सेल्युलर जेल में हिंदू क्रांतिकारी बहुसंख्यक थे। उनको नियंत्रित करने और यातनाएँ देने के मकसद से जेलर बारी ने मुसलमान अपराधी कैदियों को वार्डर, पहरेदार और हवलदार वगैरह नियुक्त कर दिया था।
कानपुर में भगत सिंह को गणेश शंकर विद्यार्थी जैसा गुरु मिल चुका था, तो चंद्रशेखर आज़ाद और बटुकेश्वर दत्त जैसा साथी भी मिला था। मनीष श्रीवास्तव ने 'क्रांतिदूत' श्रृंखला की 'घर वापसी' में बताई है सारी कहानी।
लौंडा नाच चर्चा में है। ऐसे में लौंडा नाच क्या है? इसको लेकर लोग जानना चाहते हैं? तो पढ़िए एक ऐसे लोक नृत्य के बारे में जो बिहार सहित इन जगहों पर प्रचलित है।
प्रेमचंद की 'रंगभूमि', 'कर्मभूमि' उपन्यास हो या भारतेंदु हरिश्चंद्र का 'भारत-दर्शन' नाटक या जयशंकर प्रसाद का 'चंद्रगुप्त'- सभी देशप्रेम की भावना से भरी पड़ी है।