Saturday, March 15, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयPak PM इमरान ख़ान की अमेरिका में फजीहत, एयरपोर्ट पर नहीं पहुँचे अधिकारी

Pak PM इमरान ख़ान की अमेरिका में फजीहत, एयरपोर्ट पर नहीं पहुँचे अधिकारी

इमरान ख़ान का यह अमेरिकी दौरा बलोच, सिंधी और मोहाजिर समेत पाकिस्तान के कई धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय को रास नहीं आ रहा है। इसके विरोध में वे प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की उस समय फजीहत हो गई जब एयरपोर्ट पर उनकी आगवानी के लिए अमेरिकी प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी नहीं पहुॅंचा। इसको लेकर सोशल मीडिया में उनका खूब मजाक उड़ाया जा रहा है। अपने कैबिनेट सहयोगी और अधिकारियों के साथ उन्हें मेट्रो में बैठकर होटल जाना पड़ा।

पाक पीएम इमरन ख़ान शनिवार (20 जुलाई 2019) शाम को तीन दिवसीय आधाकारिक यात्रा पर अमेरिका पहुँचे। सोमवार (22 जुलाई 2019) को उनकी मुलाक़ात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में होनी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई के लिए इमरान ख़ान पर दबाव बना सकते हैं।

क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ख़ान देश के मुखिया होने के बावजूद किसी चार्टड विमान से नहीं, बल्कि कतर एयरवेज की फ्लाइट से अमेरिका पहुँचे थे। इसकी मुख्य वजह पाकिस्तान का आर्थिक संकट है। ख़बर के अनुसार, अपनी इस अमेरिकी यात्रा के दौरान ख़ान IMF के कार्यवाहक प्रमुख डेविड लिप्टन और विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास से भी मुलाक़ात करेंगे। इसके अलावा पाक पीएम रविवार (21 जुलाई 2019) को वाशिंगटन डीसी में कैपिटल वन एरिना में एक सभा को संबोधित करेंगे।

मंगलवार को वह यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ़ पीस थिंक-टैंक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। बता दें कि इससे पहले, अक्टूबर 2015 में प्रधानमंत्री के तौर पर नवाज़ शरीफ़ ने अमेरिका की आधिकारिक यात्रा की थी।

ख़बर तो यह भी है कि इमरान ख़ान का यह अमेरिकी दौरा बलोच, सिंधी और मोहाजिर समेत पाकिस्तान के कई धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय को रास नहीं आ रहा है। इसके विरोध में वे प्रदर्शन भी कर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार पर हमेशा से बलोच और सिंधी समाज के ख़िलाफ़ अत्याचार के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में इंग्लैंड में आयोजित विश्व कप मुक़ाबलों के दौरान भी पाकिस्तान के ख़िलाफ़ स्टेडियम में नारेबाज़ी के साथ-साथ पोस्टर और बैनर लहराए गए थे। इन बैनरों में बलोच का समर्थन किया गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘हिम्मत कैसे हुई जय श्रीराम बोलने की’: डोल पूर्णिमा-होली मना रहे हिंदुओं पर मुस्लिम भीड़ ने किया हमला, BJP ने शेयर किया बंगाल के...

बीरभूम जिले के अनाईपुर गाँव में डोल पूर्णिमा और होली मना रहे हिंदुओं पर इस्लामी भीड़ ने हमला कर दिया।

अमेरिका गई पढ़ने, करने लगी ‘हमास आतंकियों’ का समर्थन: ट्रम्प सरकार ने वीजा छीना, अब खुद से डिपोर्ट हुई रंजनी श्रीनिवास

उसके ऐसे कुछ निबन्ध सामने आए है जहाँ वह कथित ब्राम्हणवादी मानसिकता को कोस रही है। रंजनी श्रीवास्तव अमेरिका जाने से पहले भारत में अहमदबाद के भीतर CEPT विश्वविद्यालय में पढ़ती थी।
- विज्ञापन -