विविध विषय
साहित्य, खेल, मनोरंजन से लेकर धर्म-संस्कृति और भारतीय दर्शन जैसे विषयों की खिचड़ी
फोटो फ़ीचर: ‘नमामि गंगे’ से बदलती माँ गंगा की सूरत
सीधे नदी की सफ़ाई करने से पहले उसमें करोड़ों लीटर गिरते हुए कचड़े को रोकना, उसे दूसरी तरफ़ मोड़ना, उसे रसायनों एवं अन्य तरीकों से ट्रीट करना सबसे पहला कदम था जिसका परिणाम इन तस्वीरों में दिख रहा है।
चोखा धंधा है अभिव्यक्ति की आज़ादी का छिन जाना!
डर तो इस बात से भी लगता है कि हिन्दू-मुस्लिम दंगे/झगड़े मे 'समुदाय विशेष' की जगह 'मुस्लिम समुदाय' लिखने पर मुझे साम्प्रदायिक कह दिया जाएगा। लेकिन क्या करें साहब, मन मारकर जी रहे हैं, क्योंकि यहाँ तो हिन्दू नाम होना ही साम्प्रदायिक हो जाने की निशानी है।
सबरीमाला: केरल के वरिष्ठ नेता का आया भड़काऊ बयान, मंदिर के पुजारी को बोला ‘दानव ब्राह्मण’
सबरीमाला मंदिर के मुख्य तंत्री को केरल के एक वरिष्ठ नेता ने 'दानव ब्राह्मण' कहकर बुलाया है। दरअसल, मन्दिर में दो महिलाओं में घुसने के आने के बाद मुख्य तंत्री द्वारा मंदिर के शुद्धिकरण समारोह को आयोजित करने की वज़ह से उन्हें वरिष्ठ नेता द्वारा 'ब्राह्मण दानव' जैसा उपनाम दिया गया।
‘पूजा के समय थूकते, मंदिर में कूड़ा फेंकते थे कट्टरपंथी’ – बहराइच में पथराव से खून-खराबा
पवित्र स्थल पर जबरन कब्ज़ा करने और हिन्दुओं को धमकाने के बाद की मारपीट और पथराव जिसमे लोग घायल और लहूलुहान हुए।
सबरीमाला: बढ़ते तनावों में 52 साल के एक बुज़ुर्ग की दर्दनाक मौत, केरल मुख्यमंत्री का बेकार-सा बचाव
पिनरई विजयन के बताए अनुसार चंद्रन की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि मौत का कारण सिर पर गहरी चोट लग जाने के कारण हुई है।
फ़ारूख़ अब्दुल्ला ने राम मंदिर पर दिया बेहद भावनात्मक बयान- कहा इजाज़त मिलने पर खुद लगाऊँगा मंदिर की ईंट
फ़ारूख़ अब्दुल्लाह का ये बयान उस समय आया है, जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले पर सुनाई की जाने वाली थी, लेकिन आज उसे 10 जनवरी 2019 तक के लिए टाल दिया गया।
अंतरराष्ट्रीय नोबेल विजेता वैज्ञानिकों ने की पीएम की तारीफ; कहा मोदी समझते हैं विज्ञान का महत्व
विज्ञान के क्षेत्र में विश्व के दो प्रमुख नोबेल विजेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि वो विज्ञान का महत्व समझते हैं और भारत में विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए उनके पास विजन है।
बढ़ते विवादों पर अनुपम खेर ने तोड़ी चुप्पी, सिनेमा और राजनीति को बताया एक दूसरे का असली चेहरा
अनुपम का कहना है कि 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' किसी नेता की छवि बिगाड़ने के लिए बनाई गई फ़िल्म नहीं है, बल्कि इस फ़िल्म में ये दर्शाया गया है कि किस तरह एक साधारण व्यक्ति अपनी क्षमता और काबिलियत के आधार पर देश का प्रधानमंत्री बनता है।
‘उल्लू का पट्ठा’ जिसने मनमोहन देसाई और अमिताभ को सितारा बना दिया
"तू कमाने जाना चाहता है, जा, मैं तुझे रोकूंगी नहीं, पर सोच बेटा इस तरह तू कितना कमायेगा? दो रुपये? तीन रुपये? पर याद रखना, ऐसे हमेशा तेरी औकात तीन रुपये की ही रहेगी। घर की तंगहाली और भूख से निपटने के लिए मैं मेहनत मजदूरी करुँगी। तू बस एक ही काम कर, तू पढ़। तू बस पढ़।"
यूट्यूब से गायब हुआ ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ का ट्रेलर; अनुपम खेर ने किया गुस्से का इजहार
अनुपम खेर ने ट्वीट कर के कहा कि विडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइट यूट्यूब पर फिल्म के ट्रेलर का विडियो खोजने पर चोटी के 50 परिणामों में भी ट्रेलर नहीं आ रहा है।