द वायर ने ये नहीं बताया कि उसने किस आधार पर यह तय किया कि पूरे देश में NRC लागू होने का यही तरीका होगा। क्या इसके लिए सिर्फ धर्म ही एकमात्र आधार होगा। क्या इसके लिए आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र वगैरह जैसे किसी अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी?
"...कमल के निशान पर जो वोट दबाओगे ना, वो नरेंद्र मोदी को मिलने वाला है... ये समझकर दबाना... मुझे 'हाँ हाँ' कर रहे हो, ये 20-25 हजार लोगों से जीत जाएँगे क्या? जीतेंगे क्या?... अरे भाई, क्या 'हाँ' कह रहे हो? मैं भी बनिया हूँ... मुझे मालूम है नहीं जीतेंगे यार..."
आजतक और न्यू इंडियन एक्सप्रेस जैसे मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों का अलावा नेशनल हेराल्ड जैसे प्रोपेगंडा पोर्टल्स तक, सबने झूठ फैलाया। पत्रकार राजदीप सरदेसाई और कॉन्ग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी नहीं चूके।
बिहार और कश्मीर के मुस्लिम छात्रों के बीच झगड़ा हुआ। वायर का दावा है कि कश्मीरी छात्रों को आतंकी कहा गया। लेकिन, एफएआईआर में इसका कोई जिक्र नहीं है। पुलिस ने भी इस दावे को झूठा करार दिया है।
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट के अंत में लिखा कि पराली जलाने पर खुली धमकी देने वाला संगठन (भारतीय किसान यूनियन) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध संगठन है। जबकि वास्तविकता में ये संगठन आरएसएस से जुड़ा हुआ ही नहीं है।
VIRAL IN INDIA द्वारा शेयर पोस्ट में बताया गया है कि तेजस का खाना खाने से 24 यात्रियों की हालत खराब हो गई और 3 लोग ICU में भर्ती है। इस पोस्ट में एक ओर खाने की तस्वीर दिखाई गई और दूसरी ओर तेजस ट्रेन की। पोस्ट के कैप्शन में लिखा है कि ये हाल है देश की सबसे अच्छी ट्रेन का।
NDTV की एंकर सोनल मेहरोत्रा कपूर ने असम में सरकारी नौकरियों के लिए दो-बच्चे से संबंधित खबर को पढ़ते हुए दावा किया कि दो से अधिक बच्चे वाले लोग असम में सरकारी नौकरी पाने के पात्र नहीं होंगे, जबकि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के ख़ुद 6 बच्चे हैं।
चेन्नई रेलवे डिवीजन के अधिकारियों ने चूहे पकड़ने पर औसत खर्च को लेकर कहा कि इस तरह चूहा मारने पर खर्च का औसत निकालना गलत और अनुचित है। ये गिनती तो मरे हुए उन चूहों की है जिन्हें पकड़ा गया। जो दवा के असर से कहीं और जाकर मरे उनका हिसाब नहीं है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि एक चूहे को पकड़ने पर 22 हजार रुपए खर्च हुए।
अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प द्वारा उपरोक्त अभियान के नारे को याद किया। कॉन्ग्रेस नेताओं और अन्य मीडिया गिरोहों ने मिलकर झूठ फैलाया कि पीएम मोदी ने 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प का समर्थन किया।