मेजर जनरल आसिफ गफूर ने रावलपिंडी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि 1947 में पाकिस्तान में 247 मदरसे थे, जो कि 1980 में बढ़कर 2861 हो गए और मौजूदा वक्त में पाकिस्तान में 30 हजार से ज्यादा मदरसे चलाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वापसी के बारे में चीनी मीडिया और विशेषज्ञ क्या सोचते हैं? राहुल गाँधी के बारे में क्या है चीन में चर्चा? चीन को भरोसा है कि मोदी वापस लौटेंगे और वहाँ की मीडिया में 'डिजिटल इंडिया' जैसी भारतीय योजनाओं के साथ-साथ मोदी की वैश्विक कूटनीति की भी चर्चा है।
“हमने हिंसक चरमपंथी संगठनों और जिहादी संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया है और हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। दहशतगर्दी का समूल नाश करने के लिए बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। हमारे देश ने इस दहशत के साम्राज्य के कारण बहुत नुकसान उठाया है। आतंकवाद के कारण लाखों डॉलर गँवाए हैं।”
श्री लंका में अबतक 150 आरोपितों व आतंकियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है और इस्लामिक आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार ने कई नए नियम लगाए हैं। गिरफ़्तार आरोपितों से पूछताछ जारी है। 21 अप्रैल को हुए हमले में 250 से भी अधिक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
अरबी अक्षर इस्तेमाल करने के बदले 1 नवम्बर 1928 को कमाल पाशा ने तुर्की वर्णमाला भी लागू कर दी और इसके साथ ही तुर्की ज़ुबान को अरबी में लिखना बंद करवा दिया।
राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखने हुए श्री लंका सरकार ने यह कड़ा फैसला लिया है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि वहाँ के राष्ट्रपति ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
ये वीडियो कोयम्बटूर में गिरफ़्तार किए गए खूँखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के गुर्गों के पास से ज़ब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से प्राप्त किए गए थे। एनआईए ने देश के कई हिस्सों में छापा मारकर आतंकियों द्वारा हिन्दू संगठन के नेताओं को मारे जाने की साज़िश का ख़ुलासा किया था।
वह दूसरे मज़हबों ही नहीं, उदारवादी मुसलामानों और सूफ़ियों को भी अपशब्द कहता था - उसके लिए सूफ़ी नशेड़ी थे। इस्लामिक पढ़ाई में उसकी रुचि इतनी ज्यादा थी कि उसने केवल कुरान रटने के लिए अरबी का कोर्स किया और 2006 में एक इस्लामिक अध्ययन केंद्र खोल डाला था।