है कि कोई एनडीटीवी वालों को अच्छी डिक्शनरी लाकर दे, तो किसी का कहना है कि अगर इस संस्थान वालों की हिंदी बेकार है तो वो गूगल ट्रांस्लेटर का प्रयोग कर सकते हैं। वहीं, एक यूजर का कहना है कि इनका बस अगर चले तो ये ‘हाफिज’ को भारत रत्न दे दें।

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