अमेरिकी विदेश मंत्री, माइकल पोम्पेओ ने उइगरों को क़ैद रखने की चीन की नीति को 'सदी का दाग' भी कहा। विदेश विभाग का अनुमान है कि 8 लाख उइगरों समेत 20 लाख तुर्क मुस्लिमों को बीजिंग ने आंतरिक शिविरों में “re-education” के नाम पर क़ैद कर रखा है।
धर्मगुरू श्री प्रकाश के अनुसार, उनके आश्रम और उनके घर को खोजकर उनके पास फ़र्ज़ी पत्रकारों को भेजा गया। उनके आश्रम में विरोधी लोग अनुयायी की शक्ल में आते, फ़र्ज़ी पत्रकार आश्रम और उनकी तस्वीरें लेते, वीडियो रिकॉर्डिंग करते और इस तरह आश्रम और धर्मगुरू के बारे में ग़लत प्रचार करते।
सोमवार को इमरान की मुलाक़ात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में होनी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि ट्रंप आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई के लिए
इमरान पर दबाव बना सकते हैं।
साहा उन पॉंच बांग्लादेशियों और दो रोहिंग्या शरणार्थियों में से एक थीं जिन्हें ढाका के अमेरिकी दूतावास ने व्हाइट हाउस भेजा था। बांग्लादेश के मंत्री ओबैदुल कादर ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "महिला झूठी है और जान- बूझकर देशद्रोही टिप्पणी की है।"
हिटलर को 'मेरे मित्र हिटलर' तो गाँधी ने भी कहा था। उन्होंने तो हिटलर को 'वीर', 'अपनी पितृभूमि से प्रेम करने वाला' भी कहा था, और कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि हिटलर वह दैत्य है जो उसके दुश्मन उसे बताते हैं।
महिला को उसकी हरकत के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन पादरी ने उस पर किसी तरह के आरोप नहीं लगाए। जिसके कारण उसे बाद में रिहा कर दिया गया। महिला की दोस्तों का कहना है कि वो मानसिक परेशानी से जूझ रही है।
पाकिस्तान के इस क़दम से भारत को भी हैरानी हुई थी क्योंकि पाकिस्तानी सेना सामान्यतः चीन निर्मित एके-56 राइफल का ही प्रयोग करती है। जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के पास से ऐसे कई एके-56 राइफल्स जब्त किए जा चुके हैं।
फ्रांसीसी न्यायिक व्यवस्था में जज ऑफ इन्क्वायरी को यह फैसला करना होता है कि आरोपी पर अभियोग चलाया जा सकता है या नहीं। जज ऑफ इन्क्वायरी के फैसले को यहूदियों के संगठन सीआरआइएफ के अध्यक्ष फ्रांसिस खालिफत ने आश्चर्यजनक और अनुचित बताया है।
अपने तीखे हमलों के लिए अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया में जाने जाने वाले ट्रम्प ने इन्हें नज़रंदाज़ करने की बात करते हुए कहा, "ये इतने मूर्ख हैं कि इन्हीं के लिए शैम्पू की बोतल जैसी सरल चीज़ पर भी इस्तेमाल करने का तरीका लिखा जाता है।"
पाकिस्तान ने वियना संधि का सीधा-सीधा उल्लंघन करते हुए भारत द्वारा कुलभूषण जाधव को किसी भी प्रकार का क़ानूनी मदद (काउंसलर एक्सेस) मुहैया कराने की अनुमति नहीं दी। जब कुलभूषण की माँ और पत्नी उनसे मिलने गई, तब उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।