कला-साहित्य
कला और साहित्य की बातें
बनारस की तरह संस्कृत का केंद्र बनेगा बसोहली, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया चूड़ामणि संस्कृत संस्थान का शिलान्यास
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "हमारा प्रयास होना चाहिए कि स्कूलों में आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार संस्कृत पढ़ाई जाए।''
अन्ना हजारे का आंदोलन कॉन्ग्रेस की मदद के लिए था… रास्ता भटक गया और केजरीवाल सारी मलाई चाप गए?
"एक सीमित तरीके में ही आंदोलन बनाए रखना था, नियत समय के बाद उसे समाप्त करना था।" - यह फोन रिकॉर्डिंग है। इसके साथ चीजों को जोड़िए और...
बार्बी नहीं डांसिंग डॉल… चाइनिज ड्रैगन को इंडियन टाइगर की पटखनी: भारतीय खिलौनों की दमदार दुनिया
देशवासियों ने जैसे चाइनीज सामानों का बहिष्कार किया, वैसे ही चाइनीज खिलौनों का भी बहिष्कार किया जाना चाहिए। भारत में लघु उद्योग को...
अमेज़न पर आउट ऑफ स्टॉक हुई राहुल रौशन की किताब- ‘संघी हू नेवर वेंट टू अ शाखा’
राहुल रौशन ने हिंदुत्व को एक विचारधारा के रूप में क्यों विश्लेषित किया है? यह विश्लेषण करते हुए 'संघी' बनने की अपनी पेचीदा यात्रा को उन्होंने साझा किया है- अपनी किताब 'संघी हू नेवर वेंट टू अ शाखा' में…"
क्या विभाजन की विचारधारा आज भी जिन्दा है: अजीत भारती और संजय दीक्षित के बीच बातचीत
संजय दीक्षित की पुस्तक 'Nullifying article 370 and enacting CAA' पर अजीत भारती और संजय दीक्षित के बीच भारत में रह रहे कथित अल्पसंख्यकों के विभाजन की विचारधारा पर बातचीत हुई।
जब अटल बिहारी वाजपेयी की कविता के लिए शाहरुख से लेकर अमिताभ और जगजीत सिंह एक मंच पर आए
अटल बिहारी वाजपेयी के कविता संग्रह 'संवेदना' को वर्ष 2002 में म्यूजिक एल्बम के रूप में लाया गया था, जिसे अमिताभ बच्चन, जगजीत सिंह ने अपनी आवाज दी और शाहरुख़ खान ने इस गीत में अभिनय किया था।
काहे के महानायक: अमिताभ बच्चन ने चोरी की कविता की अपने नाम से पोस्ट, लेकिन दूसरों को भेजते हैं नोटिस!
अमिताभ बच्चन ने जो कविता अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर की है, उसकी वास्तविक रचनाकार ने अमिताभ बच्चन से इसे लेकर आपत्ति दर्ज की है।
90 के हिन्दू नरसंहार से एयर स्ट्राइक, प्रेम, कौम और राजनीति तक, ‘बाला सेक्टर’ में सब दर्ज हैं
'बाला सेक्टर' उसी 1990 के भयानक रक्तपात से शुरू होती है। जेहादियों के दल ने अपने ही रक्षक को कैसे मौत के घाट उतारा.. ये सब आपको पहले ही खण्ड में मिल जाएगा।
मैं मुन्ना हूँ: कहानी उस बच्चे की जो कभी अंधेरी कोठरी में दाखिल होकर अपनी आँखें मूँद उजाले की कल्पना में लीन हो गया...
उपन्यास के नायक मुन्ना की कहानी आरंभ होती है उसके श्रापित बचपन से जहाँ वह शारीरिक, मानसिक झंझावतों से जूझता किशोरवय के अल्हड़पन को पार कर प्रेम की अनकही गुत्थियों को सुलझाता जीवन यात्रा में आगे बढ़ता रहा।
मैं मुन्ना हूँ: उपन्यास पर मसान फिल्म के निर्माता मनीष मुंद्रा ने स्कैच के जरिए रखी अपनी कहानी
मसान और आँखों देखी फिल्मों के प्रोड्यूसर मनीष मुंद्रा, जो राष्ट्रीय पुरुस्कार प्राप्त निर्माता निर्देशक हैं, ने 'मैं मुन्ना हूँ' उपन्यास को लेकर एक स्केच बना कर ट्विटर किया है।