Wednesday, November 6, 2024

विचार

नाचती ऐश्वर्या राय, ₹25 लाख में आई तृषा कृष्णन… उत्तर से दक्षिण तक राजनीति का वही कीचड़: हिरोइन भी किसी की माँ, किसी की...

राहुल गाँधी ने अपने भाषण को दमदार दिखाने के लिए ऐश्वर्या रॉय जैसी नामी अभिनेत्री का नाम उछाला। लेकिन, ऐसा करते समय वो भूल गए कि ऐश्वर्या का अपमान भी नारी का अपमान है।

टाइम बम बनवाने वाली इमराना बेगम TOI के लिए पीड़ित, दिखा ‘मुजफ्फरनगर का घाव’: लादेन को ‘अच्छा पिता और पति’ बनाने वाला मीडिया अब...

क्या आपको पता है कि जहाँ सचिन के शरीर पर पोस्टमॉर्टम के दौरान 17 और गौरव के शरीर पर 15 गहरे घाव मिले थे? उनकी हत्या निर्मम तरीके से की गई थी।

मोदी सरकार ने खेती-किसानी को दिया खूब खाद-पानी, फिर ‘किसानों’ के नाम पर तमाशा क्यों? जानिए 10 साल में कैसे बदली कृषि क्षेत्र की...

कृषि क्षेत्र में मोदी सरकार के कार्यों पर गौर करें तो इस तथ्य को बल मिलता है कि इस किसानो के नाम पर चल रहे तमाशे का मकसद राजनीतिक है।

69.15 रुपए में 1 किलो गेहूँ… राहुल गाँधी की गारंटी: अमीर हो या गरीब, मार्केट में इसी रेट से खरीदना होगा – समझिए MSP...

किसान आंदोलन की आड़ में राजनीतिक खेल खेला जा रहा है। राहुल गाँधी उस आयोग की सिफारिशों को लागू करने की गारंटी दे रहे हैं, जिसे सरकार में रहते हुए कॉन्ग्रेस नकार चुकी है।

चोला किसानों का पर नारे खालिस्तान के, तस्वीर भिंडरावाले की और धमकी PM कोः खेत-खलिहान का भला नहीं, राजनीति का नया मोर्चा है ‘दिल्ली...

एक तरफ जहाँ कथित किसानों ने प्रदर्शन को लेकर पूरी तैयार की हुई है तो वहीं दूसरी ओर पॉलिटिकल पार्टियाँ इस मौके का लाभ उठाने से पीछे नहीं हट रही।

मी लॉर्ड! ये अच्छा है कि आप देख लेंगे, पर समय से देख लेने से आम आदमी को मिल सकती है राहत

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर आम लोगों को हो रही समस्याओं से निजात दिलाने की अपील की है।

मुस्लिम औरतों के लिए 3 महीने का ‘इद्दत’, सागरिका जी ने 3 साल का रखा, इसलिए TMC से जायज माना जाए राजदीप सरदेसाई की...

कभी राज्यसभा की सीट कबूल नहीं करने की मुनादी करने वाली सागरिका घोष ने अब बताया है कि क्यों टीएमसी का ऑफर कबूल करना उनके लिए जायज है।

हल्द्वानी जल गया, पर रवीश कुमार की नहीं बुझी है प्यास: चाहते हैं अब मौके पर पहुँचकर आग भड़काए विपक्ष, दंगाइयों की बने ढाल

रवीश कुमार विपक्ष को सलाह दे रहे हैं कि वो वहाँ जाकर आग को और भड़काए। क्या इतना खून काफी नहीं है? न्यायालय भी अब सांप्रदायिक हो गया?

पूनम पांडेय के सस्ते पब्लिसिटी स्टंट पर होगी कार्रवाई? अगर किसी पुरुष ने ऐसा किया होता तब?

पूनम पांडेय की इस हरकत पर लोग निंदा तो कर रहे हैं, मगर यह तब तक अधूरा है जब तक इस प्रकार के पब्लिसिटी स्टंट को लेकर कोई कानूनी कदम नहीं उठाया जाता।

नीतीश ‘सबके क्यों हैं?’ – ‘पलटूराम’ की वर्तमान छवि में नहीं, इतिहास में है ‘सुशासन बाबू’ को लेकर इस सवाल का जवाब, जो दूध...

नीतीश सबके क्यों हैं? किसी को उनसे या उनको किसी से परहेज क्यों नहीं? इसका जवाब उनकी वर्तमान छवि में नहीं, बल्कि इतिहास में ढूँढ़ा जा सकता है।

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