Monday, October 7, 2024
Homeविचारराजनैतिक मुद्देइस्लामी ब्रेनवॉश और प्रेमियों की शादी में फर्क भूला दैनिक भास्कर, 'केरल स्टोरी' से...

इस्लामी ब्रेनवॉश और प्रेमियों की शादी में फर्क भूला दैनिक भास्कर, ‘केरल स्टोरी’ से की बरेली में 79 मुस्लिम लड़कियों के हिंदू बनने की तुलना: पंडित शंखधार को किया बदनाम

'दैनिक भास्कर' ने पंडित शंखधार द्वारा किए जा रहे कार्य को ऐसे पेश किया जैसे वही हिन्दू लड़कों को भेज रहे हों कि जाओ मुस्लिम लड़कियों का ब्रेनवॉश करो। यहाँ न कोई आतंकी संगठन है, न कोई व्यवस्थित नेटवर्क। वो चुनौती देते हैं कि एक भी ऐसा प्रेमी जोड़ा निकल जाए जिसे पहले से उन्होंने कुछ सिखाया हो, तो वो ये काम छोड़ देंगे।

फिल्म ‘The Kerala Story’ ने 13 दिनों में भारत में 157 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे हिन्दू लड़कियों को पहले प्यार के जाल में फँसाया जाता है, फिर उनका इस्लामी धर्मांतरण करा कर उनसे निकाह किया जाता है, इसके बाद उनकी तस्करी कर के आतंकी संगठन ISIS के पास भेज दिया जाता है। उनका ब्रेनवॉश किया जाता है। उन्हें आतंकियों का सेक्स स्लेव बना दिया जाता है। अब ‘दैनिक भास्कर‘ ने इस घटना की तुलना पंडित शंखधार के कार्यों से कर दी है।

56 वर्षीय पंडित शंखधार उत्तर प्रदेश के बरेली के मढ़ीनाथ स्थित ‘अगस्त्य मुनि आश्रम’ में रहते हैं। उनका असली नाम कृष्ण कुमार शर्मा है। वो ऐसे प्रेमी जोड़ों की शादी कराते हैं, जिनमें लड़के हिन्दू होते हैं और लड़की मुस्लिम। ‘दैनिक भास्कर’ ने दावा किया है कि अब तक वो ऐसी 78 शादियाँ करा चुके हैं (अब ये आँकड़ा 79 हो गया है)। अख़बार ने इसे ये कह कर पेश किया है कि वहाँ मुस्लिम लड़कियों को पहले हिन्दू बना दिया जाता है, फिर मुस्लिम लड़के से उनकी शादी करवा दी जाती है।

पहली नजर में पढ़ कर ऐसा लगता है कि मुस्लिम लड़कियों को फँसाने का कोई धंधा चल रहा हो। ये सब इसके बावजूद लिखा गया है, जब अख़बार में ही इसका जिक्र है कि एक मुस्लिम लड़की ने 2013 में खुद उनसे संपर्क किया था और उसके द्वारा जोर दिए जाने के बाद ही उन्होंने वो शादी करवाई थी। उन्हें हत्या की धमकियाँ मिल रही हैं, इसके बावजूद ‘दैनिक भास्कर’ उनके खिलाफ दुष्प्रचार में लगा है। उन्होंने खुद बताया है कि शादी के लिए उनसे मुस्लिम लड़कियाँ या हिन्दू लड़के संपर्क करते हैं, सबसे पहले दस्तावेज जाँचा जाता है कि वो बालिग हैं या नहीं।

‘दैनिक भास्कर’ को पता होना चाहिए कि व्यवस्थित ढंग से मौलानाओं द्वारा मुस्लिम युवाओं को हिन्दू लड़कियों को फँसाने के लिए तैयार करना और स्वेच्छा से किसी प्रेमी जोड़े द्वारा शादी के लिए किसी पंडित से संपर्क करना – इन दोनों में अंतर है। ‘The Kerala Story’ एक ऐसे ही नेटवर्क का पर्दाफाश करती है, जबकि पंडित कृष्ण कुमार शर्मा उर्फ़ शंखधार कट्टरपंथियों की धमकी के बावजूद कानूनी प्रक्रिया का पालन करवाते हुए उन प्रेमी जोड़ों की मदद कर रहे हैं जिनका कोई नहीं है।

ऑपइंडिया ने पंडित शंखधार से की बात, ‘दैनिक भास्कर’ के प्रोपेगंडा का पर्दाफाश

ऑपइंडिया ने बरेली के पंडित शंखधार से बात कर के उनके पक्ष को जाना। उन्होंने बताया कि 2013 से उन्होंने ये कार्य शुरू किया था। इसका कारण था एक मुस्लिम लड़की द्वारा उनसे संपर्क करना। उक्त मुस्लिम लड़की ने उस समय उनसे कहा था कि एक हिन्दू लड़के ने प्यार कर के उसे धोखा दे दिया। लड़के के परिवार से बात करने पर पता चला कि वो लोग लड़की के मुस्लिम होने के कारण शादी के लिए राज़ी नहीं थे।

ऐसे में पंडित शंखधार ने उन्हें समझाने का प्रयास किया। इसके बाद उस लड़की ने पुलिस में शिकायत कर दी। जबकि लड़की कह रही थी कि वो जब भी शादी करेगी तो अपनी प्रेमी से ही, वरना मौत को भी गले लगा सकती है। लड़की ने पुलिस को दी गई शिकायत में यौन शोषण कर शादी से मुकरने का आरोप लड़के पर लगाया। इसके बाद लड़के के घर वालों ने पंडित कृष्ण कुमार शर्मा उर्फ़ पंडित शंखधार से संपर्क किया। लड़की भी राज़ी थी, ऐसे में उन्होंने शादी करा दी।

उसी समय से ये सिलसिला शुरू हो गया और फेसबुक पर इस प्रकरण को लेकर डाले जाने के बाद ऐसे प्रेमी जोड़ों ने उनसे संपर्क करना शुरू कर दिया। जो शादी कराने के लिए आते थे, ना चाहते हुए भी उनकी समस्याओं को सुन कर पंडित शंखधार को विवश होकर उनकी शादी करानी पड़ती थी। पंडित शंखधार बताते हैं कि कैसे काफी हिन्दू लड़कियाँ भी मुस्लिमों से शादी करने के लिए इस्लाम अपना रही हैं और निकाह कर रही है, फिर मुस्लिम लड़कियों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता अगर चीजें स्वेच्छा से हो रही हों?

पंडित शंखधार बताते हैं कि कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए ये काम तब से आसानी से होने लगा है, जब से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी। उनका कहना है कि इससे लोगों के मन से अपराधियों का भय निकलना शुरू हुआ मुस्लिम लड़कियाँ भी सोचने लगीं कि सीएम योगी की दुरुस्त कानून व्यवस्था वाली सरकार में कोई अनहोनी नहीं होगी और कोई उनका कुछ बिगाड़ नहीं सकता, तो वो भी आगे आने लगीं।

पंडित शंखधार कहते हैं कि लोगों ने सपने में भी नहीं सोची थी कि यूपी में कानून व्यवस्था इतनी चुस्त-दुरुस्त हो सकती है। वो बताते हैं कि रात के समय भी लड़कियाँ यूपी में कहीं घूमने निकल सकती हैं, उनके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता। वो कहते हैं कि इसी कारण मुस्लिम लड़कियों का भी मनोबल बढ़ा और उन्हें लगने लगा कि हिन्दू धर्म में जाकर वो बहुविवाह की प्रथा से बच जाएँगी, तीन तलाक-हलाला जैसी शर्मनाक चीजों से उन्हें नहीं गुजरना होगा।

उन्होंने कहा कि वो अधिकतर ऐसे मामलों में मना ही करते हैं, लेकिन कुछ मामलों में विवश होकर उन्हें शादी करानी पड़ती है क्योंकि लड़का-लड़की कहने लगते हैं कि उनका पास कोई और विकल्प नहीं है और वो आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएँगे। पंडित शंखधार ऐसी शादियाँ कराने से पहले वकीलों से सलाह-मशवरा करते हैं और सारे कागजात जाँचते हैं। उन्हें सौ-हजार में दक्षिणा मिल जाती है। कभी उनके पैसे भी लग जाते हैं।

उन्होंने बताया कि उनके पास कई ऐसे प्रेमी जोड़े और मुस्लिम लड़कियाँ आईं, जो घर छोड़ चुके थे और इधर-उधर कई दिनों से ठोकर खा रहे थे। कुछ को वकीलों ने भी धोखा दे दिया। जिनकी-जिनकी शादी हुई है, उन सभी के शपथ-पत्र की प्रतियाँ उनके पास हैं। उन्होंने बताया कि अधिकतर मामलों में मुस्लिम लड़की और उनके हिन्दू प्रेमी साथ ही आते हैं। ‘बजरंग दल’ और ‘हिन्दू युवा वाहिनी’ जैसे संगठनों से वो संपर्क करते हैं, संगठन के लोग उन्हें लेकर पंडित शंखधार के पास आ जाते हैं।

पंडित शंखधार ‘विश्व हिन्दू परिषद (VHP)’ के महानगर प्रवर्तक प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। पहले वो ‘हिन्दू युवा वाहिनी’ के जिला प्रभारी थे। ये संगठन लंबे समय तक गोरखपुर के सांसद रहे योगी आदित्यनाथ का था, जिन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद इसे निष्क्रिय कर दिया। पंडित शंखधार, हिन्दू नेता कमलेश तिवारी से भी जुड़े थे। याद दिला दें कि इस्लामी कट्टरपंथियों ने पैगंबर मुहम्मद के अपमान का आरोप लगा कर कमलेश तिवारी की लखनऊ में हत्या कर दी थी।

पंडित शंखधार फेसबुक के माध्यम से भी कमलेश तिवारी से जुड़े हुए थे। दोनों की आपस में बातचीत भी होती रहती थी। पंडित शंखधार कहते हैं कि हिंदुत्व से उनका जुड़ाव शुरू से रहा है और वो देखते आ रहे हैं कि कैसे तुष्टिकरण के कारण हिन्दुओं के साथ कीड़े-मकौड़ो जैसा व्यवहार होता है। उन्होंने कहा कि जब पीड़ित हिन्दू होते हैं तो उन्हें कोई पूछता ही नहीं, लेकिन किसी मुस्लिम के साथ कुछ हो जाए तो कॉन्ग्रेसी-वामपंथी हल्ला मचा देते हैं, कैंडल मार्च होने लगता है।

पंडित शंखधार ने कहा, “ये हिन्दुओं का ही देश है और हिन्दुओं को ही कोई सुनने वाला नहीं। ऐसी परिस्थितियों से मुझे बड़ा दुःख होता था। लोकतंत्र में सभी को समानता का अधिकार होना चाहिए।” ‘दैनिक भास्कर’ ने इन चीजों की तुलना ‘The Kerala Story’ से कर दी, जहाँ अंत में हिन्दू लड़कियों की काफी दुर्दशा होती है। जबकि पंडित शंखधार के मामले में मुस्लिम लड़कियाँ खुश रहती हैं, हिन्दू प्रेमी से शादी कर के शरिया के बंधनों से मुक्त हो जाती हैं।

पंडित शंखधार कहते हैं कि इस्लामी आतंकवादी की भट्ठियों में हिन्दू लड़कियों को झोंका जा रहा है, उन्हें बहला-फुसला कर, उनका ब्रेनवॉश कर के और उन पर दबाव बना कर एक षड्यंत्र के तहत उन्हें फँसाया जाता है। यही ‘The Kerala Story’ में होता है। जबकि पंडित शंखधार जो कर रहे, उससे इसका जमीन-आसमान का अंतर है। वो कहते हैं कि उनके यहाँ ऐसा कुछ नहीं होता। यहाँ कोई ब्रेनवॉश नहीं होता, लड़कियाँ अपनी मर्जी से यहाँ आती हैं, वो इस्लामी रीति-रिवाजों से त्रस्त होकर यहाँ आती हैं।

वहाँ आतंकवादियों द्वारा पोषित तत्व ऐसे कांडों को अंजाम देते हैं, जबकि इधर लड़कियाँ अच्छे जीवन की चाह में आती हैं। पंडित शंखधार इसका उदाहरण देते हुए कहते हैं कि कई ऐसी लड़कियाँ हैं जो नृत्य-संगीत का भी प्रशिक्षण ले रही हैं, जो इस्लाम में हराम है और मुस्लिम परिवार में रहते हुए ये सब संभव नहीं है। ये मुस्लिम लड़कियाँ नाचती-जाती हैं, आनंद करती हैं और अपनी आज़ादी का लुत्फ़ उठाती हैं। सभी सुखी जीवन जी रही हैं, जबकि ‘The Kerala Story’ वाली लड़कियों के लिए मौत या बदतर ज़िन्दगी ही विकल्प बचता है।

‘दैनिक भास्कर’ ने पंडित शंखधार द्वारा किए जा रहे कार्य को ऐसे पेश किया जैसे वही हिन्दू लड़कों को भेज रहे हों कि जाओ मुस्लिम लड़कियों का ब्रेनवॉश करो। यहाँ न कोई आतंकी संगठन है, न कोई व्यवस्थित नेटवर्क। वो चुनौती देते हैं कि एक भी ऐसा प्रेमी जोड़ा निकल जाए जिसे पहले से उन्होंने कुछ सिखाया हो, तो वो ये काम छोड़ देंगे। उन्होंने बताया कि कई बार हवन सामग्रियों से लेकर अन्य चीजों के लिए उन्हें अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं।

क्या उन्हें पुलिस-प्रशासन का सहयोग मिलता है? पंडित शंखधार इसका जवाब देते हुए कहते हैं – कतई नहीं। उनका कहना है कि पुलिस-प्रशासन तो इस फ़िराक में रहता है कि कब कोई गड़बड़ी निकले और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पंडित शंखधार पर एक नाबालिग की शादी कराने का मामला भी चल रहा है, लेकिन उन्होंने बताया कि लड़की ने आधार कार्ड, वोटर आईडी और श्रम कार्ड दिया था उसमें वो बालिग थी। लेकिन, उसके परिजनों ने 10वीं की मार्कशीट के आधार पर उसे नाबालिग साबित करने की कोशिश की। उससे पहले लड़के को मुस्लिम बनने के लिए धमकाया गया।

लड़के ने मना कर दिया तो केस कर दिया गया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में जब से धर्मांतरण के खिलाफ कानून बना है, तब से वो लड़की को सबसे पहले जिलाधिकारी के पास भेजते हैं। वो वकीलों से जाकर लिखवाती हैं कि वो हिन्दू धर्म में आना चाहती हैं, फिर डीएम से अनुमति मिलने के बाद शादी होती है। धमकियों पर पंडित शंखधार कहते हैं कि जो लोग मानवता में विश्वास नहीं रखते उनसे उन्हें खतरा तो है। उन्होंने कहा कि वो महीने में 1 प्रतिशत ही घर से निकलते हैं और भगवान पर विश्वास रख कर अपना काम कर रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मेहदी फाउंडेशन’ से जुड़ा है UP का परवेज अहमद, पाकिस्तानी मुस्लिमों को ‘हिंदू पहचान’ देकर भारत में बसाता है: खुद की बीवी भी सीमा...

पुलिस ये छानबीन कर रही है कि पाकिस्तानी परिवारों का कोई आपराधिक बैकग्राउंड है या नहीं। अगर नहीं, तो फिर उन्हें वापस उनके मुल्क भेजने की प्रक्रिया की जाएगी।

अतीक हो या मुख्तार, इंजीनियर रशीद हो या शरजील इमाम… क्यों हर बार छलक जाता है पत्रकार राजदीप सरदेसाई का ‘उम्माह’?

राजदीप सरदेसाई की एक पहचान यह भी है कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जो देश या समाज के लिए खतरनाक है, उनका परम मित्र होता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -