Monday, November 25, 2024

राजनैतिक मुद्दे

मौज में ‘डिजिटल जेहादी’ जुबैर, पर घर में कैद हैं नुपूर शर्मा: कन्हैया लाल और उमेश कोल्हे के हत्यारों को साल भर बाद भी...

पिछले 1 वर्ष में नूपुर शर्मा और तस्लीम रहमानी के जीवन का जो अंतर है न, वही मोहम्मद जुबैर जैसे 'डिजिटल जिहादियों' की सफलता है। कन्हैया लाल तेली और उमेश कोल्हे का गला रेता जाना और 1 वर्ष बाद भी हत्यारों को सज़ा न मिलना, यही इन 'डिजिटल जिहादियों' का उत्साहवर्धन है।

केजरीवाल से कम नहीं जंतर-मंतर वाले पहलवान: बबीता फोगाट, पीटी उषा और अब योगेश्वर दत्त, जिनके भी सुर हुए अलग उनके मेडल खोटे

बृजभूषण सिंह पर आरोप लगाने वाले पहलवान उन सबको निशाने पर ले रहे हैं, जो उनके अनुसार नहीं बोल रहे हैं या उनकी हाँ में हाँ नहीं मिला रहे हैं।

राजनीति के ‘शुक’ और ‘सारण’ भी आदिपुरुष पर बन गए रामभक्त ‘वानर’… ओम राउत और मनोज मुंतशिर की करनी पर BJP से माँग रहे...

राजनीति में ऐसे चरित्र भरे पड़े हैं जो रावण टोले के बहुरूपियों जैसे हैं। ये बहुरूपिए अब आदिपुरुष को लेकर भी बीजेपी से जवाब चाहते हैं।

क्या बिहार की सियासत के रामविलास हैं जीतनराम मांझी?

रामविलास पासवान राजनीति के मौसम वैज्ञानिक कहे जाते थे। बिहार की राजनीति में जीतनराम मांझी की यात्रा भी ऐसी ही रही है।

दो मजहबी भेड़ियों के बीच फँसी लड़की की यह तस्वीर भले धुँधली है, लेकिन इसके बारे में आपकी जानकारी साफ होनी चाहिए

इस्लामपरस्त, वामपंथी, लिबरल... पूरा गिरोह डर में है। 90 के दशक में जिस कहानी पर लीपापोती कर दी गई, वह गोदी मीडिया के जमाने में गाँव-गाँव तक पहुँच रही है।

शोएब जमई मुस्लिमों का प्रतिनिधि और अधिवक्ता सुबुही खान को अपनी बात रखने का भी हक़ नहीं? लिबरल गिरोह नफरती कट्टरपंथी से जमा रहा...

शोएब जमई मुस्लिमों का प्रतिनिधि बन गया और एक मुस्लिम महिला सुबुही खान को बोलने का भी अधिकार नहीं? कन्हैया लाल के लिए कहाँ थी ये सहानुभूति?

बृजभूषण शरण सिंह vs पहलवान: क्या हैं आरोप, क्या हैं कानूनी प्रावधान, अब तक क्यों नहीं हुई गिरफ्तारी… हर सवाल का जवाब एक साथ

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज POCSO में दर्ज मुकदमे को लेकर पहलवान उनकी गिरफ्तारी की माँग को लेकर लगातार दबाव बना रहे हैं।

सेवा, सुशासन और संकल्प के 9 साल: PM मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में कश्मीर से कन्याकुमारी तक बदला भारत, सांस्कृतिक पुनर्जागरण से गरीब कल्याण...

मोदी सरकार की उपलब्धियों की जाँच करने के लिए ऑपइंडिया ने 2014 और 2019 के घोषणा पत्रों पर बरीकी से नज़र डाली है।

शुरू से एक्शन लेती रही सरकार, फिर भी राजनीति की गंगा में बहे पहलवान: बृजभूषण बनाम हुड्डा की लड़ाई में मेडल भी दाँव पर...

जानें बृजभूषण बनाम हुड्डा की लड़ाई का इतिहास। खेल संघों में सरकार का कितना दखल? देखें कैसे प्रदर्शनकारियों के लिए केंद्र सरकार ने लिए कई एक्शन।

गुजराती PM, तमिल ‘सेंगोल’, दिल्ली का संसद भवन, राजस्थान के पत्थर, महाराष्ट्र की लकड़ियाँ, 60000 श्रमिक… लोकतंत्र का नया मंदिर भारत की एकता का...

तमिलनाडु के संतों ने दिल्ली में संसद भवन का उद्घाटन कराया, गुजराती PM को 'सेंगोल' सौंपा - देश को जोड़ने वाली इससे बेहतर घटना क्या होगी भला?

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