Tuesday, December 3, 2024

राजनैतिक मुद्दे

दिखने लगा जनसांख्यिकी बदलाव और बांग्लादेशी घुसपैठ का असर… झारखंड में AIMIM लड़ेगी 35 सीटों पर विधानसभा चुनाव, समझें क्या होंगे इसके परिणाम

झारखंड में मुस्लिम बहुल बूथों की संख्या में 100 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है, जिससे राजनीतिक ध्रुवीकरण और बढ़ने की संभावना है।

इतना तो गिरगिट भी नहीं बदलता रंग, जितने विनेश फोगाट ने बदल लिए

विनेश फोगाट का बयान सुनने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि राजनीति में आने के बाद विनेश कितनी सच्ची और कितनी झूठी हो गई हैं।

मुबारक हो बिहार! ‘कमाई’ का सीजन आ गया है…

दुर्भाग्य देखिए कि जो बिहार अपनी राजनीतिक चेतना पर इठलाता है, उसके लिए बाढ़ कभी भी राजनीतिक विमर्श का मुद्दा नहीं रहा। न है। न होने की उम्मीद है।

जम्मू-कश्मीर से लखनऊ तक मातम मना रहे भारत के धर्मांतरित मुस्लिम, हिजबुल्लाह के आतंकी सरगना नसरल्लाह से इनका रिश्ता क्या?

यदि 'उम्माह' से इसका वास्ता होता तो इस्लामिक वर्ल्ड में नसरल्लाह की मौत पर जश्न नहीं मनता। अरब देश हों या सीरिया… सुन्नी खुलकर जश्न मना रहे।

जातिगत आरक्षण: जरूरतमंदों को लाभ पहुँचाना उद्देश्य या फिर राजनीतिक हथियार? विभाजनकारी एजेंडे का शिकार बनने से बचना जरूरी

हमें सोचना होगा कि जातिगत आरक्षण के जरिए क्या हम वास्तव में जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं या फिर हम एक नई जातिगत विभाजन की नींव रख रहे हैं?

हरियाणा में वही ‘रेवड़ी मॉडल’ लेकर आई कॉन्ग्रेस, जिसने कर्नाटक-हिमाचल की अर्थव्यवस्था को किया तबाह: कब आर्थिक प्रबंधन सीखेंगे राजनीतिक दल?

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कॉन्ग्रेस ने मेनिफेस्टो जारी किया है। उसने इस बार भी हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे कई 'रेवड़ी' वादे किए हैं।

नंदू पासवान और गौतम पासवान के विवाद में जली नवादा की महादलित बस्ती, ‘बहुजनों पर हमला’ बता जाति की आग लगाने निकल पड़े राहुल...

बिहार को एक बार फिर से जातीय हिंसा की आग में झोंकने की कोशिश की जा रही है। नवादा में महादलित समुदाय के दर्जनों घरों में आग लगा दी गई।

ईद-ए-मिलाद पर ट्रैफिक से लेकर पुलिस-प्रशासन सब की व्यवस्था, कैद में भगवान गणेश की मूर्ति: कर्नाटक में और क्या-क्या करेगी कॉन्ग्रेसी सरकार?

ईद-ए-मिलाद के लिए सरकार इतनी चौकन्नी है, तो गणेश चतुर्थी पर ऐसा क्या हो गया कि भगवान गणेश की मूर्ति को पुलिस की हिरासत में रखना पड़ा?

13 सितंबर का वह फैसला जिसकी काट नहीं खोज पाया कॉन्ग्रेस का इकोसिस्टम, जिसके कारण आज भी बेचैन है लिबरल-वामपंथी गैंग

भाजपा ने रिस्क लिया। मोदी जीते। सिर्फ एक बार नहीं। आज भी उनके मुकाबले में कोई नहीं दिखता।

महंत अवैद्यनाथ: एक संत, एक योद्धा और एक समाज सुधारक, जिन्होंने राम मंदिर के लिए बिगुल फूँका और योगी आदित्यनाथ जैसे व्यक्तित्व को निखारा

सन 1919 में जन्मे महंत अवैद्यनाथ को पहले 'कृपाल सिंह बिष्ट' के नाम से जाना जाता था। उन्हें योगी आदित्यनाथ के रूप में अपना उत्तराधिकारी मिला।

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