Monday, November 25, 2024

राजनैतिक मुद्दे

राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया, तब नहीं था उनकी गरिमा का ख्याल? जनजातीय समाज की महिला पर बदजुबानी करने वालों की पार्टी, अब...

मनीष तिवारी, उदित राज और अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ कॉन्ग्रेस ने क्या कार्रवाई की? संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार क्यों किया?

स्वतंत्रता का प्रतीक ‘सेंगोल’, संविधान में श्रीराम-श्रीकृष्ण विराजमान, पर मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए बदल दिया वेदों की भूमि का इतिहास ही

वेदों की भूमि पर वैदिक मंत्रोच्चार ही होगा न? 'सेंगोल' तमिल ही नहीं, हिन्दू गौरव का प्रतीक है। संविधान में श्रीराम और श्रीकृष्ण मौजूद हैं, फिर 'सेक्युलर' गिरोह को दिक्कत क्यों?

ईसाई रीति-रिवाज और पवित्र तेल से बना राजा: जो चले थे ‘ज्ञान का उजियारा’ देने… उनका लोकतंत्र आज अंधेरे में

भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक परम्पराओं का मजाक उड़ाने वाले अंग्रेजों में आज भी ईसाई कुप्रथाएँ ऐसी फैली हैं कि राजा तक को...

कॉन्ग्रेस ने जैसे-तैसे सजा ली कर्नाटक की मेज, पर सिद्धारमैया को छोड़ सबकी प्लेट रह गई खाली

कर्नाटक पर अब कॉन्ग्रेस सिद्धारमैया और शिवकुमार की तस्वीरों से संदेश देने की कोशिश कर रही। पर बयान कुछ और ही कहानी कह रहे।

राह कई, पर किधर जाएँगे DK शिवकुमार: कर्नाटक में CM बने कोई भी, पिसना कॉन्ग्रेस को ही

सिंधिया, पायलट, प्रतिभा, TS बाबा और सिद्धू - CM न बनने की स्थिति में DK शिवकुमार के सामने 5 उदाहरण हैं। अब उनके ऊपर है कि वो किसके रास्ते जाएँगे।

इस्लामी ब्रेनवॉश और प्रेमियों की शादी में फर्क भूला दैनिक भास्कर, ‘केरल स्टोरी’ से की बरेली में 79 मुस्लिम लड़कियों के हिंदू बनने की...

इस्लामी नेटवर्क द्वारा हिन्दू लड़कियों का ब्रेनवॉश और किसी प्रेमी जोड़े का स्वेच्छा से शादी करना - पंडित शंखधार को बदनाम करने से पहले 'दैनिक भास्कर' को ये अंतर समझना चाहिए था।

पानि में माछ आ नौ कुट्टी बखरा… क्या कर्नाटक और कॉन्ग्रेस को चैन से जीने देगी खुशफहमी वाला ये जनादेश

कर्नाटक में कॉन्ग्रेस को मिला जनादेश कुछ समुदायों और एक विशेष मजहब की खुशफहमियों की उपज है। क्या मनवांछित हिस्सेदारी नहीं मिलने पर ये कॉन्ग्रेस और कर्नाटक को चैन से जीने देंगे?

राजेश माँझी का गुनाह क्या, दलित होना या आरोपितों का मुस्लिम होना? हत्या पर केरल से बिहार तक वे चुप, जिनका जुनैद-इशरत पर उमड़ा...

एक पिछड़े राज्य के पिछड़े समाज का कोई व्यक्ति मॉब लिंचिंग का शिकार हो जाता है, लेकिन उस राज्य के दोनों मुखिया देशाटन में लगे हैं, अपनी राजनीति चमकाने के लिए। शशि थरूर 'The Kerala Story' के विरोध में व्यस्त हैं।

कॉन्ग्रेस के लिए अब दिल्ली कितनी दूर?

भाड़े के सैनिकों से भी युद्ध तभी जीते जाते हैं जब सेनापति खुद सक्षम हो। पर कॉन्ग्रेस का 'स्वयंभू सेनापति' निस्तेज और सामर्थ्यहीन है। खासकर जब मुकाबला नरेंद्र मोदी नाम के राजनीतिक बाहुबली से हो।

ना BJP हिंदुत्व से भटकी, ना ही हिन्दू नाराज़ हैं… ऐसा होता तो नहीं हारते CT रवि जैसे नेता, हिजाब-मुस्लिम आरक्षण-ईदगाह मैदान सब पर...

अगर BJP हिंदुत्व छोड़ देती तो ईदगाह मैदान और हिजाब पर कड़ा स्टैंड नहीं लेती। अगर हिन्दू नाराज़ होते तो CT रवि जैसे फायरब्रांड नेता नहीं हारते। कारण कई हो सकते हैं, लेकिन ये नहीं कि भाजपा हिंदुत्व से भटक गई या हिन्दू नाराज़ हैं।

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