नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर बॉलीवुड के कई सितारों की प्रतिक्रिया सामने आई है। इसके विरोध में एक ट्वीट अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा का भी आया। इसके बाद सोशल मीडिया पर खबरें फैल गईं कि सीएए का विरोध करने पर परिणीति चोपड़ा को हरियाणा सरकार ने ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ अभियान के एंबेसडर से की भूमिका से हटा दिया है।
अब चूँकि हरियाणा में भाजपा की सरकार है और ऐसी खबर से सीधे केंद्र सरकार पर सवाल उठते, तो लगभग हर मीडिया हाउस ने बिना सच्चाई की जाँच-परख किए इस खबर को जोर-शोर से कवर किया। शेखर गुप्ता समेत कई लोगों ने इसे अपने पर्सनल अकॉउंट से शेयर कर लोगों में भ्रम फैलाने की पूरी कोशिश की। इसके बाद लोग नरेंद्र मोदी सरकार पर तरह-तरह के सवाल उठाने लगे। सोशल मीडिया पर यूजर टैग कर पूछने लगे कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ बोलने वाले अब बेटी के बोलने पर उसे उसके पद से हटा रहे हैं। आखिर ये क्या बात हुई?
इस महत्वाकांक्षी अभियान से परिणीति चोपड़ा को हरियाणा सरकार द्वारा अलग करने की खबरें मीडिया रिपोर्ट्स में ‘कथित तौर पर’ लिखकर चलाई गई थी। इससे पहले कोई इस बात की पुष्टि या खारिज करता, खुद हरियाणा सरकार ने इसका खंडन कर दिया है।
अफवाहों का खंडन करते हुए हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस पूरे मामले में सच्चाई बताई और कहा कि एक्ट्रेस को अभियान से अलग करने जाने की खबरें निराधार हैं। परिणीति चोपड़ा के साथ सरकार का कॉन्ट्रेक्ट केवल 1 साल का था। यह 2017 में ही खत्म हो चुका है। इसके बाद इस कभी नवीकृत नहीं किया गया। जाहिर है, इस अभियान से परिणीति के अलग होने की वजह CAA के ख़िलाफ़ बोलना नहीं है। वह समझौता है जो साल 2017 में ही समाप्त हो चुका है। बताया गया है, “एक्ट्रेस को ट्वीट करने पर एंबेसडर की भूमिका से नहीं हटाया गया है। हमने एक्ट्रेस से एक साल का एग्रीमेंट साइन किया था, जो अप्रैल 2017 में खत्म हो गया था, जिसे बाद में रिन्यू भी नहीं किया गया था।”
Haryana govt didn’t drop Parineeti as ambassador for her tweet against CAA, infact the MOU was for a year only (till 2017)@ThePrintIndia just won’t stop spreading #FakeNews. pic.twitter.com/nIGF4VGIAK
— φ (@decibel008) December 21, 2019
महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रवक्ता ने यह झूठ फैलाने के लिए कॉन्ग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला पर भी निशाना साधा और कहा कि वे इस मामले पर गलत जानकारी शेयर कर बेवजह विवाद खड़े कर रहे हैं। उन्होंने हर किसी से अपील की बिना तथ्यों के ऐसी ख़बरें प्रकाशित कर गलत सूचना को न फैलाएँ, क्योंकि इससे राष्ट्रीय योजना के मूल उद्देश्य को भी नुकसान पहुँच सकता है।
गौरतलब है कि बीते दिनों सीएए का विरोध कर रहे लोगों पर कार्रवाई को लेकर एतराज जताते हुए परिणीति ने लिखा था कि “जब भी एक नागरिक अपना विरोध करना चाहेगा और यह सब होगा तो सीएए को भूल जाओ। हमें चाहिए कि ऐसा बिल पास करे, जिसमें हम देश को आगे से लोकतांत्रिक ना बता पाएँ! अपनी बात कहने के लिए मासूम लोगों को पीटना बर्बरता है।”
If this is what’s gonna happen everytime a citizen expresses their view, forget #CAB, we should pass a bill and not call our country a democracy anymore! Beating up innocent human beings for speaking their mind? BARBARIC.
— Parineeti Chopra (@ParineetiChopra) December 17, 2019